दुबेछपरा बलिया : "सुगान्ती" ने रचा इतिहास , अमर नाथ मिश्र पी0जी0 कालेज की बनी पहली विश्वविद्यालय टॉपर, भूगोल में प्राप्त की गोल्ड मेडल
दुबेछपरा बलिया : "सुगान्ती" ने रचा इतिहास , अमर नाथ मिश्र पी0जी0 कालेज की बनी पहली विश्वविद्यालय टॉपर, भूगोल में प्राप्त की गोल्ड मेडल
डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट
बलिया 12 दिसम्बर 2019 ।।अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा की एम० ए ० (भूगोल) की छात्रा सुगांती शर्मा को जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक से राज्यपाल महोदया के द्वारा नवाजा गया । वर्ष 2019 की विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा में सुगंती ने भूगोल विषय में विश्वविद्यालय में सर्वोच्च स्थान लाकर महाविद्यालय दूबेछपरा का नाम रोशन किया है ।बल्कि बाढ़ की विभीषिका से प्रभावित रहने वाले द्वाबा का नाम भी विश्वविद्यालय के पटल पर स्थापित किया है । शिक्षा के क्षेत्र में दूबेछपरा का पहले से ही अविस्मरणीय योगदान रहा है ।
सुगान्ति जब पदक लेकर अपने गाँव दया छपरा आई तो मुहल्ले में खुशी की लहर दौड़ गई। कॉलेज के विद्यार्थियों और गांव वालो ने ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया।सुगंती अपने घर जाते समय रास्ते मे अपने कॉलेज में जाकर कालेज के संस्थापक जी की मूर्ति को नमन की।सुगान्ति इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरुजनों,सहपाठियों के साथ ही साथ अपने पिता भृगुनाथ शर्मा व माँ मानती देवी को देती है।सुगान्ति के पिता अपने पुश्तैनी ब्यवसाय बढई के काम करते है। सुगान्ति अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी है।दिक्षान्त समारोह में इस खुशी में महाविद्यालय के प्राचार्य-डॉ गौरीशंकर द्विवेदी,प्राध्यापक गण में डॉ0 शिवेश राय, डॉ0श्यामविहारी श्रीवास्तव,डॉ0 भगवानजी चौबे,डॉ0 सुनील कुमार ओझा,डॉ0 ज्ञानेन्द्र सिंह,डॉ0 ऋषिधर विवेक,डॉ0 राजू कुमार सिंह,के साथ ही साथ भूगोल के नरेन्द्र मिश्र भी उपस्थित रहे।
डॉ सुनील कुमार ओझा की रिपोर्ट
बलिया 12 दिसम्बर 2019 ।।अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा की एम० ए ० (भूगोल) की छात्रा सुगांती शर्मा को जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में स्वर्ण पदक से राज्यपाल महोदया के द्वारा नवाजा गया । वर्ष 2019 की विश्वविद्यालय की वार्षिक परीक्षा में सुगंती ने भूगोल विषय में विश्वविद्यालय में सर्वोच्च स्थान लाकर महाविद्यालय दूबेछपरा का नाम रोशन किया है ।बल्कि बाढ़ की विभीषिका से प्रभावित रहने वाले द्वाबा का नाम भी विश्वविद्यालय के पटल पर स्थापित किया है । शिक्षा के क्षेत्र में दूबेछपरा का पहले से ही अविस्मरणीय योगदान रहा है ।
सुगान्ति जब पदक लेकर अपने गाँव दया छपरा आई तो मुहल्ले में खुशी की लहर दौड़ गई। कॉलेज के विद्यार्थियों और गांव वालो ने ढोल नगाड़ों के साथ स्वागत किया।सुगंती अपने घर जाते समय रास्ते मे अपने कॉलेज में जाकर कालेज के संस्थापक जी की मूर्ति को नमन की।सुगान्ति इस उपलब्धि का श्रेय अपने गुरुजनों,सहपाठियों के साथ ही साथ अपने पिता भृगुनाथ शर्मा व माँ मानती देवी को देती है।सुगान्ति के पिता अपने पुश्तैनी ब्यवसाय बढई के काम करते है। सुगान्ति अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी है।दिक्षान्त समारोह में इस खुशी में महाविद्यालय के प्राचार्य-डॉ गौरीशंकर द्विवेदी,प्राध्यापक गण में डॉ0 शिवेश राय, डॉ0श्यामविहारी श्रीवास्तव,डॉ0 भगवानजी चौबे,डॉ0 सुनील कुमार ओझा,डॉ0 ज्ञानेन्द्र सिंह,डॉ0 ऋषिधर विवेक,डॉ0 राजू कुमार सिंह,के साथ ही साथ भूगोल के नरेन्द्र मिश्र भी उपस्थित रहे।