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भारत का पाक पीएम को कड़ा जबाब : नये पाकिस्तान में मंत्रियों संग दिखते है आतंकी




19 फरवरी 2019 ।।

भारत ने पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के पुलवामा हमले को लेकर दिए बयान पर जवाब दिया है. इमरान खान के सबूत मांगने के बयान पर विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्‍तान दुनिया को गुमराह करना बंद करे. सबको पता है कि जैश ए मोहम्‍मद और उसका सरगना मसूद अजहर पाकिस्‍तान में है. जैश ने पुलवामा हमले की जिम्‍मेदारी भी ली है. यह कार्रवाई करने के लिए अपने आप में ही पर्याप्‍त सबूत है. बता दें कि पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने भारत से पुलवामा हमले के सबूत मांगे थे. उन्‍होंने कहा था कि सबूत दिए जाने पर वे जरूर कार्रवाई करेंगे.

विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सबूत दिए जाने पर जांच का प्रस्‍ताव रखा. यह गुमराह करने वाला है. 26/11 मुंबई हमले के सबूत पाकिस्‍तान को दिए गए. इसके बावजूद 10 साल बाद भी इस मामले में कुछ नहीं हुआ. इसी तरह से पठानकोट आतंकी हमले में भी कुछ नहीं हुआ. पाकिस्‍तान के पुराने रिकॉर्ड को देखने पर पता चलता है कि उसका 'शर्तिया कार्रवाई' का वादा कितना खोखला है. नए पाकिस्‍तान में मंत्री हाफिज सईद जैसे आतंकियों के साथ मंच पर नजर आते हैं.

विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्‍तान का यह दावा है कि वह आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार है. लेकिन यह हकीकत नहीं है. अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय को भी पाकिस्‍तान की सच्‍चाई पता है कि वह आतंकवाद का केंद्र है.

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ी. हालांकि इस हमले को लेकर अपने पहले आधिकारिक बयान में इमरान खान ने भारत के लगाए तमाम आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि हम पर बिना किसी सबूत आरोप लगाए गए हैं.

उन्‍होंने कहा, 'भारत सरकार हमें सबूत दें कि पुलवामा हमले में पाकिस्‍तान का हाथ है. मैं खुद इस पर एक्‍शन लूंगा. उन्‍होंने कहा कि जब भी हिंदुस्तान से हम बातचीत की बात करते हैं हिंदुस्तान कहता है, पहले दहशतगर्दी खत्म करो.'

पाकिस्तानी पीएम ने धमकी भरे अंदाज में कहा, 'अगर आप (भारत) हम पर हमला करेंगे तो हम इसका जवाब देने में सोचेंगे नहीं. हम सभी जानते हैं कि जंग शुरू करना इंसानों के हाथ में है, लेकिन इसका अंजाम क्या होगा केवल ऊपरवाला जानता है. इमरान ने कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच जो भी मसला (मुद्दा) है उसे बातचीत से सुलझाया जाना चाहिए.'