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राम मंदिर पर बोली VHP- हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हमेशा इंतज़ार नहीं कर सकते




2 जनवरी 2019 ।।

राम मंदिर के निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद (VHP) का कहना है कि वो लंबे वक्त तक सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतज़ार नहीं कर सकते हैं. VHP के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने इस मुद्दे को लेकर आज दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

आलोक कुमार ने कहा, ''कोर्ट में सुनवाई अभी कोसों दूर है. कोर्ट के फैसले का इंतजार नही किया जा सकता. उचित मार्ग ये होगा कि संसद से कानून बनाकर मंदिर निर्माण किया जाए.''





इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को साफ कर दिया कि राम मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश लाने पर कोई भी फैसला न्यायिक प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही लिया जाएगा.
समाचार एजेंसी एएनआई को दिये एक इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि न्यायिक प्रक्रिया धीमी गति से चल रही है, क्योंकि कांग्रेस के वकील सुप्रीम कोर्ट में 'बाधाएं' पैदा कर रहे थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राम मंदिर को लेकर अध्‍यादेश लाने के बयान पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने प्रतिक्रिया देते हुए एक ओर जहां प्रधानमंत्री की पहल को सकारात्‍मक कदम बताया है, तो वहीं इस बात को भी याद दिलाया है कि जनता ने बीजेपी के राम मंदिर निर्माण के वादे पर भरोसा कर वोट दिया था.

आरएसएस ने ट्वीट कर बताया है कि बीजेपी 1989 में पालमपुर अधिवेशन पर पारित प्रस्‍ताव के अनुरूप ही काम कर रही हैं. संघ ने राम मंदिर पर प्रधानमंत्री मोदी की पहल को मंदिर निर्माण की दिशा में सकारात्‍मक कदम बताया है. प्रधानमंत्री ने अयोध्‍या में श्रीराम  के भव्‍य मंदिर बनाने के संकल्‍प का अपने साक्षात्‍कार में पुन: स्‍मरण करना भाजपा के पालमपुर अधिवेशन (1989) में पारित प्रस्‍ताव के अनुरूप ही है.

राम मंदिर का मुद्दा भाजपा के लिए अब भी एक भावनात्मक मुद्दा है यह पूछे जाने पर पीएम ने कहा, 'हमने अपने भाजपा के घोषणा पत्र में कहा है कि राम मंदिर का हल संविधानिक तरीके से किया जाएगा.'

बता दें कि बीजेपी ने लोक सभा चुनाव के घोषणापत्र में कहा था कि वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण चाहती है. बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में स्पष्ट किया है कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण किया जाना चाहिए.