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बलिया : पटकथा की संजीदगी भरी शुरुआत को बेटी बेचवा ने संकल्प रंगोत्सव में दी नई ऊंचाई ,हंसाते गुनगुनाते रुलाते हुए बेटी बेचवा के कलाकारों ने दी सबको बिदाई


 बलिया : पटकथा की संजीदगी भरी शुरुआत को बेटी बेचवा ने संकल्प रंगोत्सव में दी नई ऊंचाई ,हंसाते गुनगुनाते रुलाते हुए बेटी बेचवा के कलाकारों ने दी सबको बिदाई
मधुसूदन सिंह

बलिया 30 दिसम्बर 2019 ।। बलिया जैसे जनपद में जहां रंगमंच और इसमें काम करने वाले कलाकारों को पहले हेय दृष्टि से देखा जाता हो, वहां अगर रंगमंच के राष्ट्रीय कलाकारों द्वारा सीमित संसाधनों के बीच भी अपनी उच्चकोटि की प्रस्तुतियां दी जाय और क्या आम हो या खास मूर्तिवत बैठ कर नाटकों का आनंद ले, यह अगर बदलाव कोई ला पाया है तो उस एकमात्र शख्स का नाम है आशीष त्रिवेदी । जी हां, आज बलिया में रंगमंच को जो भी सम्मान मिल रहा है उसका श्रेय अपमान झेलकर भी सफलता के लिये लक्ष्य को न छोड़ने वाले कलाकार आशीष त्रिवेदी केे कारण । 2002 में संकल्प नामक संस्था को बनाकर 2004 से इस संस्था के माध्यम से भिखारी ठाकुर के नाटकों का मंचन करके इस संस्था ने देश के विभिन्न मंचो पर अपनी प्रस्तुतियों से बलिया का डंका रंगमंच की दुनिया मे भी बजाने का काम किया है । इसके द्वारा अपनी 15 वी रंगमंचीय वर्षगांठ पर राष्ट्रीय नाट्य समारोह "संकल्प रंगोत्सव" का आयोजन आशीष त्रिवेदी के रंगमंच के प्रति दृढ़ अपनत्व के संकल्प को दर्शाता है ।
   जिलाधिकारी बलिया श्रीहरि प्रताप शाही के हाथों शुभारम्भित और पटना की दस्तक द्वारा प्रस्तुत सुदामा पांडेय धूमिल की कविता पर आधारित पटकथा के मंचन से सरकार, राजनेताओ और सामाजिक बुराइयों पर प्रहार की जो दमदार शुरुआत हुई, वह सेतु सांस्कृतिक केंद्र वाराणसी की हादसे के बाद से होते हुए रंगयात्रा पटना की बुद्धिजीवी व विवेचना रंगमंडल जबलपुर की निठल्ले की डायरी के साथ दूसरे दिन भी जारी रहा । कार्यक्रम के तीसरे और अंतिम दिन कोलकाता की लिटिल थेस्पियन की प्रस्तुति पतझड़ ने  पति के घर छोड़ कर भाग जाने के बाद एक महिला को अपने बेटे व अपाहिज बेटी को पालने में कौन कौन सी कठिनाइयां आती है उसको सहजता व संजीदगी के साथ प्रस्तुत करके लिटिल थेस्पियन ग्रुप ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया । अंतिम दिन की अंतिम प्रस्तुति संकल्प टीम की बेटी बेचवा रही जो पटकथा के मंचन से निकली हुई सामाजिक बुराई की आग की विभीषिका को दर्शाते हुए सामाजिक कुरीतियों पर जमकर हमला बोलते हुए उच्चकोटि की प्रस्तुति से दर्शकों का दिल जीत लिया और यह साबित किया कि बलिया में भी ऐसे रंगकर्मी और टीम है जो देश की किसी भी मंच पर उच्चकोटि का प्रदर्शन कर सकती है । संकल्प की पूरी टीम को बलिया एक्सप्रेस परिवार बलिया का नाम रौशन करने के लिये कोटिशः नमन वंदन करता है ।


