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‘’बदलते राजनीतिक परिदृश्य में समाजवाद की भूमिका’’ विषयक संगोष्ठी में बोले वक्ता-हिन्दू व मुस्लिम कट्टरवाद दोनों समाज के लिये खतरनाक



अभियेश मिश्र

बेल्थरारोड ( बलिया )। समाजवाद  एक विचारधारा है और इसके व्यापक दायरे है। लेकिन वर्तमान समय में सिर्फ जाति की राजनीति हो रही है। जो लोकतांत्रिक देश के लिए कतई ठीक नहीं है। समाजवाद सदैव जमात का प्रतिनिधित्व करता रहा है। जिसके कारण समाजवादी व्यवस्था में समता व संपन्नता से संतुष्टि की प्राप्ति होती है। उक्त बातें भारतीय प्रेस परिषद के सदस्य वरिष्ठ पत्रकार जयशंकर प्रसाद गुप्त  शनिवार की देर शाम बिल्थरारोड बरनवाल धर्मशाला में समाजवादी पार्टी द्वारा आयोजित ‘’बदलते राजनीतिक परिदृश्य में समाजवाद की भूमिका’’ विषयक पर हुए संगोष्ठी में बतौर मुख्यवक्ता के रुप में बोल रहे थे। जिनको सुनने के लिए बड़ी संख्या में सपाई जुटे रहे। श्री गुप्त ने कहा कि आजादी के करीब 73 वर्ष बाद भी हमारे समाज का एक विशेष तबका मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। पूंजीपति वर्ग की स्थिति वर्ष दर वर्ष सुदृढ़ होती जा रही है और ग्रामीण क्षेत्रों में मूलभूत सुविधाओं की व्यापक कमी बढ़ती जा रही है। श्री गुप्त ने बिहार के चुनाव की समीक्षा करते हुए देशभर में समाजवाद, साम्यवाद और मार्क्सवाद की विस्तार से व्याख्या की। इस बीच देश में बढ़ रहे हिंदु कट्टरवाद और मुस्लिम कट्टरवाद को समाज के लिए सबसे ज्यादा घातक बताया। कहा कि हमारा देश लोहिया, जनेश्वर मिश्र, मधु लिमए और आचार्य नरेंद्र देव जैसे प्रख्यात समाजवादी पुरोधाओं की जन्मस्थली है। जिनके समाजवादी विचारधारा की प्रासंगिकता वर्तमान परिवेश में सबसे अधिक है। अध्यक्षता कर रहे समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष आद्याशंकर यादव  ने कहा कि केवल समाजवादी विचारों से ही समाज के दबे कुचले पीड़ित तबके को मुख्यधारा में लाया जा सकता है। 

संगोष्ठी में  शमशाद बासपारी, इरफान अहमद,सपा नेत्री ममता चंद्रा, विनोद कुमार पप्पू, रमेश चन्द्रा, मोहन वर्मा, अंगद यादव, रामाश्रय यादव फाइटर, देवेंद्र यादव, रूद्र प्रताप यादव, अतुल तिवारी, गौरव शंकर यादव, राशिद कमाल पाशा, सपा के नगर अध्यक्ष शिवम बरनवाल समेत अनेक सपा विचारक मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन अमन बरनवाल ने किया।