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लखनऊ से बड़ी खबर : विकास के लिए बनेगा एक गांव, एक प्लान, प्रधानों की नहीं चलेगी मनमानी,दो लाख तक के काम कराने के लिये प्रधान को नही लेनी होगी किसी से स्वीकृति

लखनऊ से बड़ी खबर : विकास के लिए बनेगा एक गांव, एक प्लान, प्रधानों की नहीं चलेगी मनमानी,दो लाख तक के काम कराने के लिये प्रधान को नही लेनी होगी किसी से स्वीकृति
ए कुमार

लखनऊ 5 नवम्बर 2019 : ग्राम पंचायत में होने विकास कार्यों में अब प्रधान व सचिव की मनमानी नहीं चलेगी। प्रधान अब वोट न देने वाले ग्रामीणों के टोले-मोहल्ले, मजरा व पुरवा को विकास से वंचित नहीं रख सकेंगे। विकास के नाम पर प्रधान जी भेदभाव नहीं कर पाएंगे। क्योंकि 2020 में हर पंचातय में एक गांव, एक प्लान बनेगा। विकास की यह योजना समूचे गांव के सामने खुली बैठक में तय होगी। 
तीन माह पहले तय होंगे 2020-21 के काम
जन -योजना अभियान के तहत पंचायतों को 2020-21 की  कार्ययोजना तैयार करने का सुनहरा मौका मिल रहा है। हर पंचायत को 30 दिसम्बर तक अपने गांव की ग्राम पंचायत विकास योजना (जीपीडीपी) तैयार करनी है। जीपीडीपी तैयार करने के लिए पंचायतों की कम से कम दो खुली बैठके होंगी। पहली बैठक में कामों पर चर्चा होगी। दूसरी खुली बैठक में ग्रामीणों के सामने कार्ययोजना पर मोहर लगेगी। जहां जरूरत होगी वहीं पर नाली, सड़क, शौचालय, आवास आदि दिए जाएंगे। इस तरह से गांव, मजरे व पुरवा के लोगों के साथ भेदभाव नहीं हो सकेगा।
कार्ययोजना में शामिल होंगे अन्य विभाग के काम 
जीपीडीपी में पंचायत से जुड़े अन्य विभागों की सहभागिता जरूरी है। यही वजह है कि इसे जन योजना अभियान की तरह लिया गया है। डीपीआरओ प्रदीप कुमार बताते हैं कि जीपीडीपी में सिंचाई, कृषि, शिक्षा, बाल विकास, चिकित्सा, पुशपालन, बिजली समेत पंचायत स्तर के अन्य विभाग भी अपनी कार्ययोजना शामिल करा सकते हैं। इसके बाद सचिव इसे पंचायत राज मंत्रालय के पोर्टल प्लान प्लास पर अपलोड कर देंगे।
प्रधान करा सकेंगे दो लाख तक के काम
जीपीडीपी के तहत दो लाख रुपए तक के विकास कार्य के लिए पंचातय को किसी से वित्तीय स्वीकृति नहीं लेनी होगी। प्रधान और सचिव बिना किसी वित्तीय स्वीकृति के काम कराएंगे। इससे अधिक यानी 2.5 लाख तक के काम की स्वीकृति एडीओ पंचायत देगें। पांच लाख तक डीपीआरओ से मंजूरी मिलेगी। जबकि इससे अधिक की कार्ययोजना के लिए डीएम वित्तीय स्वीकृति देंगे।