नाट्य प्रस्तुति से पहले संकल्प संस्था द्वारा प्रतिवर्ष दिया जाने वाला संकल्प सम्मान इस साल पांच महान विभूतियों को दिया गया ये पांचों विभूतियां बलिया की रहने वाली हैं और अपने अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य कर रही हैं । यह  सम्मान सुप्रसिद्ध उपन्यासकार श्री सत्य व्यास को दिया गया जो मूलत: रुद्रपुर गायघाट के रहने वाले हैं अभी उड़ीसा में रहते हैं अभी तक चार उपन्यास प्रकाशित हो चुके हैं जिसमें  बागी बलिया प्रमुख  है, सुप्रसिद्ध फिल्मी गीतकार डॉ० सागर को दिया गया।सागर कंकरीट गांव के रहने वाले हैं और मुंबई में रहते हैं । अब तक 25 फिल्में रिलीज हो चुकी है जिसमें उन्होंने गत लिखा है।बॉलीवुड के बड़े-बड़े गायक गायिका ने इनके गीतों को गाया है । युवा कवि अदनान कफ़ील दरवेश को भी संकल्प सम्मान से सम्मानित किया गया। अदनान  राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं। भारत भूषण सम्मान और वेणुगोपाल सम्मान मिल चुका है। केदारनाथ सिंह की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले अदनान बहुत ही सशक्त कवि हैं ।  सामाजिक कार्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए रतसड़ की प्रधान सुश्री स्मृति सिंह को संकल्प सम्मान से नवाजा गया।  युवा रंगकर्मी सोनी को भी यह सम्मान दिया गया। सोनी पिछले 6 वर्षों से रंग मंच पर लगातार सक्रिय है ।अभिनय के साथ नृत्य के माध्यम से बलिया के रंगमंच को समृद्ध कर रही है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री विपीन जैन आइ ए एस एसडीएम रसड़ा द्वारा सभी सम्मानितों को बुके और सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित करने से पहले दिल्ली विश्वविद्यालय  भगत सिंह कॉलेज के डॉ विंध्याचल मिश्र ने सब के बारे में विस्तार से बताया ।

बता दे कि संकल्प रंगोत्सव के तीसरे और अंतिम दिन की प्रस्तुतियों की शुरुआत मुख्य अतिथि विपिन जैन (आईएएस) उप जिलाधिकारी रसड़ा द्वारा द्वीप प्रज्वलन के साथ हुआ ।
महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की अमर कृति बेटी वियोग "बेटी बेचवा" के मंचन से तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह का समापन हुआ। विगत 3 दिनों से बलिया कलेक्ट्रेट स्थित ड्रामा हाल में चल रहे राष्ट्रीय नाट्य समारोह संकल्प रंगोत्सव का समापन 29 तारीख को इस वादे के साथ हुआ कि हर साल यह महोत्सव यूं ही आयोजित होता रहेगा । संकल्प साहित्यिक सामाजिक एवं सांस्कृतिक संस्था बलिया की 15 वीं वर्षगांठ पर 27 से 29 दिसंबर तक तीन दिवसीय राष्ट्रीय नाट्य समारोह संकल्प रंगोत्सव का आयोजन किया गया ।

समारोह के आखिरी दिन दो नाटकों का मंचन हुआ जिसमें कोलकाता के लिटिल थेस्पियन ग्रुप द्वारा एस एम अजहर के निर्देशन में पतझण  नाटक का मंचन हुआ इस नाटक ने बलिया के रंगमंच पर अभिनय के नए प्रतिमान स्थापित किए । उमा झुनझुनवाला के शानदार अभिनय को देखकर बलिया के कला प्रेमी अचम्भित रहे।नाटक टेनेसी विलियम्स की द ग्लास मैनेजरी पर आधारित  एक ऐसे परिवार की कहानी जिसमें परिवार का मुखिया अपनी जिम्मेदारियों से विमुख हो जाता है । उसका असर उसके बेटे पर भी पड़ता है । वह घर में रहकर भी अपने घर की जिम्मेदारियों को नहीं समझता। माँ पूरे परिवार को जोड़ने की कोशिश करती है। उसकी एक बेटी भी है जिसे वह चाहती है कि स्थापित हो जाए लेकिन अपाहिज होने के कारण उसे बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है । एक मां के सामने जब पूरे परिवार की जिम्मेदारी आ जाती है तो किन किन परिस्थितियों से जूझती है इसका एहसास नाटक के कलाकारों ने कराया। यह अद्भुत प्रस्तुति रही बलिया के रंगमंच पर। नाटक में मुख्य भूमिका वरिष्ठ रंगकर्मी उमा झुनझुनवाला की उनके संवाद अदायगी और देह भाषा कमाल की रही । इसके अलावा इंदीवर प्रधान, हिना परवेज, यामिनी प्रधान ,अमर्त्य भट्टाचार्य , सुवन पार सेन  की भी भूमिका सराहनीय रही।





