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लखनऊ :सपा बसपा गठबंधन का अभी अस्थायी ब्रेकअप,सपा बसपा गठबंधन राजनैतिक विवशता , अखिलेश डिम्पल से बने रहेंगे रिश्ते ,भविष्य में फिर लड़ सकते है मिलकर : मायावती

सपा बसपा गठबंधन का अभी अस्थायी ब्रेकअप,सपा बसपा गठबंधन राजनैतिक विवशता , अखिलेश डिम्पल से बने रहेंगे रिश्ते ,भविष्य में फिर लड़ सकते है मिलकर : मायावती
ए कुमार

लखनऊ 4 जून 2019 ।। बहुजन समाज पार्टी की 
सुप्रीमो मायावती ने लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन का ठीकरा सीधे तौर पर समाजवादी पार्टी पर फोड़ दिया। साथ ही सपा-बसपा गठबंधन को राजनीतिक मजबूरी बताया।
मायावती ने मीडिया से कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में हमने काफी सोच-विचार के बाद समाजवादी पार्टी से गठबंधन किया। हालांकि, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि हम राजनीतिक मजबूरियों को नजरअंदाज नहीं कर सकते। मायावती ने कहा कि जनहित के लिए गिले-शिकवे सब मिटाया, लेकिन परिणाम जन आकांक्षाओं के अनुरूप नहीं हुआ। यह भी कहा कि हम राजनीतिक विवशताओं को नजरअंदाज नहीं कर सकते है। सपाट लहजे में कहा कि जब सपा को ही यादवों का वोट नहीं मिला तो बसपा को उनका वोट कैसे मिला होगा ?। यूपी में लोकसभा चुनाव के नतीजों में समाजवादी पार्टी का आधार वोट बैंक (यादव) ही हमको अपेक्षित रूप में नहीं मिला। इसका नतीजा यह हुआ कि सपा के मजबूत दावेदार भी हार गए। लोकसभा चुनाव में यादव सपा के उम्मीदवारों के साथ भी खड़े नहीं रहे ,पता नहीं किस बात से नाराज होकर भितरघात किया। 
साथ ही मायावती ने अखिलेश को चेतावनी और नसीहत  दोनो देते हुए कहा कि अगर उनके कुछ नेताओं में सुधार नहीं होता है, समाजवादी पार्टी की स्थिति ठीक नहीं होती है तो उनके साथ ऐसे में चलना बड़ा मुश्किल होगा। मायावती ने साफ कहा कि समाजावादी पार्टी के बड़े नेताओं की हार से साफ है कि समाजवादी पार्टी का वोट एकजुट नहीं हुआ। मायावती ने कहा कि बदायूं, कन्नौज और फिरोजाबाद सीट पर सपा प्रत्याशियों का हार जाना हमें बहुत कुछ सोचने को मजबूर करता है। कहा कि सपा बसपा का बेस वोट जुड़ने पर हमें नहीं हारना चाहिए था। मायावती ने कहा कि ऐसी स्थिति में यह आकलन किया जा सकता है कि जब सपा का बेस वोट खुद सपा को नहीं मिला, तो बीएसपी को कैसे मिला होगा। मायावती ने अखिलेश यादव को कहा कि यदि वह राजनीतिक कार्यों के साथ-साथ अपने कार्यकर्ताओं को बीएसपी की तरह मिशनरी मोड पर लाते हुए एकजुट करते हैं तो हम आगे उनके साथ हो सकते हैं। 
मायावती ने अखिलेश यादव और डिम्पल से अपने रिश्तों को मीडिया के सामने उजागर करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में जब से सपा-बसपा का गठबंधन हुआ, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिंपल यादव ने मुझे बहुत सम्मान दिया है। मैंने भी राष्ट्र के हित में सभी मतभेदों को भी भुलाकर उन्हें सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि हमारा संबंध केवल राजनीति के लिए नहीं है, यह हमेशा के लिए जारी रहेगा। साथ ही बसपा प्रमुख मायावती ने सपा- बसपा गठबंधन पर कहा कि हमारे रिश्ते खत्म होने वाले नहीं है।अखिलेश और उनकी पत्नी मेरा आदर करते हैं। उपचुनाव में बीएसपी अकेले ही चुनाव लड़ेगी। साथ ही, उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह स्थाई फैसला नहीं है।
मायावती ने कहा कि विधानसभा उप चुनाव सपा व बसपा के बीच स्थाई विराम नहीं है। यदि हम भविष्य में महसूस करते हैं कि समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव अपने राजनीतिक कार्य में सफल होते हैं, तो हम फिर से एक साथ काम करेंगे। अगर वह सफल नहीं होते हैं, तो हमारे लिए अलग से काम करना अच्छा रहेगा। इसी कारण अब हमने अकेले उपचुनाव लड़ने का फैसला किया है। उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से बहुजन समाज पार्टी 38, सपा 37 और आरएलडी तीन सीटों पर चुनाव लड़ी थीं। वहीं बसपा को दस और सपा को सिर्फ पांच सीटों पर जीत मिली। रालोद का खाता भी नहीं खुला था।