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इतना तो अब तय है,नगर पालिका में भ्रष्टाचारी इओ की जय है

 


मधुसूदन सिंह

बलिया ।। लोगो के मन मे अखिलेश सरकार की छवि भ्रष्टाचारी सरकार के रूप में दर्शाते हुए प्रदेश में योगी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने के वादे के साथ सत्तारूढ़ हुई । लोगो को लगा कि चलो अब भ्रष्टाचार से मुक्ति मिलेगी, भ्रष्टाचार की शिकायत करने पर तुरंत जांच व जांच में दोषी पाये जाने पर कार्यवाही सुनिश्चित होगी । पर बलिया के लोग भ्रष्टाचार मुक्त सरकार के नारे को सिर्फ चुनावी जुमला बता रहे है । कारण भी गलत नही है, यहां चाहे बाढ़ विभाग द्वारा कराये गये कार्यो में लूट हो या जनपद की मुख्य सड़क के गड्ढा युक्त होने से लोगो को चलने में असुविधा हो रही हो लेकिन बड़े स्थानीय राजनेताओ के कानों में जूं तक नही रेंगती हो ,चाहे बलिया नगर पालिका के इओ दिनेश विश्वकर्मा भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हो, जिनके खिलाफ दो दर्जन से अधिक भ्रष्टाचार सम्बन्धी शिकायते लंबित हो,तो यहां की जनता तो यही कहेगी कि इतना तो अब तय है,नगर पालिका में भ्रष्ट इओ दिनेश विश्वकर्मा की जय है ,।

बता दे कि इस इओ को बलिया से हटाने के लिये तत्कालीन जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगरौत ने शासन को डीओ लेटर तक भेजा, स्थानीय मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल ने शासन से लेकर नगर विकास मंत्री को कई शिकायती पत्र भेजा,चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी चिल्ला चिल्लाकर इसके द्वारा जेम पोर्टल व अन्य मदो में जमकर भ्रष्टाचार की बाते कह रहे है ,जिलाधिकारी से लगायत प्रमुख सचिव नगर विकास व नगर विकास मंत्री से लगायत माननीय मुख्यमंत्री तक लिखित शिकायत किये हो, बावजूद अगर भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे इओ विश्वकर्मा का बाल भी बांका नही हो पा रहा है तो कहना ही पड़ेगा कि इतना तो तय है,नगर पालिका में भ्रष्टाचार में लिप्त इओ विश्वकर्मा की जय है ।

लगभग 3 साल पहले जब इओ विश्वकर्मा का स्थानीय विधायक (अब मंत्री) आनंद स्वरूप शुक्ल ने बलिया से रामपुर के लिये तबादला करा दिया था, तब इओ विश्वकर्मा ने कुछ स्थानीय बड़े राजनेताओ और शासन में बैठे अपने भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे उच्चाधिकारियों के आशीर्वाद से मात्र लगभग डेढ़ माह में ही पुनः बलिया वापसी कर ली । इसके लिये सोने पर सुहागा तब और हो गया जब तत्कालीन विशेष सचिव नगर विकास ही बलिया के जिलाधिकारी बनकर आ गये । फिर क्या था इनके पूरे कार्यकाल में इस भ्रष्टाचारी इओ के खिलाफ जितनी भी शिकायतें आयी,जांचे आयी,सब न जाने किस तहखाने में दफ्न कर दी गयी ।

वर्तमान जिलाधिकारी अदिति सिंह के आगमन के बाद लगा कि अब नगर पालिका के भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा लेकिन अब तक कोई भी कार्यवाही नही होने से यही कहना पड़ रहा है कि इतना तो तय है,नगर पालिका के भ्रष्ट इओ विश्वकर्मा की जय है । जबकि  अपने उच्चाधिकारियों के संरक्षण प्राप्त होने से इस अधिकारी का मनोबल इतना उच्चा है कि यह विगत 5 सालों की फाइलों को ऑडिट विभाग द्वारा बार बार मांगने पर भी नही दे रहा था । अंततः निबन्धक द्वारा पुलिस अधीक्षक बलिया को इओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की चिट्ठी भेजनी पड़ी तब जाकर इसने फाइलों को ऑडिट विभाग को मुहैया कराया ।

सूत्रो से मिली खबर के अनुसार इओ ने जेम पोर्टल को भ्रष्टाचार करने का हथियार बनाते हुए ई रिक्शा की खरीद में,कूड़ा दानों की खरीद में,बिजली लाइट लगाने में,नियम विरुद्ध आउट सोर्सिंग कर्मियों को रखकर भुगतान में ,कर की वसूली में ,1लाख 80 हजार की जगह 18 लाख का दिसम्बर19 में भुगतान करने में,पार्को के सुंदरीकरण में, घर घर नल पहुंचाने की योजना में ,जलकल में मेंटिनेंस के नाम पर फर्जी भुगतान में,पात्र न होते हुए भी अपनी राज्यकर्मचारी पत्नी का मेडिकल क्लेम आहरित करने और हल्ला होने पर पुनः जमा करने , जैसे न जाने कितने कार्यो में भ्रष्टाचार किया है, यह जांच के बाद ही पता चल पायेगा । लेकिन अब तक तो यही है कि इतना तो तय है,नगर पालिका के भ्रष्ट इओ विश्वकर्मा की जय है ।