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योगी राज में भी बलिया पुलिस कर रही है महिला अपराधों की अनदेखी : छेड़खानी की अनदेखी में खेजुरी थाने में दो की गयी जान

योगी राज में भी बलिया पुलिस कर रही है महिला अपराधों की अनदेखी : छेड़खानी की अनदेखी में खेजुरी थाने में दो की गयी जान
मधुसूदन सिंह 

बलिया 6 मई 2020 ।। एक तरफ योगी राज में महिलाओ के प्रति होने वाले अपराधों को रोकने के लिये कड़े कानून ही नही बने है बल्कि इसको रोकने के लिये एक दस्ता ही गठित है । यही नही रात में भी महिलाओ को कोई परेशानी न हो इसके लिये यूपी 112 की सेवा में महिला आरक्षियों की तैनाती की गई है और किसी भी महिला के संकट में होने पर,इसकी सूचना मिलने पर उसके घर तक पहुंचाने की वो भी निःशुल्क सीएम योगी ने आदेश दे रखा है । यानी सीएम की सोच है कि प्रदेश की बहू बेटियों को कोई परेशान न कर सके । यही नही सीएम ने भ्रष्टाचार के खिलाफ भी कोई रहम नही करते है और भ्रष्टाचारियों के खिलाफ तुरन्त कार्यवाही करते है । लेकिन लगता है बलिया पुलिस सीएम योगी के महिला अपराधों पर सख्ती के साथ रोक लगाने व भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के आदेश से या तो अनजान है या इसे लागू करना ही नही चाहती है । अगर ऐसा नही होता तो बलिया के थाना खेजुरी के मासुमपुर में छेड़खानी के विवाद में दो लोगो की जान नही गयी होती ।
वैसे महिलाओ के साथ होने वाली छेड़खानी की घटनाओं को ठंडे बस्ते में डालने की बलिया पुलिस की यह पुरानी परंपरा है और जब भी इसने लापरवाही की,घटना खूनी संघर्ष में बदल गयी । योगी सरकार बनने के कुछ ही माह बाद घटित बांसडीह रोड थाना क्षेत्र की रागिनी दुबे हत्याकांड को आज भी लोग नही भूले है । जब ग्राम प्रधान के लड़के ने अपने साथियों के साथ छेड़खानी की शिकायत से नाराज होकर दिन दहाड़े रागिनी दुबे नामक युवती की विद्यालय से आते वक्त हत्या कर दी थी । खेजुरी की घटना भी बाँसडीहरोड वाली घटना की ही पुनरावृत्ति है, अंतर सिर्फ यह है कि इसमें पीड़िता की जगह छेड़खानी के आरोपी की ही हत्या हो गयी ।यह घटना खेजुरी पुलिस चाहती तो रोक सकती थी ।

छेड़खानी की अनदेखी : खूनी संघर्ष में हुई दो की मौत ,5 घायल
खेजुरी थाना क्षेत्र के मासूमपुर गांव में चार दिन पहले के छेड़खानी के विवाद में  सोमवार की देर शाम हुए दो संप्रदायों के बीच खूनी संघर्ष में दो की मौत हो गयी है ,वही 5 अभी घायल है ,जिनका इलाज चल रहा है । बताया जा रहा है कि एक सम्प्रदाय की लड़की के परिजनों ने दूसरे समुदाय के लड़के द्वारा छेड़खानी करने, मोबाइल पर परेशान करने की शिकायत थानाध्यक्ष खेजुरी से की थी जिसके बाद थानाध्यक्ष ने लड़के के पक्ष के लोगो को थाने बुलाया और किसी ऊपरी शक्ति के दबाव में सुलह समझौता कराकर दोनो पक्षो को घर भेज दिया ।
 वैसे तो खेजुरी थाना क्षेत्र का मासूमपुर गांव पहले से ही रिकार्डेड है, क्योंकि यहां के लोगों को 2013 याद है। इसके अलावा भी यहां माहौल खराब करने वाली घटनाएं होती रही है, लिहाजा सोमवार की रात हुई मारपीट की घटना को लेकर पुलिस पूरी तरह एक्शन मोड में है। गांव में कई थानों की फोर्स तो चहलकदमी की ही, सुबह पीएसी भी तैनात कर दी गई। प्रशासन कितना सतर्क है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि स्वयं पुलिस अधीक्षक मौके पर दो बार पहुंचे। मातहतों को पूरी मुस्तैदी बरतने का निर्देश दिये।

