रसड़ा(बलिया) का शिक्षामित्र घोटाला प्रकरण में हुई सुनवाई , प्रथम दृष्टया आरोपी प्रधानाध्यापिका दोषी ! ,गबन की धनराशि का लेखाधिकारी कर रहे है गणना
रसड़ा(बलिया) का शिक्षामित्र घोटाला प्रकरण में हुई सुनवाई , प्रथम दृष्टया आरोपी प्रधानाध्यापिका दोषी !,गबन की धनराशि का लेखाधिकारी कर रहे है गणना
बलिया 17 जनवरी 2019 ।। बलिया बेसिक शिक्षा विभाग में अपने तरह का अकेला प्रकरण जिसमे शिक्षामित्र को रसोइया बनाकर उसके मानदेय का गबन किया गया है , अब कार्यवाई की जद में पहुंचने लगा है । आज बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया संतोष कुमार राय के सामने आरोपी प्रधानाध्यापिका इंदिरा सिंह , वर्तमान प्रधानाध्यापिका सोनी और 2007 में शिक्षामित्र की नियुक्ति के समय रसड़ा नम्बर 2 पर प्रधानाध्यापक रहे , सभी प्रधानाध्यपको की साक्ष्यों के साथ पेशी हुई । लगभग दो घण्टे तक चली इस जांच में दस्तावेजो के अवलोकन के बाद जांच में लगे खण्ड शिक्षाधिकारी मुख्यालय, लेखाधिकारी बेसिक , संजय कुंवर और स्वयं बेसिक शिक्षा अधिकारी की टीम ने प्रथम दृष्टया आरोपी हेडमास्टरनी इंदिरा सिंह पर लगे शिक्षामित्र के मानदेय के गबन के आरोप को सही पाया है (सूत्रों के हवाले से) , लेकिन कोई भी कार्यवाई करने से पहले पूरी जांच पड़ताल कर लेने की अधिकारियों की इच्छा दिख रही है । जहां लेखाधिकारी गबन की गई कुल धनराशि की गणना कर रहे है , वही किस खाता के माध्यम से यह गबन हुआ है उसकी भी पड़ताल करेंगे ऐसा सूत्रों ने खबर दी है । खण्ड शिक्षाधिकारी पीड़ित मीना देवी के शिक्षामित्र होने के प्रमाणों की जांच कर रहे है ।
इस संबंध में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय से बात की गई तो उनका कहना था कि प्रथम दृष्टया गबन साबित हो रहा है , गबन की धनराशि की गणना की जा रही है । क्या आरोपी प्रधानाध्यापिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी ? के जबाब में श्री राय ने कहा कि सभी साक्ष्यों की जांच पड़ताल के बाद इस प्रकरण में कड़ी कार्यवाई सुनिश्चित की जाएगी , जांच परिणाम आने तक प्रतीक्षा कीजिये । बीएसए बलिया के बयान से साफ झलका कि 11 साल बाद ही सही पीड़ित शिक्षामित्र बेवा मीना देवी को इंसाफ अब मिलने ही वाला है ।
बलिया 17 जनवरी 2019 ।। बलिया बेसिक शिक्षा विभाग में अपने तरह का अकेला प्रकरण जिसमे शिक्षामित्र को रसोइया बनाकर उसके मानदेय का गबन किया गया है , अब कार्यवाई की जद में पहुंचने लगा है । आज बेसिक शिक्षा अधिकारी बलिया संतोष कुमार राय के सामने आरोपी प्रधानाध्यापिका इंदिरा सिंह , वर्तमान प्रधानाध्यापिका सोनी और 2007 में शिक्षामित्र की नियुक्ति के समय रसड़ा नम्बर 2 पर प्रधानाध्यापक रहे , सभी प्रधानाध्यपको की साक्ष्यों के साथ पेशी हुई । लगभग दो घण्टे तक चली इस जांच में दस्तावेजो के अवलोकन के बाद जांच में लगे खण्ड शिक्षाधिकारी मुख्यालय, लेखाधिकारी बेसिक , संजय कुंवर और स्वयं बेसिक शिक्षा अधिकारी की टीम ने प्रथम दृष्टया आरोपी हेडमास्टरनी इंदिरा सिंह पर लगे शिक्षामित्र के मानदेय के गबन के आरोप को सही पाया है (सूत्रों के हवाले से) , लेकिन कोई भी कार्यवाई करने से पहले पूरी जांच पड़ताल कर लेने की अधिकारियों की इच्छा दिख रही है । जहां लेखाधिकारी गबन की गई कुल धनराशि की गणना कर रहे है , वही किस खाता के माध्यम से यह गबन हुआ है उसकी भी पड़ताल करेंगे ऐसा सूत्रों ने खबर दी है । खण्ड शिक्षाधिकारी पीड़ित मीना देवी के शिक्षामित्र होने के प्रमाणों की जांच कर रहे है ।
इस संबंध में जब बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार राय से बात की गई तो उनका कहना था कि प्रथम दृष्टया गबन साबित हो रहा है , गबन की धनराशि की गणना की जा रही है । क्या आरोपी प्रधानाध्यापिका के खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी ? के जबाब में श्री राय ने कहा कि सभी साक्ष्यों की जांच पड़ताल के बाद इस प्रकरण में कड़ी कार्यवाई सुनिश्चित की जाएगी , जांच परिणाम आने तक प्रतीक्षा कीजिये । बीएसए बलिया के बयान से साफ झलका कि 11 साल बाद ही सही पीड़ित शिक्षामित्र बेवा मीना देवी को इंसाफ अब मिलने ही वाला है ।