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जन्मदिन विशेष : आज उस महान देश भक्त का जन्मदिन है जिसने हिटलर को भी गलती सुधारने पर किया था मजबूर



23 जनवरी 2019 ।।

23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक में एक संपन्न बांग्ला परिवार में जन्मे सुभाष अपने देश के लिए हर हाल में आजादी चाहते थे. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत को गुलामी की जंजीर से मुक्त कराने के लिए जापान की मदद से आजाद हिंद फौज का गठन किया था. यही नहीं, नेताजी दुनिया के शक्तिशाली नेताओं से मिल रहे थे ताकि उनकी मदद से भारत आजाद हो सके.

इसी क्रम में वे एक बार हिटलर से मिलने गए. नेताजी को एक कमरे में बिठा दिया गया. उस दौरान दूसरा विश्व युद्ध चल रहा था और हिटलर की जान को खतरा था इसलिए वह अपने आस-पास बॉडी डबल रखता था जो बिल्कुल उसी के जैसे लगते थे.

कुछ ही समय बाद हिटलर आया. नेता जी उसे पहचान गए. नेताजी बोले- मैं सुभाष हूं... भारत से आया हूं.. लेकिन हाथ मिलाने से पहले कृपया दस्ताने उतार दें क्योंकि मैं मित्रता के बीच में कोई दीवार नहीं चाहता. नेताजी की आत्मविश्वास से भरी आवाज ने हिटलर को प्रभावित कर दिया. हिटलर ने तुरंत पूछा कि आपने मेरे हमशक्लों को कैसे पहचान लिया. तो नेताजी ने कहा- 'उन दोनों ने अभिवादन के लिए पहले हाथ बढ़ाया जबकि ऐसा मेहमान करते हैं.' नेताजी की बुद्धिमत्ता का हिटलर कायल हो गया.

यही नहीं हिटलर ने अपनी आत्मकथा Mein Kampf में कई जगह भारतीयों की आलोचना की थी जिसका नेताजी ने तर्कों के साथ खंडन किया. हिटलर को नेताजी की बात माननी पड़ी थी और उसने अपनी किताब के अगले एडिशन से किताब का वो खंड हटवा दिया था.






(साभार न्यूज18)