लखनऊ : नारी गरिमा और उनके सम्मान की रक्षा के लिए तीन तलाक बिल था आवश्यक : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
नारी गरिमा और उनके सम्मान की रक्षा के लिए तीन तलाक बिल था आवश्यक : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ
तीन तलाक विधेयक का संसद में पारित होना भारत के संसदीय इतिहास का सबसे गौरवशाली दिन
महिला और पुरुष के बीच के भेदभाव को खत्म करने के लिए यह बिल जरूरी था
देश में कांग्रेस और प्रदेश में सपा-बसपा जैसे दलों के नेताओं के चेहरे बेनकाब हुए हैं
ए कुमार
लखनऊ 30 जुलाई 2019 ।। तीन तलाक बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तीन तलाक विधेयक का संसद में पारित होना भारत के संसदीय इतिहास का सबसे गौरवशाली दिन है। इस बिल का पारित होना केवल किसी मत, मजहब या जाति के लिए नहीं, बल्कि नारी गरिमा और उनके सम्मान की रक्षा के लिए आवश्यक था। प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा उठाए गए इस कदम के लिए हम उनका अभिनंदन करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के संविधान में किसी भी नागिरक के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव को स्थान नहीं दिया गया है। महिला और पुरुष के बीच के भेदभाव को खत्म करने के लिए यह बिल जरूरी था। दुनिया के तमाम देशों, जिनमें बहुत सारे इस्लामिक देश भी शामिल हैं, अपने यहां तीन तलाक की कुप्रथा को प्रतिबंधित कर रखा है। उस सबके बावजूद आजादी के बाद से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रिक देश यानी हमारे देश के अंदर यह व्यवस्था चली आ रही थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्य कि बात है कि जो लोग महिला सशक्तिकरण की बात करते थे, उन लोगों ने लोकसभा और राज्यसभा में नारी गरिमा के प्रतीक इस बिल का विरोध किया। देश में कांग्रेस और प्रदेश में सपा-बसपा जैसे दलों के नेताओं के चेहरे बेनकाब हुए हैं। अब उनके चेहरे सबके सामने आ चुके हैं। मैं विश्वास करता हूं नारी सशक्तिकरण की दिशा में इस बहुत बड़े कदम को हम आगे बढ़ाने सफल होंगे।
तीन तलाक विधेयक का संसद में पारित होना भारत के संसदीय इतिहास का सबसे गौरवशाली दिन
महिला और पुरुष के बीच के भेदभाव को खत्म करने के लिए यह बिल जरूरी था
देश में कांग्रेस और प्रदेश में सपा-बसपा जैसे दलों के नेताओं के चेहरे बेनकाब हुए हैं
ए कुमार
लखनऊ 30 जुलाई 2019 ।। तीन तलाक बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी पास होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि तीन तलाक विधेयक का संसद में पारित होना भारत के संसदीय इतिहास का सबसे गौरवशाली दिन है। इस बिल का पारित होना केवल किसी मत, मजहब या जाति के लिए नहीं, बल्कि नारी गरिमा और उनके सम्मान की रक्षा के लिए आवश्यक था। प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा उठाए गए इस कदम के लिए हम उनका अभिनंदन करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत के संविधान में किसी भी नागिरक के साथ किसी भी प्रकार के भेदभाव को स्थान नहीं दिया गया है। महिला और पुरुष के बीच के भेदभाव को खत्म करने के लिए यह बिल जरूरी था। दुनिया के तमाम देशों, जिनमें बहुत सारे इस्लामिक देश भी शामिल हैं, अपने यहां तीन तलाक की कुप्रथा को प्रतिबंधित कर रखा है। उस सबके बावजूद आजादी के बाद से दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रिक देश यानी हमारे देश के अंदर यह व्यवस्था चली आ रही थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्य कि बात है कि जो लोग महिला सशक्तिकरण की बात करते थे, उन लोगों ने लोकसभा और राज्यसभा में नारी गरिमा के प्रतीक इस बिल का विरोध किया। देश में कांग्रेस और प्रदेश में सपा-बसपा जैसे दलों के नेताओं के चेहरे बेनकाब हुए हैं। अब उनके चेहरे सबके सामने आ चुके हैं। मैं विश्वास करता हूं नारी सशक्तिकरण की दिशा में इस बहुत बड़े कदम को हम आगे बढ़ाने सफल होंगे।