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इलाहाबाद हाई कोर्टका चला हंटर प्रदेश के शिक्षण संस्थानों के व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक ,खेल व शैक्षणिक उपयोग के लिये ही केवल हो सकता है इस्तेमाल

इलाहाबाद हाई कोर्टका चला हंटर प्रदेश के शिक्षण संस्थानों के व्यावसायिक इस्तेमाल पर रोक ,खेल व शैक्षणिक उपयोग के लिये ही केवल हो सकता है इस्तेमाल
ए कुमार

प्रयागराज 8 मार्च 2020 ।। प्रदेश में शिक्षण संस्थानों का अब व्यावसायिक प्रयोग नहीं हो सकेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी शिक्षण संस्थानों के भवन तथा मैदान के किसी भी प्रकार के व्यावसायिक या शादी समारोह के लिए इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी है। एक याचिका पर हाई कोर्ट ने यह निर्देश दिया है। याचिका की अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी।इलाहाबाद हाई कोर्ट ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह स्कूल या कालेज परिसर का व्यावसायिक इस्तेमाल न होने दें। अगर ऐसा होता है तो ऐसे सभी प्रबंधकों से स्पष्टीकरण लेकर कार्रवाई करें। इतना ही नहीं हाई कोर्ट ने मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव शिक्षा को इसका कड़ाई से पालन कराने का निर्देश दिया है।यह आदेश न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने क्षेत्रीय स्थानीय सभा जौनपुर के सदस्य दीपेंद्र विक्रम सिंह की याचिका पर दिया है। याची की कहना है कि टी डी कालेज जौनपुर परिसर का प्रबंधन व्यावसायिक उपयोग कर रहा है। इस बात की जिला प्रशासन एवं शिक्षा विभाग के अधिकारियों को 2018 में ही शिकायत की गयी है, किन्तु कालेज के व्यावसायिक उपयोग पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है। इससे कालेजों का शैक्षिक वातावरण प्रभावित हो रहा है। कोर्ट ने कहा कि ऐसा देखा जा रहा है कि कालेजों का व्यावसायिक इस्तेमाल किया जा रहा है। कालेज का इस्तेमाल शिक्षा एवं खेलकूद के लिए ही होना चाहिए।हाई कोर्ट ने कहा है कि शिक्षण संस्थानों का इस्तेमाल केवल शैक्षिक व स्पोर्ट्स कार्यक्रमों के लिए ही किया जा सकता है। इसके व्यावसायिक उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने प्रदेश के मुख्य सचिव व प्रमुख सचिव शिक्षा को सभी जिलाधिकारियों को इस आशय का निर्देश जारी करने का भी निर्देश दिया है। राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की अगली सुनवाई 31 मार्च को होगी।