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शौचमुक्त जनपद बलिया की खुली पोल : शौच के लिये रेलवे लाइन पर गयी बहरी सास को ट्रेन से बचाने में सास बहू दोनो की गयी जान, क्या यही है शौचमुक्त भारत अभियान ?

 शौचमुक्त जनपद बलिया की खुली पोल : शौच के लिये रेलवे लाइन पर गयी बहरी सास को ट्रेन से बचाने में सास बहू दोनो की गयी जान, क्या यही है शौचमुक्त भारत अभियान ?



बलिया 8 अक्टूबर 2019 ।।
बलिया जनपद के चिलकहर रेलवे स्टेशन के पूर्वी क्रॉसिंग पर 2 महिलाओं के ट्रेन से कटकर मरने का समाचार मिला है । बताया जा रहा है कि यह दोनों महिलाएं शौच के लिए रेलवे लाइन के पास सुबह-सुबह गई थी ।इन दोनों मृत महिलाओं में सास बहू का रिश्ता है । सास बहरी थी जिसको आती हुई ट्रेन की आवाज सुनाई नहीं दी ,इसी बीच बहू की निगाह आती हुई  ट्रेन पर और अपनी सास पर पड़ी, तो अपनी सास को बचाने के लिए वह रेलवे लाइन पर सास को हटाने पहुंची ही थी कि ट्रेन की चपेट में आने से दोनों सास बहू की मौके पर ही मौत हो गई ।
 एक ही परिवार की दो महिलाओं के ट्रेन से कट कर मरने की खबर से आसपास के गांवों में हड़कम्प मच गया । इस दुर्घटना में सास देवन्ती देवी उम्र 58 वर्ष पत्नी लक्ष्मण प्रसाद और बहू मीना देवी उम्र35 वर्ष पत्नी जनार्दन प्रसाद गुप्ता निवासी चिलकहर थाना गड़वार बलिया की घटना स्थल पर ही मौत हो गयी । सूचना पर पहुंचे थानाध्यक्ष गड़वार नागेश उपाध्याय ने शवों को जिला अस्पताल पोस्टमार्टम के लिये भेजवाकर स्वयं भी जिला अस्पताल पहुंच गये ।
    इस दुःखद  दुर्घटना ने बलिया जनपद में भारत सरकार और राज्य सरकार के शौच मुक्त भारत अभियान के मुंह पर कालिख पोतने का काम किया है । बता दें कि सरकारी आंकड़ों में बलिया जनपद शौच मुक्त हो गया है लेकिन जनपद का एक भी ऐसा गांव नहीं मिलेगा, जहां सड़कों पर सुबह और शाम लोग शौच करते हुए ना दिखे या सड़कों पर शौच की गंदगी ना फैली हो । ऐसे में सरकार द्वारा शौचमुक्त अभियान पर लाखों करोड़ों रुपए जो खर्च किए गए हैं बलिया जनपद में वह बेकार दिख रहा है, लूट खसोट दिख रही है । अगर शौचमुक्त भारत अभियान की अवधारणा सही तरह से बलिया में लागू की गई होती तो आज इन दो औरतों की जान खुले में शौच करने के क्रम में नही हुई होती ।