बलिया की दबंग हेडमास्टरनी इंदिरा सिंह का दूसरा कारनामा है शौचालय घोटाला, बच्चे/बच्चियों से लगवाती है झाड़ू , चपरासी बना शिक्षक
बलिया की दबंग हेडमास्टरनी इंदिरा सिंह का दूसरा कारनामा है शौचालय घोटाला,
बच्चे/बच्चियों से लगवाती है झाड़ू , चपरासी बना शिक्षक
चपरासी की पिटाई के डर से आधे बच्चे आना छोड़ दिये स्कूल
टाइम टेबल में चपरासी का नाम सबूत
एमडीएम में भी मची है लूट , खण्ड शिक्षा अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
मधुसूदन सिंह
बलिया 15 जनवरी 2019 ।। बलिया की दबंग प्रधानाध्यापिका का खिताब पूर्व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बस्ती रसड़ा को यूँ ही नही दिया गया है बल्कि इनके पास यह हुनर है तभी इनके सहकर्मियों ने यह नाम दिया है । अगर दबंग नही होती तो शिक्षामित्र को बिना वेतन का रसोइयां नही बना पाती ।इसके अलावा इनकी दबंगई के दूसरे मामले आज खोलने जा रहा हूँ । ऐसा नही कि प्रधानाध्यापिका राजनैतिक दांव पेंचों से अनभिज्ञ है ? मीडिया में खबर आने के बाद सत्ता पक्ष के एक कद्दावर नेता इनको बचाने में भी लग गये है । पीएम मोदी और सीएम योगी का सपना है स्वच्छ भारत । इसके लिये खुले में शौच की प्रथा खत्म हो इसके लिये शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है । साथ ही इनकी साफसफाई पर भी बहुत ध्यान दिया जा रहा है । लेकिन जनपद की दबंग हेडमास्टरनी इंदिरा सिंह ने स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाकर रख दी है । कक्षाओं में जहां कूड़ा साफ दिखाई दे रहा है , वही शौचालयों की दशा भी चीख चीख कर अपनी दुर्दशा को बयां कर रही है ।पिछली तैनाती में जहां इन्होंने शिक्षामित्र को रसोइया बना दिया था तो यहां पर बिना किसी आदेश के चपरासी राम प्रताप सिंह को शिक्षक बनाकर बच्चो को पढ़ाने में लगा दिया है । राम प्रताप जी ऐसे शिक्षक है जिनकी मार से स्कूल की संख्या आधी हो गयी है । एमडीएम घोटाले का यह आलम है कि पिछले खण्ड शिक्षा अधिकारी ने लालजी शर्मा ने एमडीएम की दो दिन संख्या जांच की और संख्या शत प्रतिशत को सत्यापित किया है जबकि इस विद्यालय में परीक्षा के बाद शत प्रतिशत छात्रो की संख्या होनी टेढ़ी खीर है । विद्यालय का फर्श पिछले साल से टूटा है , शौचालय ध्वस्त है । कक्षा में बच्चो के साथ साथ कुत्ता भी पढ़ाई करता है । वही शौचालय जर्जर हालत में है । सूत्रों की माने तो मरम्मत के नाम पर पिछले आठ नव महीने से लगभग एक लाख अस्सी हजार रुपये मैडम ने निकाल भी लिया है पर फर्श वैसे ही टूटे है , शौचालय वैसे ही धंसा है । लोगों का तो यह भी कहना है कि जिन दीवारों की रिपेयरिंग होनी थी उसको मैडम ने पेंट से छुपा दिया है । वही इन्होंने फर्श टूटने के लिये लड़को को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि टीचरों की कुर्सियों को इधर उधर बच्चे करते है इसी से फर्श टूट जाता है । दो चार दिन में मरम्मत कराने की बात भी कह रही है । विद्यालय के बच्चों और बच्चियों ने साफ कहा कि मैडम झाड़ू लगवाती है । साफ सफाई का आलम यह है कि कक्षा में गंदगी का अंबार है और बच्चो के साथ कुत्ता महाराज भी पढ़ाई कर रहे है क्योंकि भगाने वाले चपरासी महाराज मास्टर जो हो गये है ?
