Breaking News

मेरा हरि है हजार हाथ वाला .....चरितार्थ हुआ है बलिया में :नवोदय विद्यालय के देशभर के छात्रों ने अपने कैसर पीड़ित साथी के उपचार के लिये जुटा डाले लाखो रुपये , जाने पूरी कहानी


 मेरा हरि है हजार हाथ वाला ...चरितार्थ हुआ है बलिया में :नवोदय विद्यालय के देशभर के छात्रों ने अपने कैसर पीड़ित साथी के उपचार के लिये जुटा डाले लाखो रुपये , जाने पूरी कहानी 
मधुसूदन सिंह

बलिया 7 नवम्बर 2019 ।। यह कहावत सभी ने सुनी होगी कि ऊपर वाले के हाथ बहुत लम्बे और हजारो होते है , वश उसको अपने अंतःकरण से पुकारने की देर होती है, सहारे के लिये अपने आप हाजिर हो जाते है । इस कहावत को आज हम लोग बलिया में चरितार्थ होते हुए अपनी आंखों से देख और कानों से सुन भी रहे है । मौत को धीरे धीरे अपने पास आती देकर जीवन बचने की आस छोड़ चुके कैंसर पीड़ित गरीब नौजवान के लिये उसके सहपाठी और उस संस्थान के नये पुराने छात्र फरिश्ते के रुप मे मदद करने जब पहुंचे है तो मौत को अपने ठीक सामने देखने वाला नौजवान अब जीवन की सुनहरी गाथाये लिखने को आतुर दिख रहा है । अभी इस नौजवान की सर्जरी दो दिन बाद होने वाली है लेकिन इसको अब कैंसर रूपी मौत से कोई भी खौफ नही है । यह अब हर हाल में ऑपरेशन के बाद कैसर को हराकर दोस्तो के साथ समय बिताने की बात कह रहा है । आज मंजीत और उसका परिवार यही कह रहा है मेरा हरि है हजार हाथ वाला ...




  बता दे कि बैरिया (बलिया) के निवासी और नवोदय विद्यालय, बलिया के पूर्व छात्र 21 वर्षीय मंजीत कुमार साह स्किन कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित हैं. इस साल फरवरी में जब उनको इस बीमारी के गंभीर स्थिति में होने की जानकारी मिली तो  उन्हें और उनके परिजनों को यह बीमारी ने इलाज के दरमियान मानसिक और आर्थिक रूप से तोड़ दिया । वाराणसी के होमी भाभा रिसर्च सेंटर में इलाज करा रहे  मंजीत के परिजनों से डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए करीब 4 लाख रुपये का इंतजाम करने के लिए कहा तो ​मंजीत के मां—बाप के लिए इतने पैसों का इंतजाम करना लगभग नामुमकिन था । वे अब इस चिंता में थे कि इतने पैसों का इंतजाम वे कैसे करेंगे. ऐसे में नवोदय विद्यालय के अभिषेक और उनके साथी मंजीत के परिजनों के लिए फरिश्ते की तरह सामने आए । इन दोनों ने जहां मंजीत को आश्वस्त किया कि तुम्हारा इलाज हर हाल में हम लोग कराएंगे और तुम्हे मरने नही देंगे ,के द्वारा मंजीत के आत्मबल को बढ़ाया ,वही नवोदय विद्यालय के अपने पूर्व व वर्तमान छात्रों में ग्रुप
मैसेजिंग, सोशल मीडिया से मैसेज के द्वारा नोवोदय विद्यालय परिवार से सहायता की गुहार लगाई ।
  सबसे पहले नवोदय विद्यालय से ही शिक्षा ग्रहण करने वाले सीए सनी कुमार सिंह ने अभिषेक की मुहिम से जुड़ने का फैसला किया ।सनी सिंह पेशे से सीए हैं और बलिया जिले में अपनी फर्म चलाते हैं. सीए सनी कुमार सिंह की छवि जिले में एक समाजसेवी की भी है. मल्टीनेशनल कंपनियों की नौकरी छोड़कर अपने जिले में ही फर्म शुरू करने का फैसला करने वाले सीए सनी सिंह जरूरत पर हर किसी की मदद को तत्पर रहते हैं।
नवोदय, बलिया के पूर्व छात्र 22 वर्षीय अभिषेक उपाध्याय को जब पता चला कि उनका जूनियर मंजीत कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है और उसे तत्काल आर्थिक मदद की जरूरत है, तो वे बिना समय गंवाए उसके लिए पैसों को इंतजाम करने में जुट गए. इसमें उनके साथ सामने आए नवोदय के ही छात्र रहे  सीए सनी कुमार सिंह, डॉ. शिरिष कुमार और रंजीत चौहान,धीरज सिंह, इन पाँच साथियों ने मिलकर बीते 25 नवंबर 2019 को सोशल मीडिया के जरिए मंजीत के ऑपरेशन के लिए फंड जुटाने की मुहिम शुरू की. इस मुहिम का असर इतनी तेजी से हुआ कि करीब 12 दिन में ही अभिषेक और उनके साथियों ने करीब 3 लाख रुपये का फंड सीधे मंजीत के खाते में जमा करा दिया.