बता दें कि मासुमपुर गांव में सोमवार की देर शाम छेड़खानी को लेकर दो पक्षों में मारपीट हुई। इस दौरान चले लाठी-डंडे व चाकूबाजी में फरदीम उर्फ हमजा (22), वसीम खां (45), तौफीक (26), आसिफ (28) पुत्रगण वसीम, शोएब (18) पुत्र समीम, मुराद खां (18) व अखिलेश चौरसिया पुत्र श्याम सुंदर चौरसिया गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां इलाज के दौरान फरदीम उर्फ हमजा की मौत हो गई। वही वाराणसी में इलाज के दौरान वसीम खान( 55) की भी मंगलवार / बुधवार की रात 2.30 बजे मौत हो जाने की सूचना मिल रही है ।

सोमवार को घटना की जानकारी मिलते ही एसपी देवेंद्र नाथ, अपर पुलिस अधीक्षक संजय यादव ने घटनास्थल का दौरा कर मातहतों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया। वही घटना के बाद देर रात में ही पीएसी व पुलिस के जवान गांव में तैनात कर दिए गए। क्षेत्राधिकारी सिकन्दरपुर घटनास्थल पर रात से ही कैंप कर रहे हैं। वहीं कई थानों फोर्स भी लगाई गई है।

यूं पड़ी घटना की नींव

मासुमपुर गांव निवासी अखिलेश चौरसिया ने सोमवार को बहन के मोबाइल पर सोहेल खान पुत्र सलीम खान द्वारा लगातार कई दिनों से फोन कर परेशान करने की शिकायत वसीम खान व उनकी पत्नी सायरा से कर वापस घर आ गया। इसकी जानकारी सोहेल खान को हुई तो वह अपने कुछ साथियों व परिजनों को लेकर अखिलेश चौरसिया के घर पहुंच गया और देखते ही देखते दोनों पक्षों में कहासुनी के बाद मारपीट हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही क्षेत्राधिकारी पवन कुमार, प्रभारी निरीक्षक खेजूरी मौके पर पहुंचे और सभी घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकन्दरपुर ले आए। प्राथमिक उपचार के बाद सभी को जिला अस्पताल भेज दिया गया।
तो क्या थानाध्यक्ष पर होगी कार्यवाही ?
कोरोना महामारी के काल मे जब पुलिस पूरी तरह से चौकस है, में खूनी संघर्ष हो जाना जिसकी पृष्ठभूमि की आहट थाने तक पहुंची थी,हल्के में लेने वाले थानाध्यक्ष खेजुरी पर कार्यवाही होगी ? यह यक्ष प्रश्न है । क्योंकि इस गांव का पहले से ही छोटी छोटी घटनाओं में भी साम्प्रदायिक रंग में रंग जाने के इतिहास होने के बावजूद थानाध्यक्ष की लापरवाही ने दो जिंदगियों को लील लिया है । ऐसे में यह जांच आवश्यक हो गयी है कि थानाध्यक्ष खेजुरी ने किन परिस्थियों में इतनी बड़ी आग की चिंगारी को समय रहते बुझाने का प्रयास  नही किया ?
पुलिस अधीक्षक बलिया बयान


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बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील

कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत




यह हिंदी गाना भी आपको कोरोना के सम्बंध में बता रहा है

डॉ विश्राम यादव वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अपनी कविता का पाठ करते हुए












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