बलिया जिला प्रशासन की नीतियों से व्यापारी और छात्रों को परेशानी
बलिया जिला प्रशासन की नीतियों से व्यापारी और छात्रों को परेशानी
मधुसूदन सिंह
बलिया 26 अप्रैल 2020 ।। बलिया में लॉक डाउन के बीच आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी को लेकर आमजन से लेकर दुकानदारों में भी असमंजस की स्थिति उतपन्न हो गयी है और स्कूली छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई भी बाधित हो रही है । बता दे कि जिला प्रशासन ने लॉक डाउन के बीच आमजन को अवश्यक सामान खरीदने के लिये सुबह 7 से 10 बजे का समय निर्धारित किया है और होलसेल विक्रेताओं के लिये दिन में 11 बजे से शाम 7 बजे तक का समय बिक्री करने के लिये निर्धारित किया है । यही निर्धारण व्यापारियों के लिये सिरदर्द बन गया है । रिटेलर सुबह 7 से 10 बेचने के बाद जब सामान खरीदने निकल रहा है तो पुलिस रोक दे रही है । ऐसे में होलसेलरो का भी कहना है कि हमारी दुकानों को खोले रखने का क्या औचित्य है जब हमारे ग्राहक रिटेलर दुकानदार हम तक आ ही नही पाएंगे ? वही यही हाल स्कूलों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है । शासन के मंशानुरूप विद्यालयों ने तो ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दिया है , पर छात्रों के पास किताब कॉपी न होने से इसके भी चलने का कोई मतलब नही रह जाता है क्योंकि बच्चे लिखेंगे कहां? एक्सरसाइज किस सवाल का करेंगे ? बता दे कि बलिया आज भी ग्रीन जॉन सिटी है , फिर भी यहां इतनी सख्ती है कि किताब कापी की दुकानें नही खुल रही है जबकि वाराणसी गोरखपुर जैसे महा नगरों में किताब कॉपी की दुकानें खुल रही है और अभिभावकों तक होम डिलीवरी के माध्यम से किताब कॉपियों को पहुंचा भी रही है । बलिया एक्सप्रेस की जिला प्रशासन से मांग है कि ऐसी ही व्यवस्था बलिया में शुरू की जाय ।
शासन की मंशा है कि लोगो को घरों पर रोका जाए, उनकी जरूरत की चीजों को घरों तक ही पहुंचा दिया जाय, जिससे घरों से सड़कों पर न निकले । लेकिन बलिया में ठीक इसके उलट हो रहा है । लोगो के घरों के पास की दुकानों को बन्द करके सड़को पर स्थित दुकानों को खुलने के लिये अधिकृत किया जा रहा है, ऐसे में सड़कों पर लॉक डाउन में मिलने वाले छूट के समय सड़को पर मेला जैसा सदृश्य दिखने लग जा रहा है और 21 घण्टे की बंदी का लाभ 3 घण्टे की छूट में बर्बाद हो जा रहा है । ऐसे में लॉक डाउन का औचित्य ही खत्म हो जा रहा है ।
बलिया एक्सप्रेस जिला प्रशासन को लॉक डाउन को कारगर तरीके से लागू करने व छूट के समय मे भी भीड़भाड़ न हो इसके लिये सुझाव दे रहा है ,इसको मानना या न मानना जिला प्रशासन के हाथ मे है ----
1- स्कूली छात्रों की हो रही पढ़ाई के नुकसान को रोकने के लिये किताबो की दुकानों को खुलवा कर अभिभावकों तक होम डिलीवरी के माध्यम से भेजवाने का आदेश जारी हो ।
2- भीड़ को सड़कों पर छूट के समय आने से रोकने के लिये मुहल्लों की दुकानों को बिना भेदभाव के फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश के साथ खोलने की इजाजत दी जाय । सड़को की दुकानों को खोलने से बचा जाय ।
3- मुहल्लों गांवो में फुटकर दुकानदारों को 11 बजे से 7 बजे के बीच सामान खरीदने के लिये पास जारी किया जाय ।
4- आज के दौर में मोबाइल जीवन का अभिन्न अंग हो गया है और यह भी आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में है ,इनके रिचार्ज सेंटरों को भी खोलने की इजाजत दी जाय ।
5- मोटर साइकिल मेकेनिक की दुकान को भी छूट के दौरान खोलने की इजाजत दी जाय ।
6- जितनी फोर्स चौराहो पर लोगो को रोकने के लिये लगानी पड़ रही है , उससे कम फोर्स में ही लोगो को सड़क पर आने से रोका जा सकता है । इसके लिये छूट के समय मुहल्लों के प्रवेश द्वारों/गलियों पर दो दो पुलिस के जवान लगाकर बाहर जाने से रोका जा सकता है ।
शासन की मंशा लोगो से फिजिकल डिस्टेंसिंग लागू करने की है जो बलिया में चल रही वर्तमान व्यवस्था से अपेक्षित परिणाम नही आ पा रहा है ।
बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
मधुसूदन सिंह
