गोरखपुर : कुम्भ के जरिये उत्तर प्रदेश बनेगा देश का नम्बर वन प्रदेश : सीम योगी
कुम्भ के जरिये उत्तर प्रदेश बनेगा देश का नम्बर वन प्रदेश : सीम योगी
ए कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर 13 जनवरी 2019 ।। गोरखपुर महोत्सव के समापन कार्यक्रम में पहुचे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके साथ रीता बहुगुणा जोशी और अवनीश अवस्थी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम के समापन कार्यक्रम की शुरुआत की । इस अवसर पर सीएम योगी ने गोरखपुर महोत्सव में लगे मेले का निरीक्षण भी किया । साथ ही मंच के सामने बैठ कर महोत्सव में हुए कार्यक्रम का लुप्त भी उठाया ।
इस महोत्सव में आयी कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, कि पिछले 22 महीने में योगी जी ने पूर्वांचल को , इस धरती को जिसने अनेक बड़े बड़े महापुरुष दिए है, का विकास इतना कर दिया है जितना पिछले सरकार के पांच सालों में विकास नही हुआ था , जो महज 22 महीने में योगी जी ने किया है । हमारी संस्कृति हमारी पहचान है । पूरा विश्व हमे जानने का प्रयास कर रहा है, जब से देश की कमान मोदी जी और प्रदेश की कमान योगी जी के हाथो में आयी है, तब से विकास ही विकास हो रहा है । कुम्भ की तैयार में 22 महीने से योगी जी लगे है, कुम्भ तो अभी शुरू होगा, लेकिन योगी जी ने समरसता और महिला कुम्भ तो पहले ही करा दिया है । कोई जिला ऐसा नही है, जहां मुख्यमंत्री जी की नजर न हो, चार चार नए प्राधिकरण बने, एक जनपद एक उत्पाद के जरिये कला को जोड़ने का काम किया है । अगर पांच साल मिला है, तो हमे 6 वे साल का इंतजार नही है, इसी साल में सारी योजना उड़ेल कर रख देनी है । अगर 22 महीने में इतना विकास हुआ है, तो बाकी के दिनों में आपका साथ चाहिए, उत्तर प्रदेश बीमार प्रदेश नही बल्कि बहुत महत्वपूर्ण प्रदेश हो रहा है ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, कि आप लोग दो दिन से गोरखपुर महोत्सव का आनंद ले रहे होंगे. लोक परंपरा और संस्कृति के उद्देश्य के साथ प्रभावित रहा होगा. लोक कला और संस्कृति से जुड़ा ऐसा महोत्सव अन्य जिलों में भी हो ऐसा प्रयास है । दो वर्ष से गोरखपुर महोत्सव इसी रूप में आगे बढ़ रहा है. अक्सर महोत्सव का मतलब बॉलीवुड के कलाकारों के क्रार्यक्रम व अन्य कलाकारों को बुलाकर कराये जाने वाला मान लिया जाता था. लेकिन, हमने कला और संस्कृति के साथ छात्रों को प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर दिया है जो आने वाली पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण होगा. 21 जून 2016 को योग परंपरा का ये उत्सव शुरू हुआ तो आज दुनिया के 172 देश इससे जुड़े. गोरखनाथ की योग नगरी के लिए ये महत्वपूर्ण है. कुम्भ में भी ऐसा नहीं है कि सभी सुविधा सरकार दे रही है. लेकिन, इन सबकी चिंता के श्रद्धालु विशिष्ट नक्षत्रीय योग के लिए अपनी गठरी बांध कर कुम्भ के लिए चल देता है. यही तो भारत की संस्कृति और पहचान है. लोग इसको आगे नहीं बढ़ने देना चाहते थे. डेढ़ से दो वर्षों में यूपी 18 से दूसरे नंबर पर आ गया है. राम की नगरी अयोध्या में, कृष्ण की नगरी मथुरा यूपी में है. प्रयागराज में कुंभ का आयोजन होता है. इसे पूरे विश्व और यूनेस्को ने स्वीकार किया है. प्रोत्साहन का अभाव था. लेकिन हमने प्रयास प्रारंभ किये है, डेढ़ वर्ष के अंदर 15 फ्लाईओवर और बाईपास हमने बनाए हैं. अक्षयवट के दर्शन से श्रद्धालुओं को 450 वर्षों से वंचित रखा गया था. हमने किले में इसे लोगों के लिए खोला है. कुम्भ का क्षेत्रफल 1700 से 3200 किया गया है. 6 लाख गांव के हर मत-धर्म से जुड़े शंकराचार्य वहां पर आ रहे हैं. 