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अब टाट टेंट की जगह भव्य मंदिर में रहेंगे राम




ए कुमार
अयोध्या ।।
5 अगस्त को रामनगरी अयोध्या सालों के इंतजार के बाद उस पल का साक्षी बनी, जिसका इंतजार देश को सदियों से था। करीब 492 साल के संघर्षों व इंतजार के बाद आज अयोध्या में राम मंदिर की नींव रखी गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज  पांच अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन करके मंदिर की आधारशिला रखी। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। 

 जानते हैं पीएम मोदी के संबोधन की खास बातें...

आज का दिन सत्य-अहिंसा और आस्था का दिन
पीएम मोदी ने कहा कि आज का ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है। आज का ये दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है। इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। हमने तब भी देखा था कि कैसे सभी देशवासियों ने शांति के साथ, सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था। आज भी हम हर तरफ वही मर्यादा देख रहे हैं।
मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा
मोदी ने कहा कि श्रीराम का मंदिर हमारी संस्कृति का आधुनिक प्रतीक बनेगा, हमारी शाश्वत आस्था का प्रतीक बनेगा, हमारी राष्ट्रीय भावना का प्रतीक बनेगा और ये मंदिर करोड़ों-करोड़ लोगों की सामूहिक संकल्प शक्ति का भी प्रतीक बनेगा। राममंदिर के निर्माण की ये प्रक्रिया, राष्ट्र को जोडऩे का उपक्रम है। ये महोत्सव है- विश्वास को विद्यमान से जोड़ने का। नर को नारायण से, जोड़ने का, लोक को आस्था से जोड़ने का, वर्तमान को अतीत से जोड़ने का और स्वं को संस्कार से जोडऩे का।
राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं
पीएम मोदी ने कहा कि राम हमारे मन में गढ़े हुए हैं, हमारे भीतर घुल-मिल गए हैं। कोई काम करना हो, तो प्रेरणा के लिए हम भगवान राम की ओर ही देखते हैं आप भगवान राम की अद्भुत शक्ति देखिए। इमारतें नष्ट कर दी गईं, अस्तित्व मिटाने का प्रयास भी बहुत हुआ, लेकिन राम आज भी हमारे मन में बसे हैं, हमारी संस्कृति का आधार हैं। श्रीराम भारत की मर्यादा हैं, श्रीराम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं।
राम मंदिर आंदोलन में तर्पण, संघर्ष और संकल्प था
राम मंदिर के लिए चले आंदोलन में अर्पण भी था तर्पण भी था, संघर्ष भी था, संकल्प भी था। जिनके त्याग, बलिदान और संघर्ष से आज ये स्वप्न साकार हो रहा है, जिनकी तपस्या राममंदिर में नींव की तरह जुड़ी हुई है, मैं उन सब लोगों को आज 130 करोड़ देशवासियों की तरफ से नमन करता हूं। 
आज का दिन त्याग, संकल्प का दिन
हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के समय कई-कई पीढ़ियों ने अपना सब कुछ समर्पित कर दिया था। गुलामी के कालखंड में कोई ऐसा समय नहीं था जब आजादी के लिए आंदोलन न चला हो, देश का कोई भूभाग ऐसा नहीं था जहां आजादी के लिए बलिदान न दिया गया हो। 15 अगस्त का दिन उस अथाह तप का, लाखों बलिदानों का प्रतीक है, स्वतंत्रता की उस उत्कंठ इच्छा, उस भावना का प्रतीक है। ठीक उसी तरह, राम मंदिर के लिए कई-कई सदियों तक, कई-कई पीढ़ियों ने अखंड अविरत एक-निष्ठ प्रयास किया है। आज का ये दिन उसी तप, त्याग और संकल्प का प्रतीक है।
आज पूरा भारत राम मय
पीएम मोदी ने कहा कि भारत, आज भगवान भास्कर के सानिध्य में सरयू के किनारे एक स्वर्णिम अध्याय रच रहा है। कन्याकुमारी से क्षीरभवानी तक, कोटेश्वर से कामाख्या तक, जगन्नाथ से केदारनाथ तक, सोमनाथ से काशी विश्वनाथ तक, सम्मेद शिखर से श्रवणबेलगोला तक, बोधगया से सारनाथ तक, अमृतसर से पटना साहिब तक, अंडमान से अजमेर तक, लक्ष्यद्वीप से लेह तक, आज पूरा भारत, राम मय है।
आज रामजन्मभूमि मुक्त हुई
पीएम मोदी ने कहा कि आज बरसों से टाट और टेंट के नीचे रह रहे हमारे रामलला के लिए अब एक भव्य मंदिर का निर्माण होगा। टूटना और फिर उठ खड़ा होना, सदियों से चल रहे इस व्यतिक्रम से रामजन्मभूमि आज मुक्त हो गई है। उन्होंने कहा कि ये मेरा सौभाग्य है कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुझे आमंत्रित किया, इस ऐतिहासिक पल का साक्षी बनने का अवसर दिया। मैं इसके लिए हृदय पूर्वक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का आभार व्यक्त करता हूं।
