नगरा बलिया : गोवंश संरक्षण केंद्र में एक पखवाड़े में दो दर्जन बछड़ो की हुई मौत,संक्रामक रोग फैलने की चिंता से ग्रामीण परेशान
गोवंश संरक्षण केंद्र में एक पखवाड़े में दो दर्जन बछड़ो की हुई मौत,संक्रामक रोग फैलने की चिंता से ग्रामीण परेशान
दिग्विजय सिंह
नगरा बलिया 14 अप्रैल 2019 ।।विकास खण्ड क्षेत्र के रघुनाथपुर में बने गोवंश संरक्षण केंद्र में छुट्टा बछड़ो के मरने का सिलसिला जारी है।एक पखवाड़े के अंदर दो दर्जन बछड़ो की मौत ने ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया है।मरे बछड़ो की दुर्गंध से गाँव वालों का सांस लेना भी दुश्वार हो गया है।ग्रामीणों ने संक्रामक रोग फैलने की आशंका जताते हुये जिलाधिकारी बलिया को पत्र लिखकर बछड़ो की चारा के अभाव में हो रही मौतों को रोकने की मांग की है।
बता दे कि सूबे की सरकार ने गौबंश के छुट्टा बछड़ो से हो रहे नुकसान को देखते हुए गौवंश संरक्षण केंद्र जगह जगह खोलवाने का निर्देश दिए।विकास खण्ड नगरा के रघुनाथपुर में भी गौवंश संरक्षण केंद्र शासन द्वारा निर्माण कराया गया।निर्माण कार्य की प्रगति जांचने हेतु जिलाधिकारी बलिया खुद रघुनाथपुर गए थे।इसके बाद विकास खण्ड नगरा पर रखे गए गौवंशीय छुट्टा बछड़ो को रघुनाथपुर गांव स्थित गौवंश संरक्षण केंद्र में पहुचा दिया गया।किन्तु इन छुट्टा बछड़ो की देख रेख की समुचित व्यवस्था नही की गई जिससे बछड़ो की मौत का सिलसिला जारी हो गया।एक पखवाड़े में दो दर्जन बछड़ो की मौत ने ग्रामीणों को झकझोर दिया।वही मरे बछड़ो की दुर्गंध से सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।इस गाँव के ग्रामीण अशोक कुमार सिंह, सुभाष सिंह, रमेश बहादुर सिंह, लोकतंत्र रक्षक सेनानी अक्षयवर सिंह, केदार, राजन खरवार आदि एक दर्जन से ऊपर ग्रामीण जिलाधिकारी बलिया को पत्र भेजकर बछड़ो की दुर्दशा के तरफ ध्यान आकृष्ट किया है।ग्रामीणों ने मरे बछड़ो को देखते हुए संक्रामक रोग फैलने की आशंका जताई है एवं छुट्टा बछड़ो की देख रेख हेतु कर्मचारी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।रघुनाथपुर के ग्राम पंचायत अधिकारी राम सहाय ने बताया कि नगरा केंद्र से जब बछड़े रघुनाथपुर लाए गए तो बछड़े रोगग्रस्त थे।जिससे उनकी मौते हुई है।पहले चारे की दिक्कत थी, अब नही है,चारा उपलब्ध है।
दिग्विजय सिंह
नगरा बलिया 14 अप्रैल 2019 ।।विकास खण्ड क्षेत्र के रघुनाथपुर में बने गोवंश संरक्षण केंद्र में छुट्टा बछड़ो के मरने का सिलसिला जारी है।एक पखवाड़े के अंदर दो दर्जन बछड़ो की मौत ने ग्रामीणों को झकझोर कर रख दिया है।मरे बछड़ो की दुर्गंध से गाँव वालों का सांस लेना भी दुश्वार हो गया है।ग्रामीणों ने संक्रामक रोग फैलने की आशंका जताते हुये जिलाधिकारी बलिया को पत्र लिखकर बछड़ो की चारा के अभाव में हो रही मौतों को रोकने की मांग की है।
बता दे कि सूबे की सरकार ने गौबंश के छुट्टा बछड़ो से हो रहे नुकसान को देखते हुए गौवंश संरक्षण केंद्र जगह जगह खोलवाने का निर्देश दिए।विकास खण्ड नगरा के रघुनाथपुर में भी गौवंश संरक्षण केंद्र शासन द्वारा निर्माण कराया गया।निर्माण कार्य की प्रगति जांचने हेतु जिलाधिकारी बलिया खुद रघुनाथपुर गए थे।इसके बाद विकास खण्ड नगरा पर रखे गए गौवंशीय छुट्टा बछड़ो को रघुनाथपुर गांव स्थित गौवंश संरक्षण केंद्र में पहुचा दिया गया।किन्तु इन छुट्टा बछड़ो की देख रेख की समुचित व्यवस्था नही की गई जिससे बछड़ो की मौत का सिलसिला जारी हो गया।एक पखवाड़े में दो दर्जन बछड़ो की मौत ने ग्रामीणों को झकझोर दिया।वही मरे बछड़ो की दुर्गंध से सांस लेना भी मुश्किल हो गया है।इस गाँव के ग्रामीण अशोक कुमार सिंह, सुभाष सिंह, रमेश बहादुर सिंह, लोकतंत्र रक्षक सेनानी अक्षयवर सिंह, केदार, राजन खरवार आदि एक दर्जन से ऊपर ग्रामीण जिलाधिकारी बलिया को पत्र भेजकर बछड़ो की दुर्दशा के तरफ ध्यान आकृष्ट किया है।ग्रामीणों ने मरे बछड़ो को देखते हुए संक्रामक रोग फैलने की आशंका जताई है एवं छुट्टा बछड़ो की देख रेख हेतु कर्मचारी की व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की है।रघुनाथपुर के ग्राम पंचायत अधिकारी राम सहाय ने बताया कि नगरा केंद्र से जब बछड़े रघुनाथपुर लाए गए तो बछड़े रोगग्रस्त थे।जिससे उनकी मौते हुई है।पहले चारे की दिक्कत थी, अब नही है,चारा उपलब्ध है।