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चीन के साथ हुई खूनी झड़प के बाद बुलायी गयी सर्वदलीय बैठक :लेफ्ट को छोड़कर सभी दलों ने चीन का किया विरोध,सरकार को दिया समर्थन



ए कुमार
नई दिल्ली ।।  पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ झड़प के मामले पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में दलों ने चीन के मुद्दे पर सरकार के रुख का समर्थन किया है । एकबार फिर लेफ्ट की चीन के प्रति आस्था खुलकर सबके सामने आ गयी।

मोदी सरकार ने जिस तरह परिस्थितियों को हैंडल किया, उसके प्रति समर्थन व्‍यक्‍त किया. सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने सवाल उठाते हुए कहा कि सर्वदलीय बैठक पहले ही बुलाई जानी चाहिए थी.

 सरकार एलओसी को लेकर आश्‍वासन दे. प्रधानमंत्री द्वारा और जानकारी दी जानी चाहिए थी. सरकार ये बताए कि चीन ने एलओसी पर घुसपैठ कब की? हमें अब भी अंधेरे में रखा जा रहा है. उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस के कुछ खास सवाल हैं-किस तारीख को चीनी सेना ने घुसपैठ की. सरकार को कब पता चला कि घुसपैठ हुई?

क्‍या सरकार को सैटेलाइट तस्‍वीरों से पता नहीं चला? क्‍या खुफिया एजेंसियां चीनी मूवमेंट की जानकारी देने में नाकाम रहीं?

सूत्रों का ये भी कहना है कि के चंद्रशेखर राव, नवीन पटनायक और सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा ने सोनिया गांधी के विचार को खारिज किया. सूत्रों के मुताबिक लेफ्ट पार्टियों ने चीन की आलोचना नहीं की. उसके बजाय वे पंचशील समझौते की दुहाई देते रहे और अमेरिका पर आरोप लगाते रहे.

शरद पवार और मायावती ने किया सरकार का समर्थन
भारत-चीन सीमा मुद्दे पर पीएम के साथ सर्वदलीय बैठक में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के प्रमुख और मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा, 'हमें पीएम पर पूरा भरोसा है. अतीत में भी, जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आई, तो पीएम ने ऐतिहासिक निर्णय लिए.'

टीआरएस चीफ और तेलंगाना सीएम केसीआर ने कहा कि कश्मीर पर पीएम की स्पष्टता ने चीन को नाराज कर दिया है. उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पीएम के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान ने चीन को झकझोर दिया है.

वहीं बैठक में राकांपा प्रमुख और पूर्व रक्षा मंत्री शरद पवार ने कहा कि सैनिकों ने हथियार उठाए हैं या नहीं, इसका फैसला अंतरराष्ट्रीय समझौतों से होता है और हमें ऐसे संवेदनशील मामलों का सम्मान करने की जरूरत है. बसपा सुप्रीम मायावती ने विदेश मंत्रालय की तरफ से पेश किए गए प्रेजेंटेशन पर पूरा भरोसा जताते हुए कहा कि व्‍यापार और निवेश के मोर्चे पर चीन से मोर्चा लिए जाने की जरूरत है. इसके साथ ही उन्‍होंने जोड़ा कि यह वक्‍त राजनीति करने का नहीं है, पीएम मोदी इस मसले पर जो भी फैसला लेंगे, वे पूरी तरह से उनके साथ हैं.

बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि चीनी सामान हमारे लिए बड़ी समस्‍या बन गया है. लोजपा नेता रामविलास पासवान ने कहा कि इस वक्‍त पूरा देश पीएम मोदी की तरफ देख रहा है.

लेफ्ट ने नहीं की चीन की आलोचना

सीमा विवाद मुद्दे पर सीपीआई के डी राजा ने कहा कि हमें अपने गठबंधन में खींचने के लिए अमेरिकी प्रयासों का विरोध करने की आवश्यकता है और सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी ने पंचशील के सिद्धांतों पर जोर दिया.

नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी के नेता पिनाकी मिश्रा ने कहा कि हम बिना शर्त सरकार के साथ पूरी तरह से खड़े हैं. डीएमके नेता एमके स्‍टालिन ने कहा कि जब भी देशभक्ति की बात आती है तो हम सब एक हैं. हम चीन के मुद्दे पर पीएम मोदी के हालिया बयान का समर्थन करते हैं.

नॉर्थ-ईस्‍ट की पार्टी एनपीपी के नेता कोनराड संगमा ने कहा कि सीमा पर चल रहे निर्माण कार्यों को नहीं रोका जाना चाहिए. म्‍यांमार और बांग्‍लादेश में चीन की शह पर हो रही गतिविधियां चिंताजनक हैं. नॉर्थ-ईस्‍ट में प्रधानमंत्री मोदी आधारभूत ढांचे के विकास के लिए काम कर रहे हैं, उसको जारी रहने दिया जाना चाहिए. इस वक्‍त दलों को ऐसी बात नहीं कहनी चाहिए जोकि हमारे बीच अंतर्विरोधों को बताए. चीन इसका लाभ उठाता है. हमें सरकार विरोधी बात नहीं करनी चाहिए. हम सभी पीएम मोदी के साथ हैं ।