ये न भूतो न भविष्यति है
पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना से बनी स्थितियों के कारण भूमिपूजन का ये कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है। श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसा उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए, देश ने वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है। उन्होंने कहा कि देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों, वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं, आज यहां की शक्ति बन गई हैं। वाकई, ये न भूतो न भविष्यति है।
श्रीराम संपूर्ण हैं
जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर रामसेतु बनाया गया, वैसे ही घर-घर से, गांव-गांव से श्रद्धापूर्वक पूजी शिलाएं, यहां ऊर्जा का स्रोत बन गई हैं। श्रीरामचंद्र को तेज में सूर्य के समान, क्षमा में पृथ्वी के तुल्य, बुद्धि में बृहस्पति के सदृश्य और यश में इंद्र के समान माना गया है। श्रीराम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अडिग रहना। इसीलिए ही श्रीराम संपूर्ण हैं। उनका अद्भुत व्यक्तित्व, उनकी वीरता, उनकी उदारता , उनकी सत्यनिष्ठा, उनकी निर्भीकता, उनका धैर्य, उनकी दृढ़ता, उनकी दार्शनिक दृष्टि युगों-युगों तक प्रेरित करते रहेंगे
भारत की आस्था में राम हैं
जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों। भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों। भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं! भारत की दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं। उन्होंने आगे कहा कि श्रीराम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन की आधारशिला बनाया था। उन्होंने गुरु वशिष्ठ से ज्ञान, केवट से प्रेम, शबरी से मातृत्व, हनुमानजी एवं वनवासी बंधुओं से सहयोग और प्रजा से विश्वास प्राप्त किया। यहां तक कि एक गिलहरी की महत्ता को भी उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया। 
राम सर्वव्यापी हैं
हजारों साल पहले वाल्मीकि की रामायण में जो राम प्राचीन भारत का पथ-प्रदर्शन कर रहे थे, जो राम मध्ययुग में तुलसी, कबीर और नानक के जरिए भारत को बल दे रहे थे, वही राम आज़ादी की लड़ाई के समय बापू के भजनों में अहिंसा और सत्याग्रह की शक्ति बनकर मौजूद थे। उन्होंने कहा कि तुलसी के राम सगुण राम हैं, तो नानक और कबीर के राम निर्गुण राम हैं! भगवान बुद्ध भी राम से जुड़े हैं तो सदियों से ये अयोध्या नगरी जैन धर्म की आस्था का केंद्र भी रही है। राम की यही सर्वव्यापकता भारत की विविधता में एकता का जीवन चरित्र है।
मंदिर के निर्माण कार्य शुरू होने से सुखद अनुभूति
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे विश्वास है कि श्रीराम के नाम की तरह ही अयोध्या में बनने वाला ये भव्य राममंदिर भारतीय संस्कृति की समृद्ध विरासत का द्योतक होगा। मुझे विश्वास है कि यहां निर्मित होने वाला राममंदिर अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देगा। आज भी भारत के बाहर दर्जनों ऐसे देश हैं जहां, वहां की भाषा में रामकथा, आज भी प्रचलित है। मुझे विश्वास है कि आज इन देशों में भी करोड़ों लोगों को राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होने से बहुत सुखद अनुभूति हो रही होगी। आखिर राम सबके हैं, सब में हैं।
राम हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं
पीएम मोदी ने कहा कि राम समय, स्थान और परिस्थितियों के हिसाब से बोलते हैं, सोचते हैं, करते हैं। राम हमें समय के साथ बढ़ना सिखाते हैं, चलना सिखाते हैं। राम परिवर्तन के पक्षधर हैं, राम आधुनिकता के पक्षधर हैं। उनकी इन्हीं प्रेरणाओं के साथ, श्रीराम के आदर्शों के साथ भारत आज आगे बढ़ रहा है। हमें ये भी सुनिश्चित करना है कि भगवान श्रीराम का संदेश, राममंदिर का संदेश, हमारी हजारों सालों की परंपरा का संदेश, कैसे पूरे विश्व तक निरंतर पहुंचे। कैसे हमारे ज्ञान, हमारी जीवन-दृष्टि से विश्व परिचित हो, ये हमारी, हमारी वर्तमान और भावी पीढ़ियों की ज़िम्मेदारी है।


