Breaking News

बलिया में नगर पालिका की उपेक्षा से नारकीय जीवन जीने को मजबूर पुलिस लाइन परिसर में रहने वाले जवान, तालाब में तब्दील है पूरा पुलिस लाइन परिसर

बलिया में नगर पालिका की उपेक्षा से नारकीय जीवन जीने को मजबूर पुलिस लाइन परिसर में रहने वाले जवान, तालाब में तब्दील है पूरा पुलिस लाइन परिसर
मधुसूदन सिंह

बलिया 24 सितम्बर 2019 ।। एक तरफ नगर पालिका परिषद बलिया के चेयरमैन अजय कुमार समाजसेवी लोगी में शोहरत पाने के लिये बाढ़ में घिरे लोगो मे राहत के लिये सहायता दे रहे है और फेसबुक पर शोहरत पा रहे है । वही अपनी अकर्मण्यता के चलते शहर के पाश एरिया सिविल लाइन स्थित पुलिस लाइन के निवासियों को बाढ़ का एहसास करा रहे है । नगर पालिका चेयरमैन की सबसे पहली जिम्मेदारी होती है अपने नगर को साफ सुथरा रखने, निवासियों को शुद्ध पेयजलापूर्ति, नालियों की नियमित सफाई और सड़कों को साफ सुथरा रखना , जिसको करने में निश्चित रूप से चेयरमैन अजयकुमार अबतक असफल रहे है । किसी भी शहर की सिविल लाइन एरिया उस शहर की नाक होती है लेकिन बलिया में वर्तमान चेयरमैन के कार्यकाल में यहां की साफ सफाई की व्यवस्था पूर्णतया पटरी से उतर चुकी है । आप मेरी बात का इसी से अंदाजा लगा लीजिये कि पुलिस अधीक्षक कार्यालय हो या पुलिस लाइन जब इन जगहों से नगर पालिका पानी नही निकाल सकती है तो आम लोगो के हालात क्या होंगे खुद सोचिये ?  ऐसा नही है कि पुलिस कार्यालय का हो या पुलिस लाइन का नगर पालिका हाउस टैक्स नही लेती है ? आम लोगो जैसे ही वसूलती है , बस सुविधा नही देती है । आज पुलिस लाइन में रहने वाले हम आप लोगो की सुरक्षा की बागडोर सम्हालने वाले जवान और उनके बीबी बच्चे बाढ़ जैसी हालात से गुजर रहे है , संक्रामक बीमारियों के फैलने के मुहाने पर खड़े है और हमारे चेयरमैन साहब बाढ़ पीड़ितों में एक दिन राहत सामग्री बांट कर अपने कर्तव्य का निर्वहन कर रहे है । सबसे बड़ा सवाल क्या चेयरमैन साहब को पुलिसकर्मियों की यह नारकीय स्थिति नही दिख रही है ?  नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी डीके विश्वकर्मा क्या अपने  एसी चेम्बर में बैठने के लिये ही है ? क्या इनको सिविल लाइन के लोगो की परेशानी नही दिख रही है ? आइये अब आप लोगो को वीडियो के माध्यम से हकीकत से रूबरू करवाते है --