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झांसी : किसानों की समृद्धि एवं आरोग्य की जननी गौमाता बुंदेलखंड में बोझ नही बल्कि विकास का बनेगी आधार : सुश्री उमा भारती

किसानों की समृद्धि एवं आरोग्य की जननी गौमाता बुंदेलखंड में बोझ नही बल्कि विकास का बनेगी आधार : सुश्री उमा भारती
किसानों का भला सामंती सोच के कर्ज मांफी से नही ,सशक्तिकरण करने , सरकार पर आधारित समाज से छुटकारा दिलाने से होगा
मधुसूदन सिंह




झांसी 19 जनवरी 2019 : गौमाता किसानों की समृद्वि एवं आरोग्य की जननी है, उसकी उपयोगिता से ही गौ-संरक्षण सम्भव है। बुन्देलखण्ड की धरती पर गौमाता बोझ नही बनेगी, वह हमारा आधार बनेगी। गरीबी-बीमारी व बेरोजगारी का निदान धरती, पानी व गौमाता से ही सम्भव हैं गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास है, यह पूज्यनीय है। किसानों का कर्ज माफी एक सामंती सोच है, यदि किसान की मदद करना है तो उसे किसान का सशक्तिकरण होना जरुरी है, उसकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जाए। सरकार पर आश्रित समाज की जो रचना हो रही है, उससे समाज कमजोर हो रहा है। किसान पारम्परिक खेती के साथ विविधीकरण को अपनाये तो लाभ अधिक होगा व नुकसान की सम्भावना भी कम होगी। सरकारी कार्यक्रम में सामाजिक सामंजस्य एक अनौखा क्षण है।उक्त उदगार मुख्य अतिथि के रुप में सुश्री उमा भारती जी, केन्द्रीय केबिनेट मंत्री, स्वच्छता एवं पेयजल मंत्रालय भारत सरकार नई दिल्ली ने राज्य स्तरीय उद्यान एवं गौ-संरक्षण व गौ आधारित दो दिवसीय कृषि मेला का शुभारम्भ करते हुए नारायण बाग राजकीय उद्यान प्रागंण में उपस्थित किसानों व अधिकारियों के मध्य व्यक्त किये। उन्होने कहा कि आज का कार्यक्रम सपनों को सच्चाई में बदलने जैसा है। उन्होने कहा कि जब से यहां सांसद चुनी गयी तभी से छुटटा गौवंश के प्रति संवेदनशील रही कि कैसे इस समस्या का हल निकाला जाए। उन्होने कहा कि यह कार्य सिर्फ सरकार द्वारा सम्भव नही था, लेकिन यह निश्चित था कि सरकार के साथ जब आमजन जुड़ जाएगा तो समस्या का निदान सम्भव होगा और आज ऐसा ही हुआ। उन्होने गौ-संरक्षण हेतु सांसद निधि के इस्तेमाल की स्वीकृति देते हुए प्रस्ताव बनाये जाने के निर्देश दिए। उन्होने कार्यक्रम में सभी उपस्थित जनों से गौ-संरक्षण संकल्प की शपथ भी दिलायी। उन्होने आव्हान किया कि यथासम्भव गौमाता की मदद करें। यदि घायल गौवंश मिले तो उपचार हेतु अस्तपाल या आश्रय स्थल तक अवश्य ले जाए।मा. सुश्री उमा भारती ने कहा कि किसानों की ऋणमाफी एक सांमती सोच है। यदि किसान की वास्तविक मदद की जानी है तो उसे आर्थिक रुप से मजबूत किया जाए। जो भी सुविधाएं किसान हित मे है उसे उसके खेत पर ही दी जाए, उसको गौ-मूत्र व गोबर के माध्यम से खेती कार्य करने का प्रशिक्षण दिया जाए, जिससे मृदा में सुधार होगा तथा उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी होगी। उन्होने कहा कि गंगा सफाई कार्य हमारे प्रधानमंत्री जी व मुख्यमंत्री जी के माध्यम से हो गया है, अब हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम गंगा में गंदगी न फेकें उसे पुनः गन्दा न करे। हमें भी जिम्मेदार बनना होगा कि सड़क पर गन्दगी न करें। सभी तय कर लें कि पालीथिन नही फेंकेगे। सफाई केवल सरकारी प्रयास से सम्भव नही है हमें भी सहयोग करना होगा। उन्होने कहा कि किसान खेती कार्य के साथ बागवानी-सब्जी फल उत्पादन कार्य भी करें, ताकि आर्थिक सुधार हो सके।राज्य स्तरीय उद्यान एवं गौ-संरक्षण, गौ आधारित कृषि मेला में अतिथियों का स्वागत करते हुए जिलाधिकारी  शिव सहाय अवस्थी ने बताया कि अन्ना पशु की समस्या बुन्देलखण्ड में 5 वर्षो से सूखे के कारण उत्पन्न हुई। साथ ही यंत्र आधारित कृषि कार्य से इस समस्या को और बढावा मिला। उन्होने कहा कि जनपद को 6 माह में अन्ना पशु से मुक्त करायेगे। इसकी सभी तैयारियां पूर्ण कर ली है और कार्य प्रगति पर चल रहा है। उन्होने कहा कि जो माह फरवरी तक पूर्ण हो जाएगा और वह संचालित होने लगेगा। उन्होने कहा कि क्षेत्र के अन्ना पशुओं की समस्या को प्राकृतिक रुप से भी हल करने का प्रयास जनपद में किया जा रहा है। किसानों को गौवंश आधारित खेती करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। गौ-मूत्र व गोबर के इस्तेमाल से उपज में बढ़ोत्तरी व मृदा स्वास्थ्य मे सुधार के साथ ही लागत भी कम होने से लाभ होगा। उन्होने कहा कि जनपद में जनपद स्तरीय गौ संरक्षण समिति का गठन किया है तथा समिति मे आमजन क माध्यम से 40 लाख रुपये खाते में जमा हो गया है। उन्होने बताया कि समिति ब्लाक व तहसील स्तर पर भी गठित है। उन्होने कहा कि जनपद में 4.50 लाख परिवार है और लगभग 65000 निराश्रित गौवंश है, यदि प्रति 7 परिवार एक गौवंश की जिम्मेदारी ले ले, तो समस्या स्वतः खत्म हो सकती है। उन्होने बताया कि ग्राम सभा मे आश्रय स्थल का निर्माण किया जा रहा है, साथ ही गौवंश के लिए चारा-पानी की व्यवस्था भी की जा रही है। ग्राम सभा को उसके संचालन का दायित्व है। जिलाधिकारी ने बताया कि जेडीए के माध्यम से आश्रय स्थल की स्वीकृति बोर्ड बैठक मे दे दी गयी है। शीध्र ही निर्माण कार्य प्रारम्भ हो जाएगा। उन्होने बताया कि भूमि व फण्ड की कोई कमी नही है।






कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मेयर नगर निगम  रामतीर्थ सिंघल ने कहा कि हम जैविक खेती करें, तो कृषि जहर मुक्त होगी और गौ संरक्षण होगा। उन्होने बताया कि 2 करोड़ धनराशि की लागत से नगर निगम कान्हा उपवन बना रहा है, जहां गौवंश को रखा जाएगा। उन्होने किसानों से अनुरोध किया कि क्षेत्र मे पानी एक समस्या है ऐसी फसल ले जो कम पानी मे ंतैयार हो जाए। उन्होने बागवानी करने का भी सुझाव दिया और ड्रिप इरीगेशन तथ स्प्रिंकलर द्वारा सिंचाई कर उत्पादन बढ़ाये जाने का भी सुझाव दिया। उन्होने कहा कि किसान देश की आर्थिक रीढ़ है, वह अन्नदाता है। उसके खुशहाल होने से ही देश खुशहाल और विकास होगा।उद्यान मेला में श्री श्याम बिहारी गुप्ता ने कहा कि धरती-पानी-गौमाता से ही क्षेत्र की खुशहाली सम्भव है उन्होने किसानों को गौमूत्र व गोबर के इस्तेमाल से खेती करने का सुझाव दिया। श्री साहब सिंह चौहान प्रांतीय अध्यक्ष भारतीय किसान संघ ने कहा कि ऋणमाफी किसानों के आर्थिक सुधार का सही समाधान नही है। यहद उसकी मदद करनी है तो उसे योजनाओं का सही समय पर लाभ दिया जाए।राज्य स्तरीय उद्यान एवं गौ संरक्षण, गौ अधारित कृषि मेला में सेवानिवृत्त डीएसपी श्री शरद प्रताप सिंह, आई.जी.एफ.आर.आई. के डॉ.सुनील सेठ, कृषि वैज्ञानिक श्री पी.के. सोनी ने भी गौ संरक्षण एवं गौ संवर्धन हेतु अपने उदगार प्रकट किये।मुख्य अतिथि द्वारा फीता काटकर मेले का उदघाटन किया प्रत्येक विभागीय स्टालों का निरीक्षण कर योजनाओं की जानकारी प्राप्त की। दीप प्रज्जविलत कर गोष्ठी का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में आये समस्त विशिष्ट अतिथि व आगन्तुकों के प्रति आभार मुख्य विकास अधिकारी श्री निखिल टीकाराम फुन्डे ने किया।इस मौके पर सदर विधायक श्री रवि शर्मा, बबीना विधायक श्री राजीव सिंह पारीछा, गरौठा विधायक श्री जवाहर लाल राजपूत, जिलाध्यक्ष जमुना कुशवाहा, महानगर अध्यक्ष प्रदीप सरावगी, संजीव श्रंगऋषी, उप निदेशक उद्यान भैरम सिंह, सीबीओ वाई.एस.तोमर सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, किसान व कर्मचारी उपस्थित रहे।