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अस्पताल की निर्दयता : पैसा न मिलने पर 3 साल की बच्ची का पेट के ऑपरेशन के बाद बिना टांका लगाये ही किया अस्पताल से बाहर,बच्ची की हुई मौत











ए कुमार

प्रयागराज ।।  जनपद के नव निर्मित प्राइवेट बड़े अस्पताल यूनाइटेड  की निर्दयता व अमानवीयता शुक्रवार को देखने को मिली है जिसके बाद इसके खिलाफ हर तरफ आक्रोश बढ़ रहा है । लोगो का कहना है कि क्या सूबे के मुखिया योगी जी डॉक्टरों की निर्दयता के कारण 3 साल की गरीब खुशी की मौत के प्रकरण में कड़ी कार्यवाही करेंगे और इस मासूम को मौत के बाद इंसाफ दिलवाएंगे ?

 इस बेरहम व अमानवीय कृत्य के खिलाफ ट्यूट होने के बाद जिला प्रशासन भी हरकत में आ गया है और जिलाधिकारी ने प्रकरण की जांच हेतु स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि अगर जांच में आरोप सही मिलता है तो अस्पताल के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाय और कृत्य कार्यवाही से अवगत भी कराया जाय ।

 बता दे कि प्रयागराज के बड़े अस्पतालों में शुमार यूनाइटेड में एक गरीब अपनी बेटी (3 वर्ष) खुशी को पेट दर्द की शिकायत पर दिखाने के लिये ले जाता है । बच्ची की हालत नाजुक देखकर उसको तुरंत ऑपरेशन थियेटर में ले जाकर ऑपरेशन किया जाता है और साथ इसके परिजनों से पैसे की डिमांड की गई । परिजन किसी तरह अपना खेत बेचकर 2 लाख रुपये जमा किये लेकिन अस्पताल 5 लाख की डिमांड पर अड़ा रहा । जब परिजनों ने और पैसा देने से इंकार कर दिया तो अस्पताल के निर्दयी डॉक्टरों ने बच्ची के पेट मे बिना टांके लगाये ही उसी तरह परिजनों को सौप दी ।

बड़ा अस्पताल है तो इसके संचालक भी निश्चित तौर पर बड़े आदमी होंगे । बड़े आदमी है तो इनकी पहुंच भी बड़ी ही होगी । इस अस्पताल को लगा होगा कि एक गरीब बच्ची मर भी जायेगी तो हमारी सेहत पर क्या असर पड़ेगा । अगर बवाल हुआ भी तो दे ले के सलट लेंगे । संभवतः यही सोच कर इस अस्पताल के कर्ताधर्ताओं ने यह अमानवीय कृत्य करने से भी नही हिचके ।

जिलाधिकारी प्रयागराज ने मीडिया को बताया कि "ट्विटर पर पोस्ट किए गए संदेश 'यू0पी0 के प्रयागराज में 03 साल की खुशी को... निर्दयी अस्पताल ने बिना ठांका लगाये फटे पेट के साथ उसे निकाल दिये” से यह प्रकरण संज्ञान में आया है कि जनपद प्रयागराज में 03 वर्ष की बच्ची खुशी को पेट दर्द की शिकायत होने पर यूनाइटेड मेडिसिट्री हास्पिपल प्रयागराज, में भर्ती कराया गया। डाक्टरों ने बच्ची का आपरेशन किया। इस संदेश के अनुसार परिवार वालों का कहना है कि उक्त हॉस्पिटल द्वारा मांगी गयी अत्यधिक धनराशि न दे पाने के कारण बच्ची को बिना टांका लगाये ही फटे पेट हास्पितल से बाहर निकाल दिया गया। इस कारण बच्ची की दर्दनाक ढंग से मृत्यु हो गयी। यह प्रकरण अत्यंत गम्भीर प्रकृति का है और इस पर तत्काल नियमानुसार कार्यवाही किया जाना अपरिहार्य है।कहा कि इस प्रकरण की  तत्काल जांच हेतु दो सदस्यीय समिति का गठन त्रिम्नवत्‌ किया जाता है : 1 अपर जिलाधिकारी (नगर), प्रयागराज, 2 मुख्य चिकित्साधिकारी, प्रयागराज। समिति से कहा गया है कि उक्त समिति प्रकरण से संबंधित समस्त पहलुओं पर गम्भीरतापूर्वक परीक्षण/जांच करें।  जांच के दौरान लापरवाही एवं अमानवीयता पाये जाने पर दोषियों के विरुद्ध तत्काल विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करायें। कृत कार्यवाही से तत्काल अवगत कराया जाय।