मोदी ने अयोध्या में रखी गई श्री राममंदिर की नींव, 48 मिनट तक हुई पूजा


अयोध्या। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के सपना आज सच हो गया। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विधि विधान के साथ मंदिर की नींव रखी।
      पीएम मोदी ने अपने ऐतिहासिक दौरे की शुरूआत हनुमानगढी के दर्शन कर की जिसके बाद उन्होने श्रीरामजन्मभूमि पर विराजमान रामलला के दर्शन किए और आरती उतारी। प्रधानमंत्री मोदी भारतीय पारंपरिक पोशाक हल्के पीले रंग का कुर्ता, सफेद धोती और भगवा रंग के गमझे में थे। काशी के प्रकांड तीन विद्धानों ने भूमि पूजन का अनुष्ठान शुरू किया। पीएम मोदी को यजमान के तौर पर संकल्प दिलाया गया और गणेश पूजन के साथ भूमि पूजन का कार्यक्रम शुरू हो गया। 



इस मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राष्ट्रीय स्वयं सेवक प्रमुख मोहन भागवत मौजूद थे। पुरोहितों ने प्रधानमंत्री से विधिवत पूजा अर्चना कराई। इस दौरान चांदी की नौ शिलाओं का पूजन किया गया। करीब 12 बजे शुरू हुआ भूमि पूजन कार्यक्रम करीब 48 मिनट चला। अभिजीत मुहुर्त में भूमि पूजन और शिला पूजन सम्पन्न होने के बाद श्री मोदी ने साक्षात दंडवत कर देश की तरक्की और कोरोना के नाश का वरदान प्रभु श्रीराम से मांगा। भूमि पूजन कार्यक्रम के बाद हर हर महादेव,जय श्रीराम और भारत माता की जय के नारे लगाये गए। 

अयोध्या में तय समय के अनुसार प्रधानमंत्री का हेलीकाप्टर साकेत डिग्री कालेज में बने अस्थायी हैलीपेड पर उतरा जहां पहले से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी आगवानी के लिये मौजूद थे।

 प्रधानमंत्री ने कोरोना संक्रमण के लिये तय गाइडलाइन का पूरा पालन किया। वह मास्क लगाये हुये थे । उनका स्वागत करने वाले दो मीटर की दूरी पर बनाये गये सफेद रंग के गोलों में खड़े थे। पीएम मोदी ने सभी का अभिवादन स्वीकार करते हुये अपने वाहन की ओर रूख किया।  बाद में पीएम मोदी का काफिला हनुमानगढ़ी के लिये रवाना हो गए। 
     कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच सड़क पर सन्नाटा था लेकिन छतों पर खड़े लोग हाथ हिलाकर अपने प्रधानमंत्री का स्वागत कर रहे थे। पीएम मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री है जो श्रीरामजन्मभूमि परिसर में विराजमान रामलला के दर्शन किया। पीएम  मोदी इससे पहले वर्ष 1991 में आये थे जब उनसे एक पत्रकार ने संयोग से दोबारा आने का समय पूछा था। उस समय उन्होने मुस्करा कर कहा था कि अब अयोध्या तभी आऊंगा जब राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा। 


पीएम मोदी रामभक्त हनुमान का दर्शन पूजन कर उनसे भूमि पूजन की अनुमति मांगी। दस मिनट प्रसिद्ध हनुमान गढ़ी में बिताने के बाद वह करीब 12 बजे राम जन्मभूमि परिसर पहुंचे। जहां  उन्होंने विधिवत रामलला विराजमान का दर्शन पूजन किया।