बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर की डायलिसिस यूनिट हुई बीमार :पिछले लगभग 1 महीने से खराब मशीनों के चलते नहीं हो पा रही डायलिसिस,निर्धन मरीजो को हो रही है परेशानी
बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर की डायलिसिस यूनिट हुई बीमार :पिछले लगभग 1 महीने से खराब मशीनों के चलते नहीं हो पा रही डायलिसिस,निर्धन मरीजो को हो रही है परेशानी
निजी अस्पतालों में महंगी दर पर डायलिसिस कराने को मजबूर है निर्धन मरीज़
गोरखपुर 13 अगस्त 2019 ।। स्वास्थ सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर सरकार जहां गंभीर प्रयास कर रही है। वहीं खुद सीएम के शहर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के खासकर डायलिसिस यूनिट का हाल बद से बदतर नजर आ रहा है।
जहां पिछले दिनों डायलिसिस यूनिट का आरओ प्लांट खराब हो जाने से भीषण गर्मी में मरीजों को पीने के पानी के संकट का सामना करना पड़ा था तो वहीं अब पिछले लगभग महीने भर से डायलिसिस यूनिट की खराब मशीनों के चलते गरीब मरीजों को निजी अस्पतालों में एक मोटी रकम खर्च करके डायलिसिस कराना पड़ रहा है।
जानकारों के मुताबिक ऐसे मरीजों को एक माह में 8 से 10 बार डायलिसिस कराने की जरूरत पड़ती है ।
हालांकि जिला अस्पताल में स्थित डायलिसिस यूनिट के काम करने से मरीजों को कुछ राहत ज़रूर मिल रही है ।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक राजकुमार गुप्ता ने बताया कि यहां प्रतिदिन तीन शिफ्ट में लगभग 30 मरीजों की डायलिसिस की जा रही है । फिलहाल यहां डायलिसिस कराने के लिए लगभग 109 मरीज़ों की वेटिंग चल रही है।
ऐसे में इस बात का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है कि डायलिसिस कराने की जरूरत और मजबूरी में एक गरीब मरीज और उसके परिजन किन किन मुसीबतों को झेल कर पैसे का इंतज़ाम कर रहे होंगे लेकिन ज़िम्मेदार हैं कि अपनी आंखें और कान बन्द किये बैठे हैं।
निजी अस्पतालों में महंगी दर पर डायलिसिस कराने को मजबूर है निर्धन मरीज़
गोरखपुर 13 अगस्त 2019 ।। स्वास्थ सुविधाएं मुहैया कराने को लेकर सरकार जहां गंभीर प्रयास कर रही है। वहीं खुद सीएम के शहर में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के खासकर डायलिसिस यूनिट का हाल बद से बदतर नजर आ रहा है।
जहां पिछले दिनों डायलिसिस यूनिट का आरओ प्लांट खराब हो जाने से भीषण गर्मी में मरीजों को पीने के पानी के संकट का सामना करना पड़ा था तो वहीं अब पिछले लगभग महीने भर से डायलिसिस यूनिट की खराब मशीनों के चलते गरीब मरीजों को निजी अस्पतालों में एक मोटी रकम खर्च करके डायलिसिस कराना पड़ रहा है।
जानकारों के मुताबिक ऐसे मरीजों को एक माह में 8 से 10 बार डायलिसिस कराने की जरूरत पड़ती है ।
हालांकि जिला अस्पताल में स्थित डायलिसिस यूनिट के काम करने से मरीजों को कुछ राहत ज़रूर मिल रही है ।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक राजकुमार गुप्ता ने बताया कि यहां प्रतिदिन तीन शिफ्ट में लगभग 30 मरीजों की डायलिसिस की जा रही है । फिलहाल यहां डायलिसिस कराने के लिए लगभग 109 मरीज़ों की वेटिंग चल रही है।
ऐसे में इस बात का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है कि डायलिसिस कराने की जरूरत और मजबूरी में एक गरीब मरीज और उसके परिजन किन किन मुसीबतों को झेल कर पैसे का इंतज़ाम कर रहे होंगे लेकिन ज़िम्मेदार हैं कि अपनी आंखें और कान बन्द किये बैठे हैं।