इस पूरी मुहिम में नवोदय के पूर्व छात्रों पवन वर्मा DRDO में अधिकारी,रवि शंकर गुप्ता, रोहित प्रकाश सिंह,धीरज सिंह,अभित, कन्हैया एवम अन्य  ने जिस तरह अपने एक साथी की मदद के लिए आगे आए, वह काबिलेतारीफ है ।नवोदय के पूर्व छात्रों के अलावा कई और लोगों ने भी मंजीत के ऑपरेशन के लिए आर्थिक मदद की. मंजीत का ऑपरेशन .9  नवंबर को होना तय हुआ है. अभिषेक और उनके साथी मंजीत और उसके परिवार के साथ पूरी शिद्दत से खड़े है ।
कैसे और किसने की मदद दिलाने की इस मुहिम की शुरुआत

अभिषेक का कहना है, ''मंजीत मेरा एक साल जूनियर (2010—17) है. मुझे यह मालूम चला कि वह स्किन कैंसर से पीड़ित है और उसे पैसों की जरूरत है. मैं पूरी रात सोचता रहा कि मुझे अपने साथी की कैसे भी हो मदद करनी है. पहले मैंने सोचा कि मैं अकेला कैसे कर पाउंगा. लेकिन फिर मैंने सोशल मीडिया के जरिए एक अभियान चलाकर सीधे मंजीत के खाते में फंड जुटाने के बारे में सोचा. लेकिन यह आसान नहीं था.''

अ​भिषेक कहते हैं, ''मैंने सनी भईया, डॉ. शिशिर और रंजीत भईया से इस बारे में बात की. सभी लोग फौरन इस अभियान से जुड़ने को राजी हो गए. आज नतीजा सामने है. हम चारों को खुशी है कि हम सभी मिलकर अपने नवोदय विद्यालय के छात्र की मदद में थोड़ा बहुत योगदान कर पाए.'' उनका कहना है कि हम चाहते हैं मंजीत जल्द स्वस्थ होकर अपने घर आए. भगवान से हम यही प्रार्थना कर रहे हैं. जरूरत पड़ने पर हम आगे भी मंजीत मदद के लिए खड़े रहेंगे । इन लड़को की संकल्पित भावना को देखने के बाद पूर्व राष्ट्रपति डॉ एपीजे कलाम की कही हुई बात याद आ गयी ---
हमें उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए और ना ही परेशानियों को यह मौका देना चाहिए कि वो हमें हरा सकें ।

कई एनजीओ ने किया संपर्क
अभिषेक और सनी सिंह के साथ चार लोगों की टोली ने जब मंजीत के परिवार की आर्थिक मदद के लिए सोशल मीडिया पर मुहिम शुरू की तो एक हफ्ते में ही इसका व्यापक असर हुआ. कई एनजीओ ने भी अभिषेक की मुहिम के जरिए मंजीत के मदद की पेशकश की है. लेकिन, अभी पाँच साथियों ने किसी एनजीओ की मदद नहीं ली है. महज 22 साल की उम्र में यह अभियान शुरू करने वाले अभिषेक और उनके साथ तीन साथियों की चर्चा आज पूरे जिले ही नहीं आसपास के जिलों में भी हो रही है ।