Breaking News

ईरानी शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की हत्या,ईरान इजराइल अमेरिका में बढ़ा टेंशन


 

तेहरान ,एजेंसियां ।। ईरान के शीर्ष परमाणु बम वैज्ञानिक  मोहसिन फखरीजादेह की जुम्मे के दिन हुई हत्या से एक बार फिर ईरान व इजराइल तथा अमेरिका के बीच तनाव बढ़ने के पूरे आसार हो गये है । अपने शीर्ष परमाणु वैज्ञानिक की हत्या के पीछे ईरान इजराइल का हाथ मान रहा है । जबकि इस आरोप के बाद अभी तक न तो इजराइल न ही अमेरिका की तरफ से कोई बयान सामने आया है ।बता दे कि ईरान के गुप्त परमाणु बम कार्यक्रम के अगुआ शीर्ष वैज्ञानिक मोहसिन फखरीजादेह की शुक्रवार को तेहरान के निकट घात लगाकर हत्या कर दी गई। इस हत्या से आक्रोशित ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खामनेई के सैन्य सलाहकार और कमांडर होसैन देहघान ने फखरीजादेह के हत्यारों पर कहर बरपाने की धमकी दे डाली है। 
इस धमकी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के आखिरी कुछ सप्ताह में ईरान और उसके शत्रुओं के बीच टकराव बढ़ने के आसार बनते दिख रहे हैं।बता दे कि ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जावद जरीफ ने एक ट्वीट में हत्या में इजराइल का हाथ होने का शक जताया है। लेकिन इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय तथा अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने हमले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद के जानकार पत्रकार योस्सी मेलमैन के एक ट्वीट को रीट्वीट किया है, जिसमें इस हत्या को ईरान के लिए बड़ा मनोवैज्ञानिक तथा पेशेवर आघात बताया गया है।
 बता दे कि 1958 में जन्मे फखरीजादेह पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद तथा अमेरिका ने 'अमाद' कार्यक्रम के लिए उन पर प्रतिबंध लगाया था।ईरान की सरकारी मीडिया की रिपोर्ट में कहा गया है कि हत्यारों ने परमाणु वैज्ञानिक की कार पर गोलियां बरसा दीं, जिसमें घायल होने के बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई। एक अर्ध सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि आतंकियों ने फखरीजादेह की कार पर गोलियां बरसाने से पहले एक अन्य कार को विस्फोट से उड़ा दिया था ।
बता दे कि परमाणु वैज्ञानिक फखरीजादेह ने ईरान के 'अमाद' या 'होप' कार्यक्रम की अगुआई की थी। जबकि इजराइल तथा पश्चिमी देशों ने इसे सैन्य कार्यक्रम बताते हुए आरोप लगाया था कि यह ईरान में परमाणु हथियार बनाने की व्यवहार्यता परखने का कार्यक्रम था। हालांकि तेहरान हमेशा कहता रहा कि यह उसका परमाणु कार्यक्रम शांतिपूर्ण है।वही अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी का कहना है कि 'अमाद' कार्यक्रम पूरा हो चुका है और उसके निरीक्षक ईरानी परमाणु ठिकानों की निगरानी कर रहे हैं। इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने वर्ष 2018 में कहा था कि ईरान अभी भी परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम कर रहा है, क्योंकि परमाणु वैज्ञानिक ईरानी रक्षा मंत्रालय के साथ स्पेशल प्रोजेक्ट पर काम पर रहे हैं। उन्होंने उस समय यह भी कहा था कि फखरीजादेह का नाम याद रखें।शुक्रवार को परमाणु वैज्ञानिक पर हमले की खबर आने से पहले एक इजराइली अधिकारी ने कहा था कि इजराइल ईरान से निपटने के लिए अरब देशों से चर्चा कर रहा है।
 बता दें कि इसके पहले 12 जनवरी, 2010 में भी एक परमाणु वैज्ञानिक मसूद अली मुहम्मदी की रिमोट बम से हत्या कर दी गई थी। यद्यपि उस हत्या के पीछे राजनीतिक कारण बताया गया था।बता दें कि ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को विशेष रूप से शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए जोर देता है। 2010 और 2012 के बीच चार ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की हत्या कर दी गई और ईरान ने हत्याओं में इजरायल पर मिलीभगत का आरोप लगाया। मई 2018 में ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बारे में इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू की प्रस्तुति में फखरीजादेह का नाम विशेष रूप से उल्लेखित किया गया था। (साभार) ।।