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सांसद विधायक की रार पहुंची दिशा के द्वार : संसदीय कार्य राज्य मंत्री के सामने ही उड़ी नियमो की धज्जियां



कोरम पूरा नही ,फिर भी प्रशासन के अनुसार बैठक सम्पन्न

बलिया ।।  बुधवार को जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक के दौरान भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और विधायक सुरेंद्र सिंह आपस में ही भिड़ गए। उस वक्त बैठक में मंत्री आनंद शुक्ल भी मौजूद थे। सूत्रों की माने तो इस दौरान गाली गलौच भी हुई। इससे पहले कि मामला और बिगड़ता पुलिस मौके पर पहुंच गई और दोनों पक्षों को अलग किया गया। संसदीय कार्य राज्यमंत्री के सामने ही मिनी सदन के नियमो व मान सम्मान की धज्जियां उड़ी ,पर माननीय मंत्री जी चुपके से निकल कर जाने के आलावा कुछ नही कर सके ।

बता दे कि 27 जनवरी बुधवार को दिशा की बैठक आहूत थी । दिशा की बैठक में केंद्र सरकार के सहयोग से संचालित योजनाओं की समीक्षा की जाती है । वही इस बैठक में माननीय सांसद गण (लोक सभा व राज्य सभा) ,माननीय विधायक गण, विधान परिषद सदस्य गण पदेन सदस्य होते है । इस बैठक में किसी भी सदस्य के प्रतिनिधि को शामिल होने का अधिकार नही होता है ।

माननीय सांसद गणों,विधायक गणों के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष,नगर पालिका अध्यक्ष,टाउन एरिया अध्यक्ष,ब्लॉक प्रमुख,जिला पंचायत सदस्य आमंत्रित सदस्य होते है । इन लोगो के अलावा सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित होते है । इस बैठक के लिये आवश्यक है कि माननीय सांसदों और विधायकों की दो तिहाई उपस्थिति हो, अन्यथा कोरम के अभाव में यह बैठक स्थगित कर दी जाती है ।

बुधवार को इस बैठक में भाग लेने के लिये बलिया लोकसभा के सांसद/चेयरमैन दिशा,संसदीय कार्य राज्यमंत्री ,/सदर विधायक आनंद स्वरूप शुक्ल,बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह और बेल्थरा विधायक धनंजय कन्नौजिया ही पहुंचे थे । जबकि राज्य सभा के दोनों सांसद नीरज शेखर व सकलदीप राजभर और लोक सभा सलेमपुर के सांसद रविन्द्र कुशवाहा ,राजमंत्री व फेफना विधायक उपेन्द्र तिवारी,सिकंदरपुर विधायक संजय यादव अनुपस्थित थे । नेता प्रतिपक्ष व बांसडीह विधायक रामगोविंद चौधरी व रसड़ा विधायक उमाशंकर सिंह इस मीटिंग में आते ही नही है । ऐसे में यह बैठक होनी ही नही चाहिये थी क्योकि सदस्यों की उपस्थिति का कोरम ही पूरा नही हो पाया । बावजूद इसके जिला प्रशासन ने मीडिया में भेजी गई अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि दिशा की बैठक सम्पन्न हुई । जबकि बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह और चेयरमैन वीरेंद्र सिंह मस्त के बीच जब गर्मा गरम बहस शुरू हुई तो माननीय राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ल धीरे से खिसक लिये । इनके बाद सुरेंद्र सिंह भी बाहर निकल आये । ऐसे में बिन कोरम बैठक कैसे सम्पन्न हुई, इसका जबाब जिलाधिकारो महोदय से पूंछना चाहिये ।

समर्थको के  रहने पर पहले भी दिशा की बैठक में हो चुका है हंगामा

बात सन 2018 की है जब प्रदेश में सपा की और देश मे मोदी जी की सरकार चल रही थी । ऐसे ही किसी बात को लेकर सांसद भरत सिंह और राज्यसभा सदस्य नीरज शेखर के बीच झड़प हो गयी थी और अंदर आये समर्थको द्वारा मारपीट की नौबत आ गयी थी । उस दिन भी पुलिस ने ततपरता दिखाते हुए मारपीट को रोक दिया था । आज की बैठक में जिलाधिकारी द्वारा सदस्यों के अतिरिक्त बाहरी लोगों को बैठाना ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना के घटित होने का सबब बन गया । सांसद बलिया और बैरिया विधायक के बीच की तीखी नोकझोक में सांसद समर्थक का बोलना ही बवाल का कारण था ।

बताया जाता है कि बैठक के दौरान बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने भाजपा विधायक सुरेंद्र सिंह को कुछ बोलने से रोका तो मामला बिगड़ गया। इसी के बाद सुरेंद्र सिंह ने तेज आवाज में बोलना शुरू किया तो सांसद समर्थक काफी लोग अंदर आ गए। इससे माहौल और गर्म हो गया। 


मामला बिगड़ते देख बाहर मौजूद पुलिस को सूचना दी गई। अंदर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्षों को किसी तरह अलग किया। इसी बीच राज्यमंत्री आनंद शुक्ल और विधायक सुरेंद्र सिंह बैठक छोड़कर बाहर आ गए। सांसद ने किसी तरह बैठक की औपचारिकता पूरी की।

