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मुरारपट्टी बलिया : स्वतंत्रता आंदोलन के पुरोधा एवं सच्चे समाजसेवी थे रामनाथ पाठकः डा० गणेश

स्वतंत्रता आंदोलन के पुरोधा एवं सच्चे समाजसेवी थे रामनाथ पाठकः डा० गणेश

मुरारपट्टी बलिया से डॉ सुनील ओझा की रिपोर्ट









बलिया 5 जनवरी 2019 ।।
      आज 5 जनवरी, 2019 को रामनाथ पाठक इण्टर कालेज मुरारपट्टी, बलिया में स्व० रामनाथ पाठक की 115 वीं जयन्ती समारोह  अत्यन्त हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, जिसकी अध्यक्षता स्वतंत्रता सेनानी श्री रामविचार पाण्डेय ने किया, जबकि मुख्य अतिथि बलिया सदर विधायक  आनन्द स्वरूप शुक्ल रहे।
      समारोह को सम्बोधित करते हुए अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य डा० गणेश कुमार पाठक ने कहा कि पंडित रामनाथ पाठक स्वतंत्रता आन्दोलन के सच्चे पुरोधा एवं महान समाज सेवी थे।स्वतंत्रता आन्दोलन में उनहोंने न केवल भाग लिया बल्कि वो अगुवाई किए और 18 वर्ष की आयु में ही राष्ट्रसेवा हेतु अपना जीवन समर्पित कर दिया और स्वतंत्रता आन्दोलन के पुरोधा बन गए। गांधीजी से प्रभावित होकर नमक सत्याग्रह में भी अपने मित्रों का नेतृत्व करते हुए सक्रिय भूमिका निभाई। स्वतंत्रता आन्दोलन के दौरान वे चार बार जेल की भी यातना सहे और 18 अगस्त, 1942 को बैरिया थाने पर स्वतंत्रता  हेतु किए गए आन्दोलन का भी नेतृत्व किया। 1962 में वे द्वाबा क्षेत्र से विधान सभा का भी प्रतिनिधित्व किए। अपने इस कार्यकाल में उनके द्वारा इस क्षेत्र की प्रमुख सड़कों का निर्माण कराया गया। उनकी सोच थी कि शिक्षित हुए बिना क्षेत्र एवं समाज का विकास नहीं हो सकता। इसकी पूर्ति हेतु 1955 में उनके द्वारा मुरारपट्टी में एक जूनियर हाईस्कूल की स्थापना की गयी जो आज इण्टरमीडिएट कालेज के रूपमें इस क्षेत्र के लिए वरदान बना हुआ है । डा० पाठक ने कहा कि ऐसे महान कर्मयोगी के लिए सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनके अधूरे कार्यों को एवं उनके द्वारा सोचे गए समाज सेवा को एक मिशन बनाकर पूर्ण किया जाय।






      मुख्य अतिथि के रूपमें सभा को संबोधित करते हुए सदर विधायक  आनन्द स्वरूप शुक्ल ने कहा कि समाज में स्व रामनाथ पाठक जी जैसे व्यक्तित्व के धनी मनीषी धरा पर कम ही अवतरित होते है, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन ही देश सेवा एवं समाज सेवा के लिए अर्पित कर दिया। उनकी सोच एवं कार्य इतने ऊँचे थे कि वहाँ तक पहुँचना सबके बस की बात नहीं है । शिक्षा क्षेत्र में एवं क्षेत्र के विकास हेतु उन्होंनें जो अलख जगायी वह आज मिशाल बनकर हमें रास्ता दिखा रही है। हमारा दायित्व है कि उनके इन कार्यों को अक्षुण रखते हुए  आगे बढ़ाये ।
      सभा को अनेक समाज सेवियों, शिक्षकों, शिक्षक नेताओं एवं प्रधानाचार्यों ने भी संबोधित किया। अंत में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में स्वतंत्रता सेनानी श्री रामविचार पाण्डेय ने अपने अनेक संस्मरणों को सुनाते हुए शिक्षकों, छात्र- छात्राओं एवं अभिभावकों तथा समाजसेवियों को आवाहन किया कि हम अपने अपने स्तर से स्व० रामनाथ पाठक के सपनों को साकार करने का प्रयास करें। अंत में महाविद्यालय के प्राचार्य डा० अजयकुमार मिश्र एवं प्रब़धक पंकज पाठक ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया।