बलिया :‘सुपोषण स्वास्थ्य मेला’ पर दी एनीमिया से बचाव की जानकारी
बलिया :‘सुपोषण स्वास्थ्य मेला’ पर दी एनीमिया से बचाव की जानकारी
बलिया, 3 अप्रैल 2019 : हर माह के प्रथम बुधवार को मनाए जाने वाले सुपोषण स्वास्थ्य मेले का आयोजन जिले के अंतर्गत दुबहर ब्लॉक के ग्राम सभा बंधुचक आंगनबाड़ी पर किया गया। ग्राम प्रधान श्री संजय सिरी ने कार्यक्रम का उदघाटन किया। इसमें गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का वजन आंका गया तथा साथ ही संतुलित एवं स्वस्थ खानपान और एनीमिया आदि से बचाव हेतु जानकारी दी गई।
नेशनल फॅमिली हैल्थ सर्वे – 4 (2015-16) में पाया गया कि जिले में 6 माह से 5 वर्ष तक के 60.2 फीसदी बच्चों में खून की कमी है। जबकि 15 से 49 वर्ष तक की 48.6 फीसदी महिलाओं में खून की कमी पायी गयी। इसमें 49.1 फीसदी नॉन-प्रेगनेंट और 39.2 फीसदी प्रेगनेंट महिलाओं में खून की कमी पायी गयी।
सुपोषण स्वास्थ्य मेला जनपद के सभी ब्लॉकों एवं प्रत्येक ग्राम पंचायत के स्वास्थ्य उपकेंद्रों में आयोजित किया गया। शासन द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि आर्थिक तंगी के चलते कोई भी बच्चा कुपोषित न रह जाए और किशोर-किशोरी एनीमिया को दूर किया जा सके जिसके लिए सभी का समुचित शारीरिक एवं मानसिक विकास होना बहुत जरूरी है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी इस योजना से लाभान्वित किया जाता है ताकि जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ्य रहें।
बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि कुपोषण, विकासशील समाज में बहुत अधिक प्रभाव डालता है तथा इसके लिए समाज को चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूक रहने की अतिअवश्यकता है। इसका एक पहलू स्वच्छता भी है क्योंकि आस-पास के परिवेश में स्वच्छता न होने से कई संक्रमण जनित बीमारियाँ भी फैलतीं हैं इसलिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखना हमारा नैतिक दायित्व है। उन्होने बताया कि जिले के सभी ब्लॉकों में सुपोषण स्वास्थ्य मेला का आयोजन बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग व् स्वास्थ्य विभाग एवं पंचायतीराज विभाग के समन्वय से किया जाता है, जिसमें आने वाली गर्भवती महिलाओं, बच्चों, किशोर-किशोरियों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ टीकाकरण भी किया जाता है साथ ही सभी को पुष्टाहार एवं अन्य सामग्री भी वितरित की जाती है।
इस अवसर पर मुख्य सेविका श्रीमती नीलम राय ने वहाँ मौजूद लाभार्थियों को बताया कि भोजन में मेथी, पालक, बथुआ, सरसों, गुड़ आदि की मात्रा बढ़ाई जाए क्योंकि इसमें लौह तत्व की मात्रा अधिक होती है। अंकुरित दालों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होने बच्चों के साथ हो रहे गुड टच और बेड टच तथा अच्छी और बुरी निगाह से देखने को लेकर बताया गया।
उन्होने कहा कि संतुलित खानपान न होने के कारण महिलाओं में खून की कमी हो जाती है जिसे एनीमिया कहते हैं जिस वजह से जच्चा-बच्चा दोनों को स्वास्थ्य संबन्धित समस्या का सामना कर पड़ सकता है। इसलिए इसकी कमी को पूरी करने के लिए महिलाओं को आयरन की टेबलेट अवश्य खानी चाहिए तथा संतुलित एवं स्वस्थ आहार लेना चाहिए।
इस अवसर पर मंडलीय समन्वयक पवन मिश्रा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं एएनएम उपस्थित रहीं।
बलिया, 3 अप्रैल 2019 : हर माह के प्रथम बुधवार को मनाए जाने वाले सुपोषण स्वास्थ्य मेले का आयोजन जिले के अंतर्गत दुबहर ब्लॉक के ग्राम सभा बंधुचक आंगनबाड़ी पर किया गया। ग्राम प्रधान श्री संजय सिरी ने कार्यक्रम का उदघाटन किया। इसमें गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों का वजन आंका गया तथा साथ ही संतुलित एवं स्वस्थ खानपान और एनीमिया आदि से बचाव हेतु जानकारी दी गई।
नेशनल फॅमिली हैल्थ सर्वे – 4 (2015-16) में पाया गया कि जिले में 6 माह से 5 वर्ष तक के 60.2 फीसदी बच्चों में खून की कमी है। जबकि 15 से 49 वर्ष तक की 48.6 फीसदी महिलाओं में खून की कमी पायी गयी। इसमें 49.1 फीसदी नॉन-प्रेगनेंट और 39.2 फीसदी प्रेगनेंट महिलाओं में खून की कमी पायी गयी।
सुपोषण स्वास्थ्य मेला जनपद के सभी ब्लॉकों एवं प्रत्येक ग्राम पंचायत के स्वास्थ्य उपकेंद्रों में आयोजित किया गया। शासन द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम का उद्देश्य है कि आर्थिक तंगी के चलते कोई भी बच्चा कुपोषित न रह जाए और किशोर-किशोरी एनीमिया को दूर किया जा सके जिसके लिए सभी का समुचित शारीरिक एवं मानसिक विकास होना बहुत जरूरी है। साथ ही गर्भवती महिलाओं को भी इस योजना से लाभान्वित किया जाता है ताकि जच्चा-बच्चा दोनों ही स्वस्थ्य रहें।
बाल विकास परियोजना अधिकारी श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव ने बताया कि कुपोषण, विकासशील समाज में बहुत अधिक प्रभाव डालता है तथा इसके लिए समाज को चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं पोषण के प्रति जागरूक रहने की अतिअवश्यकता है। इसका एक पहलू स्वच्छता भी है क्योंकि आस-पास के परिवेश में स्वच्छता न होने से कई संक्रमण जनित बीमारियाँ भी फैलतीं हैं इसलिए स्वच्छता पर विशेष ध्यान रखना हमारा नैतिक दायित्व है। उन्होने बताया कि जिले के सभी ब्लॉकों में सुपोषण स्वास्थ्य मेला का आयोजन बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग व् स्वास्थ्य विभाग एवं पंचायतीराज विभाग के समन्वय से किया जाता है, जिसमें आने वाली गर्भवती महिलाओं, बच्चों, किशोर-किशोरियों का स्वास्थ्य परीक्षण करने के साथ टीकाकरण भी किया जाता है साथ ही सभी को पुष्टाहार एवं अन्य सामग्री भी वितरित की जाती है।
इस अवसर पर मुख्य सेविका श्रीमती नीलम राय ने वहाँ मौजूद लाभार्थियों को बताया कि भोजन में मेथी, पालक, बथुआ, सरसों, गुड़ आदि की मात्रा बढ़ाई जाए क्योंकि इसमें लौह तत्व की मात्रा अधिक होती है। अंकुरित दालों को हरी पत्तेदार सब्जियों के साथ पकाकर खाना चाहिए। इसके साथ ही उन्होने बच्चों के साथ हो रहे गुड टच और बेड टच तथा अच्छी और बुरी निगाह से देखने को लेकर बताया गया।
उन्होने कहा कि संतुलित खानपान न होने के कारण महिलाओं में खून की कमी हो जाती है जिसे एनीमिया कहते हैं जिस वजह से जच्चा-बच्चा दोनों को स्वास्थ्य संबन्धित समस्या का सामना कर पड़ सकता है। इसलिए इसकी कमी को पूरी करने के लिए महिलाओं को आयरन की टेबलेट अवश्य खानी चाहिए तथा संतुलित एवं स्वस्थ आहार लेना चाहिए।
इस अवसर पर मंडलीय समन्वयक पवन मिश्रा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं एएनएम उपस्थित रहीं।