विधायक सुरेंद्र सिंह ने सांसद/चेयरमैन मस्त जी पर लगाया मनमानी का गंभीर आरोप





गर्मा गरम बहस के बाद बैठक से बाहर आने के बाद सुरेंद्र सिंह ने कहा कि सांसद चाहते थे कि उनके ही लोग बैठक में रहें। दिशा की बैठक के लिए एक सूची होती है। उस सूची के अनुसार ही लोगों को बैठने दिया जाना चाहिए। लेकिन वह जिसे चाहते हैं उसी को बैठाते हैं। उन्होंने कहा कि बैठक में बलिया सांसद मनमानी कर रहे थे। सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हम लोगों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया है। इस तरह की मनमानी नहीं चलेगी। बैठक में जनप्रतिनिधियों को बुलाया जाता है और उन्हें पूरा सम्मान देते हुए उनकी बातों को सुना जाता है। 

सांसद/चेयरमैन वीरेंद्र सिंह मस्त ने सुरेंद्र सिंह पर लगाया अधिकारियों पर धौंस जमाकर गलत कार्य कराने का आरोप




सांसद बलिया/चेयरमैन दिशा वीरेंद्र सिंह ने मीडिया से कहा कि बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह गलत तरीके से अधिकारियों पर धौंस जमाकर उल्टे सीधे कार्य कराना चाहते है जो मेरे रहते नही हो सकता है । कहा कि विधायक जी कांग्रेस का समर्थन कर चुके है,द्वाबा विकास मंच को समर्थन दे चुके है,अब भाजपा से विधायक है । इनको दलीय डेमोक्रेसी से क्या मतलब ?

आज की घटना की पहले ही तैयार हो रही थी पृष्ठभूमि

सांसद बलिया वीरेंद्र सिंह मस्त और बैरिया विधायक सुरेंद्र सिंह के बीच आपसी संबंधों में दूरिया लगभग एक साल पहले से होनी शुरू हुई थी । द्वाबा में सुरेंद्र सिंह ने तब लगभग दो सौ गरीब कन्याओ की शादी मुख्यमंत्री विवाह योजना के तहत करते हुए अपने सहयोगियों के सहयोग से भव्यता के साथ संपन्न किये थे । तभी इनका प्रमुख सहयोगी जिसको सुरेंद्र सिंह ने ही बैरिया टाउन एरिया के चेयरमैन का टिकट ही नही दिलवाया बल्कि चेयरमैन बनवा भी दिया । वो चेयरमैन प्रतिनिधि मंटन वर्मा ,सुरेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाते हुए सांसद बलिया के खेमे में शामिल होकर बैरिया विधायक का विरोध शुरू कर दिया ।

इसी समय सांसद बलिया वीरेंद्र सिंह मस्त के रिश्तेदार ने सुदिष्ट बाबा के लगने वाली जमीन को कबाला ले लिया गया । जिसका विरोध करते हुए विधायक श्री सिंह ने सांसद मस्त को भू माफिया कह दिया । इसके बाद कोटे की दुकान को लेकर मंटन वर्मा व विधायक समर्थक आमने सामने हो गये और एक दूसरे के खिलाफ एफआईआर तक लिखवा दिया । इस घटना से कुछ दिन पहले यानी 25 जनवरी को विधायक सुरेंद्र सिंह व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने एक दूसरे को क्या कहा था, नीचे आप खुद देखिये व सुनिये ।

विधायक ने अपनी ही पार्टी के सांसद को कहा भूमाफिया




इससे पहले बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने अपनी ही पार्टी के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उनपर भूमाफिया होने का आरोप लगाया और कहा कि वह सांसद और जिलाधिकारी की बुद्धि-शुद्धि के लिए 101 घंटे तक उपवास करेंगे।

 विधायक ने जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही पर भी सांसद के दबाव में काम करने का गंभीर आरोप लगाया। जिले के बैरिया क्षेत्र के विधायक सिंह ने मंगलवार रात अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए बलिया से बीजेपी सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त पर तीखे हमले किये और उन्हें 'भूमाफिया' करार दिया। 




उन्होंने आरोप लगाया कि सांसद ने खुद और अपने बेटे और भाई एवं भतीजे के नाम पर बैरिया क्षेत्र के बाबु के शिवपुर गांव के विजय बहादुर सिंह की 18 एकड़ से ज्यादा भूमि धोखाधड़ी के जरिये हथिया ली है। उन्होंने आरोपों के संबंध में कोई साक्ष्य नहीं दिए।

 सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि जिलाधिकारी श्रीहरि प्रताप शाही सत्ता के दबाव में डरे हुए हैं। उन्होंने सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त और जिलाधिकारी शाही की 'बुद्धि-शुद्धि' के लिए जिलाधिकारी कार्यालय पर जल्द ही 101 घंटे के उपवास का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि उपवास के दिन और तारीख का जल्द ही ऐलान किया जाएगा।

मैं यूपी का सबसे शक्तिशाली सांसद- वीरेंद्र सिंह मस्त



 25 जनवरी को बैरिया चेयरमैन शांति देवी के पति और मंटन वर्मा के पिता की आदमकद प्रतिमा के अनावरण के समय आयोजित सभा मे कबीना मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य व सांसद रविन्द्र कुशवाहा की उपस्थिति में सभा को संबोधित करते हुए भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने विधायक सुरेंद्र सिंह के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनका नाम लिए  कहा कि वह उत्तर प्रदेश के सबसे शक्तिशाली सांसद हैं, अगर वह खामोश है तो इसे उनकी कमजोरी न समझा जाए। उन्होंने सिंह पर परोक्ष कटाक्ष करते हुए कहा कि समाज में नफरत फैलाकर कोई समाज का भला नहीं कर पाता है। मैं नहीं बोलता हूं तो इसका मतलब यह हरगिज नहीं है कि मैं डरता हूं।