दुखद : बलिया के एक स्ववित्तपोषित विद्यालय के प्राध्यापक की ट्रेन से कटने से मौत
दुखद : बलिया के एक स्ववित्तपोषित विद्यालय के प्राध्यापक की ट्रेन से कटने से मौत
हल्दी बलिया 6 जुलाई 2019 ।। हल्दी थाना क्षेत्र के पिण्डारी स्थित उदित नारायण ऋषभ महाविद्यालय के हिंदी प्राध्यापक की शुक्रवार की शाम जौनपुर में ट्रेन से फिसलकर गिरने से मौत हो गई।जिससे विद्यालय परिवार ने शनिवार को दो मिनट का मौन धारण कर शोक प्रकट किया।
शहर कोतवाली क्षेत्र के बेदुआ मुहल्ला निवासी विजेंद्र नाथ तिवारी 38 पुत्र स्वर्गीय सुरेंद्र नाथ तिवारी निजी कार्य वश जौनपुर जा रहे थे।शुक्रवार की शाम करीब तीन बजे जौनपुर में ही ट्रेन से फिसलकर नीचे गये और ट्रेन के नीचे आ गए।आसपास के लोगों ने गंभीर स्थिति में नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ से चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद वाराणसी के लिए रेफर कर दिया।जहाँ वाराणसी ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई।शनिवार को उनका अंतिम संस्कार शहर के महाबीर घाट पर किया गया।मुखाग्नि पांच वर्षीय पुत्र ने दिया।विजेंदर की शादी 10वर्ष पहले हुई थी बड़ी संतान आठ वर्षीय पुत्री है। उक्त जानकारी देते हुए विद्यालय के वरिष्ठ लिपिक अजय कुमार पांडेय ने कहा कि उनका स्वभाव मृदुल व मिलनसार थे।उनके अन्दर विद्वता कूट कूट के भरी हुई थी।परिवार के साथ ही विद्यालय परिवार का भी बहुत बड़ी क्षति हुई है।
हल्दी बलिया 6 जुलाई 2019 ।। हल्दी थाना क्षेत्र के पिण्डारी स्थित उदित नारायण ऋषभ महाविद्यालय के हिंदी प्राध्यापक की शुक्रवार की शाम जौनपुर में ट्रेन से फिसलकर गिरने से मौत हो गई।जिससे विद्यालय परिवार ने शनिवार को दो मिनट का मौन धारण कर शोक प्रकट किया।
शहर कोतवाली क्षेत्र के बेदुआ मुहल्ला निवासी विजेंद्र नाथ तिवारी 38 पुत्र स्वर्गीय सुरेंद्र नाथ तिवारी निजी कार्य वश जौनपुर जा रहे थे।शुक्रवार की शाम करीब तीन बजे जौनपुर में ही ट्रेन से फिसलकर नीचे गये और ट्रेन के नीचे आ गए।आसपास के लोगों ने गंभीर स्थिति में नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया जहाँ से चिकित्सकों ने प्राथमिक उपचार के बाद वाराणसी के लिए रेफर कर दिया।जहाँ वाराणसी ले जाते समय रास्ते में उनकी मौत हो गई।शनिवार को उनका अंतिम संस्कार शहर के महाबीर घाट पर किया गया।मुखाग्नि पांच वर्षीय पुत्र ने दिया।विजेंदर की शादी 10वर्ष पहले हुई थी बड़ी संतान आठ वर्षीय पुत्री है। उक्त जानकारी देते हुए विद्यालय के वरिष्ठ लिपिक अजय कुमार पांडेय ने कहा कि उनका स्वभाव मृदुल व मिलनसार थे।उनके अन्दर विद्वता कूट कूट के भरी हुई थी।परिवार के साथ ही विद्यालय परिवार का भी बहुत बड़ी क्षति हुई है।