बच्चे/बच्चियों से लगवाती है झाड़ू , चपरासी बना शिक्षक
चपरासी की पिटाई के डर से आधे बच्चे आना छोड़ दिये स्कूल
टाइम टेबल में चपरासी का नाम सबूत
एमडीएम में भी मची है लूट , खण्ड शिक्षा अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध
मधुसूदन सिंह
बलिया 15 जनवरी 2019 ।। बलिया की दबंग प्रधानाध्यापिका का खिताब पूर्व उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बस्ती रसड़ा को यूँ ही नही दिया गया है बल्कि इनके पास यह हुनर है तभी इनके सहकर्मियों ने यह नाम दिया है । अगर दबंग नही होती तो शिक्षामित्र को बिना वेतन का रसोइयां नही बना पाती ।इसके अलावा इनकी दबंगई के दूसरे मामले आज खोलने जा रहा हूँ । ऐसा नही कि प्रधानाध्यापिका राजनैतिक दांव पेंचों से अनभिज्ञ है ? मीडिया में खबर आने के बाद सत्ता पक्ष के एक कद्दावर नेता इनको बचाने में भी लग गये है । पीएम मोदी और सीएम योगी का सपना है स्वच्छ भारत । इसके लिये खुले में शौच की प्रथा खत्म हो इसके लिये शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है । साथ ही इनकी साफसफाई पर भी बहुत ध्यान दिया जा रहा है । लेकिन जनपद की दबंग हेडमास्टरनी इंदिरा सिंह ने स्वच्छ भारत अभियान की धज्जियां उड़ाकर रख दी है । कक्षाओं में जहां कूड़ा साफ दिखाई दे रहा है , वही शौचालयों की दशा भी चीख चीख कर अपनी दुर्दशा को बयां कर रही है ।पिछली तैनाती में जहां इन्होंने शिक्षामित्र को रसोइया बना दिया था तो यहां पर बिना किसी आदेश के चपरासी राम प्रताप सिंह को शिक्षक बनाकर बच्चो को पढ़ाने में लगा दिया है । राम प्रताप जी ऐसे शिक्षक है जिनकी मार से स्कूल की संख्या आधी हो गयी है । एमडीएम घोटाले का यह आलम है कि पिछले खण्ड शिक्षा अधिकारी ने लालजी शर्मा ने एमडीएम की दो दिन संख्या जांच की और संख्या शत प्रतिशत को सत्यापित किया है जबकि इस विद्यालय में परीक्षा के बाद शत प्रतिशत छात्रो की संख्या होनी टेढ़ी खीर है । विद्यालय का फर्श पिछले साल से टूटा है , शौचालय ध्वस्त है । कक्षा में बच्चो के साथ साथ कुत्ता भी पढ़ाई करता है । वही शौचालय जर्जर हालत में है । सूत्रों की माने तो मरम्मत के नाम पर पिछले आठ नव महीने से लगभग एक लाख अस्सी हजार रुपये मैडम ने निकाल भी लिया है पर फर्श वैसे ही टूटे है , शौचालय वैसे ही धंसा है । लोगों का तो यह भी कहना है कि जिन दीवारों की रिपेयरिंग होनी थी उसको मैडम ने पेंट से छुपा दिया है । वही इन्होंने फर्श टूटने के लिये लड़को को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि टीचरों की कुर्सियों को इधर उधर बच्चे करते है इसी से फर्श टूट जाता है । दो चार दिन में मरम्मत कराने की बात भी कह रही है । विद्यालय के बच्चों और बच्चियों ने साफ कहा कि मैडम झाड़ू लगवाती है । साफ सफाई का आलम यह है कि कक्षा में गंदगी का अंबार है और बच्चो के साथ कुत्ता महाराज भी पढ़ाई कर रहे है क्योंकि भगाने वाले चपरासी महाराज मास्टर जो हो गये है ?