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शिक्षक को भींगी पलको के साथ सभी ने दी ससम्मान बिदाई

 








  रेवती,बलिया। अन्तर्जनपदीय स्थानांतरण के बाद बेसिक शिक्षा परिषद में हुए पारस्परिक स्थानांतरण में जहाँ शिक्षकों को ऐच्छिक जनपदों में जाने की खुशी हुई, वहीं उनके जाने से विद्यालय के बच्चों तथा विद्यालय प्रांगण का माहौल गमगीन हो उठा और सभी के चेहरे मायूस हो गये। शिक्षा क्षेत्र रेवती के  कम्पोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय डुमरिया के प्राथमिक विद्यालय डुमरिया पर तैनात सहायक अध्यापक जानकी प्रसाद का पारस्परिक स्थानांतरण उनके गृह जनपद बहराइच में हो गया। आज उनके बिदाई में विद्यालय परिवार द्वारा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया था जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में प्राथमिक शिक्षक संघ (पंजीकृत) के जिलाध्यक्ष निर्भय नारायण सिंह ने कार्यक्रम में पहुँचकर सम्मानित शिक्षक जानकी प्रसाद को रोली व गुलाल का तिलक लगाकर माल्यार्पण किया तथा स्मृति चिह्न व अंगवस्त्रम् से सम्मानित की।

 जिलाध्यक्ष ने अपने उद्बोधन में विद्यालय के विद्वान कर्मठ,लगनशील और समय के पाबंद जानकी प्रसाद जी के उज्ज्वल और मंगलमय भविष्य की कामना की तथा बताया कि एक शिक्षक की असली पूँजी उसके विद्यालय में बच्चों के साथ निष्ठापूर्वक शैक्षिक क्रियाकलाप में बिताए गए पल हैं। इसी पूँजी के बदौलत वह समाज में मान - सम्मान पा सकता है तथा समाज व राष्ट्र के उत्थान में सबसे बड़ी भागीदारी का निर्वहन कर सकता है। जिलाध्यक्ष ने सरकार व शासन पर यह आरोप लगाया कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में संलिप्त कर शैक्षिक कार्यों से दूर कराकर वह समाज में बिलावजह शिक्षकों को अपमानित कराने की साजिश कर रही है। जबकि आज मौलिक गिरावट के इस परिवेश में गिरते सामाजिक मूल्यों व सामाजिक स्तर को गुणवत्तापूर्ण शिक्षण कौशलों से कोई रोकने, ऊँचा उठाने व बेहतर बनाने का कार्य कर रहा है तो वह सिर्फ एक शिक्षक है । वही सरकार व शासन जब  जिम्मेदारी, कर्तव्यनिष्ठा व ईमानदारी के साथ किसी सामाजिक,राष्ट्रीय व आपदा या महामारी जैसे महत्वपूर्ण कार्यों को कराना चाहती है तब इस जिम्मेदारी के लिए वह सिर्फ शिक्षकों पर ही भरोसा करती है। तब यह दोहरी सोच कैसे? 

इस मौके पर स्थानांतरित शिक्षक ने अपने हृदय के उद्गार में बच्चों के साथ एक कुशल कुम्हार के रुप में विद्यालय में व्यतीत किए भावात्मक पल को बिछड़ते वक्त रोक नहीं पाये। उन्होंने कहा कि ताउम्र मैं इस विद्यालय, बच्चों व बलिया का ऋणी रहूँगा तथा इन स्वर्णिम स्मृतियों को संजोए रखूँगा। इस अवसर पर डुमरिया संकुल प्रभारी अखिलेश कुमार उपाध्याय, विद्यालय की प्रधानाध्यापिका श्रीमती नीलम श्रीवास्तव, विनोद कुमार दुबे, दीपक कुमार सिंह, मंशा पाण्डेय, करिश्मा पाण्डेय, जागृति पाण्डेय, फखरुद्दीन अली अहमद, अरविंद चौहान,  ब्रजेश जी, राजेन्द्र जी, अली हसन, भारतेन्दु जी, खड्ग बहादुर , वकील, विद्यालय की रसोइया व बच्चे उपस्थित रहे तथा भावभीनी बिदाई कर पूरे सम्मान के साथ गाड़ी पर बिठाकर शिक्षक को बिदा किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाध्यापिका नीलम श्रीवास्तव व संचालन विजय तिवारी ने किया।