बलिया 26 अप्रैल 2020 ।। बलिया में लॉक डाउन के बीच आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी को लेकर आमजन से लेकर दुकानदारों में भी असमंजस की स्थिति उतपन्न हो गयी है और स्कूली छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई भी बाधित हो रही है । बता दे कि जिला प्रशासन ने लॉक डाउन के बीच आमजन को अवश्यक सामान खरीदने के लिये सुबह 7 से 10 बजे का समय निर्धारित किया है और होलसेल विक्रेताओं के लिये दिन में 11 बजे से शाम 7 बजे तक का समय बिक्री करने के लिये निर्धारित किया है । यही निर्धारण व्यापारियों के लिये सिरदर्द बन गया है । रिटेलर सुबह 7 से 10 बेचने के बाद जब सामान खरीदने निकल रहा है तो पुलिस रोक दे रही है । ऐसे में होलसेलरो का भी कहना है कि हमारी दुकानों को खोले रखने का क्या औचित्य है जब हमारे ग्राहक रिटेलर दुकानदार हम तक आ ही नही पाएंगे ? वही यही हाल स्कूलों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है । शासन के मंशानुरूप विद्यालयों ने तो ऑनलाइन क्लासेस शुरू कर दिया है , पर छात्रों के पास किताब कॉपी न होने से इसके भी चलने का कोई मतलब नही रह जाता है क्योंकि बच्चे लिखेंगे कहां? एक्सरसाइज किस सवाल का करेंगे ? बता दे कि बलिया आज भी ग्रीन जॉन सिटी है , फिर भी यहां इतनी सख्ती है कि किताब कापी की दुकानें नही खुल रही है जबकि वाराणसी गोरखपुर जैसे महा नगरों में किताब कॉपी की दुकानें खुल रही है और अभिभावकों तक होम डिलीवरी के माध्यम से किताब कॉपियों को पहुंचा भी रही है । बलिया एक्सप्रेस की जिला प्रशासन से मांग है कि ऐसी ही व्यवस्था बलिया में शुरू की जाय ।
शासन की मंशा है कि लोगो को घरों पर रोका जाए, उनकी जरूरत की चीजों को घरों तक ही पहुंचा दिया जाय, जिससे घरों से सड़कों पर न निकले । लेकिन बलिया में ठीक इसके उलट हो रहा है । लोगो के घरों के पास की दुकानों को बन्द करके सड़को पर स्थित दुकानों को खुलने के लिये अधिकृत किया जा रहा है, ऐसे में सड़कों पर लॉक डाउन में मिलने वाले छूट के समय सड़को पर मेला जैसा सदृश्य दिखने लग जा रहा है और 21 घण्टे की बंदी का लाभ 3 घण्टे की छूट में बर्बाद हो जा रहा है । ऐसे में लॉक डाउन का औचित्य ही खत्म हो जा रहा है ।
बलिया एक्सप्रेस जिला प्रशासन को लॉक डाउन को कारगर तरीके से लागू करने व छूट के समय मे भी भीड़भाड़ न हो इसके लिये सुझाव दे रहा है ,इसको मानना या न मानना जिला प्रशासन के हाथ मे है ----
1- स्कूली छात्रों की हो रही पढ़ाई के नुकसान को रोकने के लिये किताबो की दुकानों को खुलवा कर अभिभावकों तक होम डिलीवरी के माध्यम से भेजवाने का आदेश जारी हो ।
2- भीड़ को सड़कों पर छूट के समय आने से रोकने के लिये मुहल्लों की दुकानों को बिना भेदभाव के फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश के साथ खोलने की इजाजत दी जाय । सड़को की दुकानों को खोलने से बचा जाय ।
3- मुहल्लों गांवो में फुटकर दुकानदारों को 11 बजे से 7 बजे के बीच सामान खरीदने के लिये पास जारी किया जाय ।
4- आज के दौर में मोबाइल जीवन का अभिन्न अंग हो गया है और यह भी आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में है ,इनके रिचार्ज सेंटरों को भी खोलने की इजाजत दी जाय ।
5- मोटर साइकिल मेकेनिक की दुकान को भी छूट के दौरान खोलने की इजाजत दी जाय ।
6- जितनी फोर्स चौराहो पर लोगो को रोकने के लिये लगानी पड़ रही है , उससे कम फोर्स में ही लोगो को सड़क पर आने से रोका जा सकता है । इसके लिये छूट के समय मुहल्लों के प्रवेश द्वारों/गलियों पर दो दो पुलिस के जवान लगाकर बाहर जाने से रोका जा सकता है ।
शासन की मंशा लोगो से फिजिकल डिस्टेंसिंग लागू करने की है जो बलिया में चल रही वर्तमान व्यवस्था से अपेक्षित परिणाम नही आ पा रहा है ।
बलिया जिला प्रशासन की लोगो से अपील
कोरोना के प्रति जागरूक करता भोजपुरी गीत
यह हिंदी गाना भी आपको कोरोना के सम्बंध में बता रहा है
डॉ विश्राम यादव वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी अपनी कविता का पाठ करते हुए
एक अपील
जनपद में यदि कोई बच्चा कोरोना लॉक डाउन के कारण भूँख या अन्य किसी कारण से संकट में है तो हमारे चाइल्ड हेल्प लाइन नंबर 1098 पर 24x7 फोन करें। हमारी चाइल्डलाइन परिवार के साथी संकट की इस घड़ी में भोजन, दवा आदि से बच्चों की हर संभव मदद के लिए कृत संकल्प हैं।
निदेशक, चाइल्ड लाइन-1098