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जाने किस विद्यालय के छात्रों ने अपने ही साथियो को Volunteer Teacher बनकर पढ़ाया पाठ ?



बलिया :प्रतिभाएं कब बन्दिशों की मोहताज रही है ?आज  कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने जो तनावपूर्ण परिस्थितियाँ उत्पन की है उसने सम्पूर्ण मानव जीवन को जैसे शिथिल कर दिया है वहीं सृजनात्मक प्रतिभा के धनी सनबीम स्कूल बलिया के छात्रों द्वारा जीवन की निरन्तरता और क्रियाशीलता को बनाए रखने के लिए हर दिन कुछ नया कर गुजरने के  निर्बाध प्रवाह को कौन रोक सकता है।
अभी तक तो सभी स्कूल प्रबंधन द्वारा ऑनलाइन टीचिंग पर ही ध्यान केंद्रित किया गया है ताकि छात्रों की शिक्षा की निरंतरता बनाए रखा जाए वहीं उससे भी कुछ और कदम आगे बढ़ते हुए सनबीम स्कूल बलिया के ये छात्र Volunteer Teaching की एक अनोखे पहल की शुरुआत की है। जब कक्षा के छात्रों द्वारा कक्षा के विषयवार पाठ्यक्रम को अपने ही कक्षा के छात्रों एवं मित्रों के साथ साझा किया जा रहा है। 






कक्षा 5 B के छात्र हर्ष दत्त द्वारा गणित के वास्तविक मूल्य और विक्रय मूल्य के अन्तर, कक्षा 5 के ही आदित्य तिवारी द्वारा Multiplication, Division and their applications  उसी कक्षा के मुदित श्रीवास्तव द्वारा लाभ एवं हानि जानने के लिए addition, subtraction का प्रयोग तो कक्षा 4 C के अक्षित कुमार दुबे द्वारा EVS मे हमारे संवेदी अगों की क्रियाशीलता कक्षा 4 C के शश्रिक द्वारा Grouping of Numbers तो वहीं  कक्षा 3 की इशानवी द्वारा हिन्दी में संज्ञा को परिभाषित किया।



सनबीम स्कूल बलिया हमेशा से ही अपने छात्रों में सृजनात्मक क्रियाशीलता और कौशल विकास को बढ़ावा देने में प्रयत्नशील रहा है। अब छात्रों में टीचिंग स्किल को विकसित करने का यह नया प्रयास वास्तव में अतिप्रशंसनीय कदम है। विघालय के निदेशक डॉ कुँवर अरुण सिंह स्वयं अद्भुत प्रतिभा के धनी हैं और उनका हमेशा से यही प्रयास रहा है कि। विघालय के सभी छात्रों का उनकी रुचि और क्षमता के अनुरूप सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके इसलिए उनके द्वारा नित नए क्रियाकलापों के माध्यम से छात्रों की छुपी हुई प्रतिभा को उकेर कर खुबसूरत रंग भरने का प्रयास किया जाता रहा है। इसका श्रेय विघालय की प्रधानाध्यापिका सीमा और शिक्षक - शिक्षिकाओं को जाता है जो छात्रों की प्रतिभा को पहचान कर उन्हें मूर्त रूप में गढ़ने का निरन्तर प्रयास करते रहे हैं। साथ ही अभिभावकों का योगदान भी प्रशंसनीय रहा है जो अपने हर संभव प्रयास के साथ विघालय की प्रत्येक गतिविधियों में परस्पर सहभागी रहे हैं।