दूसरी प्रस्तुति जिले की सुप्रसिद्ध रंग संस्था संकल्प की रही। महान लोक कलाकार भिखारी ठाकुर की अमर कृति को संकल्प के रंगकर्मियों ने मंच पर जीवंत कर दिया । नाटक में एक बेटी के दर्द को बहुत ही मार्मिक तरीके से मंच पर प्रस्तुत किया। नाटक ने लोगों को पहले खूब हंसाया और अंत जाते जाते दर्शकों की आंखों को नम कर दिया। नाटक उस दौर में लिखा गया था जब धन के अभाव में लोग अपनी बेटियों को बेचते थे। आज दहेज और लड़कियों के प्रति भेदभाव से भरे सामाजिक ताने-बाने में नाटक उतना ही प्रासंगिक है और कालजई है जितना पहले था। मंच पर अपने शानदार अभिनय से लोगों को आकर्षित करने में सोनी ,ट्विंकल गुप्ता , आनंद कुमार चौहान, अर्जुन रावत शानदार रहे । इसके साथ पुष्पा, प्रकृति, संस्कृति , शालू, सलोनी,  पासवान,  अखिलेश कुमार मौर्या  , गोविन्दा पासवान , राहुल ,अभिषेक, दीपक, प्रकाश ,हरिकेश, विशाल,अभिषेक पासवान, राहुल , विवेक, की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण  रही नाटक को संगीत से संवारा शैलेंद्र कुमार मिश्र ने पार्श्व गायन बिट्टू ने किया जबकि उनके सहयोगी के रुप में कृष्ण कुमार यादव मिट्ठू और शैलेंद्र शर्मा  की थी। ध्वनि और प्रकाश की व्यवस्था राकेश विक्रम सिंह ने सम्भाली।





 इस अवसर पर सुप्रसिद्ध चित्रकार राजेंद्र गर्ग, डॉ अमरनाथ पासवान, प्रोफेसर यशवंत सिंह(सेवानिवृत्त कोलकाता विश्वविद्यालय), श्री राम जी तिवारी ,शालिनी श्रीवास्तव ,डॉ कदम्बिनी सिंह , समीर पांडे ,अजय पांडे ,संतोष सिंह, पंडित ब्रजकिशोर त्रिवेदी, मोहन जी श्रीवास्तव ,शैलेश सिंह,कौशल कुमार उपाध्याय, डॉ  इफ़तेखार खान ,डॉ राजेंद्र भारती, डा० भवतोष पांडेय,भानू प्रकाश सिंह  इत्यादि  सैकड़ों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे । आयोजन को पिछले1 महीने से जिन लोगों ने कड़ी मेहनत करके इसे सफल बनाया उसने सोनी ,ट्विंकल गुप्ता, डा० अशोक कंचन जमाल पुरी, अरविंद गुप्ता ,आनंद कुमार चौहान ,अर्जुन कुमार रावत गोविंदा पासवान अखिलेश मौर्या , विशाल, रोहित, अभिषेक, प्रकाश, दीपक, इत्यादि की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण रही। कार्यक्रम के अंत में संकल्प के सचिव रंगकर्मी आशीष त्रिवेदी ने सभी कलाकारों और दर्शकों का आभार व्यक्त किया।