Breaking News

इंदिरा की छवि और प्रिंसेज़ डायना की छाप वाली प्रियंका ने बीजेपी को ईडी रणनीति पर दी पटखनी





9 फरवरी 2019 ।।


भवदीप कांग
प्रियंका गांधी वाड्रा ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में घिरे अपने कारोबारी पति रॉबर्ट वाड्रा के साथ खड़ी होकर बीजेपी को एक तरह से इस मामले में बैकफुट पर ला दिया. प्रियंका के इस बेहद अप्रत्याशित और प्रभावी कदम ने बीजेपी के प्रहार को काफी हद तक बीजेपी यह मान रही थी कि प्रवर्तन निदेशालय के सवालों से घिरे वाड्रा कांग्रेस और प्रियंका के लिए एड़ी के घाव साबित होंगे. हालांकि प्रियंका ने इस मामले में खुलकर अपने पति का साथ देकर बीजेपी के शब्दबाणों को पूरी तरह बेअसर कर दिया. प्रियंका ने इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया कि कांग्रेस पार्टी भी इस मामले में उनके साथ खड़ी दिखे.

प्रियंका के इन चौंकाने वाले कदमों ने बीजेपी के लिए उनकी आगे की चाल का अंदाजा लगाना एक तरह से नामुमकिन बना दिया है. हालांकि इसे प्रियंका की एकमात्र सियासी ताकत कहना नाइंसाफी होगी. वह एक जन्मजात नेता जैसी लगती हैं, जिनमें करिश्माई व्यक्ति के साथ शब्दों की जादुगरी भी है, जिसके सहारे वह लोगों को अपने साथ आसानी से जोड़ लेती हैं.

राहुल गांधी के 'जबरन झगड़ालुपन' से आसानी के साथ निपटने में माहिर हो चुकी बीजेपी के लिए पूर्वांचल में कांग्रेस के इस नए ब्रह्मास्त्र से निपटना आसान नहीं दिख रहा. प्रियंका के सियासी आगाज़ से कांग्रेस के नेता-कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है, जो कि राहुल कभी नहीं कर पाए. पार्टी के कई नेताओं ने तो यहां तक दावा कर दिया कि प्रियंका के प्रभार संभालने के बाद अब वह दिन दूर नहीं जब यूपी की सत्ता में कांग्रेस का परचम लहराएगा.

प्रियंका में यह नेतृत्व क्षमता जन्मजात जान पड़ती है. कुछ उनमें उनकी दादी इंदिरा गांधी की छवि दिखती है, जिसमें ब्रिटेन की प्रिसेंज़ डायना की भी हल्की छाप है. शक्ति और करुणा वाली उनकी यह छवि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुकाबले उन्हें आगे खड़ी करती है.

वह जोरदार ढंग से सियासी वार करने के साथ ही आम लोगों के साथ आसानी से जुड़ाव स्थापित कर लेती हैं. उन्हें पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को उनके नाम से जानती हैं और उनके साथ आसानी से संवाद कर लेती हैं. चुनाव प्रचार के दौरान वोटर्स तक अपनी बात आसान भाषा में पहुंचाने में उनका कोई सानी नहीं दिखता. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की तरह प्रियंका भी अपने भाषण से वोटर्स को मंत्रमुग्ध कर लेती हैं.


प्रियंका गांधी अपनी सरलता और सरलता से मीडिया को क्लीन बोल्ड करती दिखीं. उनके पति रॉबर्ट वाड्रा जब मनी लॉन्ड्रिंग केस में घिरे तो उनके साथ पुरजोर ढंग से खड़ी दिखीं. हां उन्होंने फरीदाबाद में एक शख्स से जमीन खरीदी और फिर चार साल बाद उसी शख्स को पांच गुना दाम में वह जमीन बेच दी. यह पूरा पैसा उनका था और इस सौदे में पूरे रकम की अदायगी चेक के जरिये की गई.

प्रियंका को सियासत में नौसिखिया बताकर खारिज करना एक भूल होगी. पिछले कुछ वर्षों से वह कांग्रेस के बैकरूम में काम करती रही हैं. पार्टी के फैसलों में उन्होंने अहम योगदान दिया है और चुनाव प्रचार के तमाम टोटकों से अच्छी तरह वाकिफ हैं. वह यूपी की सियासी जमीन से अच्छी तरह वाकिफ हैं और पार्टी कार्यकर्ताओं, नेताओं तथा वोटर्स से बातचीत करके तमाम अहम मुद्दों की समझ भी हासिल कर चुकी हैं.
(साभार न्यूज18)