175 देशों के डेलीगेट्स ने अपने पताका को कुम्भ में लगाया है. गोरखपुर महोत्सव की तरह देश के सांस्कृति कर्मियों को कुम्भ में मौका दिया गया है. सफाई और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. एक जगह से बैठकर अराजकता और अव्यवस्था से निपटने के इंतजाम किए गए हैं. ताकि दुनिया के सामने यहां की संस्कृति और लोक कला को प्रस्तुत कर सकें, एक ट्वायलेट बनाने का कार्यक्रम केवल गरीब को देने के लिए बहुत खर्च कर रहे हैं. लेकिन, इसके पीछे महिलाओं का सम्मान और स्वास्थ्य से जुड़े उद्देश्य भी हैं, हमारे कस्बे, जनपद और प्रदेश की सफाई को लेकर हमारी बहुत खराब छवि है. हम खुद पैकेट में करके नालियों में फेंक देते हैं. लेकिन, हमें जागरूक होना होगा, अगर हम शासन की योजना को लोगों तक पहुंचाए तो उन्हें इसका लाभ मिलेगा. पीएम आवास योजना इसका उदहारण है । 14 लाख लोगों को ये सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं.गरीबों के लिए तमाम योजनाएं हैं, कल यहीं पर वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट और रोजगार मेला का उद्घाटन करेंगे, जिस गरीब ने बिजली नहीं देखी उन्हें इस योजना के बारे में बताएंगे तो उससे बड़ा उपहार उसके लिए दूसरा नहीं होगा । 2000 करोड़ का लोन रोजगार के लिए बेरोजगारों को देने जा रहे हैं. ये बहुत बड़ी रकम है. इस पर अनुदान भी मिलेगा, महोत्सव में आमजन और हर वर्ग की भागीदारी इस प्रकार के कार्यक्रम से जुड़ना होगा ।
ए कुमार की रिपोर्ट
गोरखपुर 13 जनवरी 2019 ।। गोरखपुर महोत्सव के समापन कार्यक्रम में पहुचे प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके साथ रीता बहुगुणा जोशी और अवनीश अवस्थी ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम के समापन कार्यक्रम की शुरुआत की । इस अवसर पर सीएम योगी ने गोरखपुर महोत्सव में लगे मेले का निरीक्षण भी किया । साथ ही मंच के सामने बैठ कर महोत्सव में हुए कार्यक्रम का लुप्त भी उठाया ।
इस महोत्सव में आयी कैबिनेट मंत्री रीता बहुगुणा जोशी ने कहा, कि पिछले 22 महीने में योगी जी ने पूर्वांचल को , इस धरती को जिसने अनेक बड़े बड़े महापुरुष दिए है, का विकास इतना कर दिया है जितना पिछले सरकार के पांच सालों में विकास नही हुआ था , जो महज 22 महीने में योगी जी ने किया है । हमारी संस्कृति हमारी पहचान है । पूरा विश्व हमे जानने का प्रयास कर रहा है, जब से देश की कमान मोदी जी और प्रदेश की कमान योगी जी के हाथो में आयी है, तब से विकास ही विकास हो रहा है । कुम्भ की तैयार में 22 महीने से योगी जी लगे है, कुम्भ तो अभी शुरू होगा, लेकिन योगी जी ने समरसता और महिला कुम्भ तो पहले ही करा दिया है । कोई जिला ऐसा नही है, जहां मुख्यमंत्री जी की नजर न हो, चार चार नए प्राधिकरण बने, एक जनपद एक उत्पाद के जरिये कला को जोड़ने का काम किया है । अगर पांच साल मिला है, तो हमे 6 वे साल का इंतजार नही है, इसी साल में सारी योजना उड़ेल कर रख देनी है । अगर 22 महीने में इतना विकास हुआ है, तो बाकी के दिनों में आपका साथ चाहिए, उत्तर प्रदेश बीमार प्रदेश नही बल्कि बहुत महत्वपूर्ण प्रदेश हो रहा है ।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, कि आप लोग दो दिन से गोरखपुर महोत्सव का आनंद ले रहे होंगे. लोक परंपरा और संस्कृति के उद्देश्य के साथ प्रभावित रहा होगा. लोक कला और संस्कृति से जुड़ा ऐसा महोत्सव अन्य जिलों में भी हो ऐसा प्रयास है । दो वर्ष से गोरखपुर महोत्सव इसी रूप में आगे बढ़ रहा है. अक्सर महोत्सव का मतलब बॉलीवुड के कलाकारों के क्रार्यक्रम व अन्य कलाकारों को बुलाकर कराये जाने वाला मान लिया जाता था. लेकिन, हमने कला और संस्कृति के साथ छात्रों को प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर दिया है जो आने वाली पीढ़ी के लिए महत्वपूर्ण होगा. 21 जून 2016 को योग परंपरा का ये उत्सव शुरू हुआ तो आज दुनिया के 172 देश इससे जुड़े. गोरखनाथ की योग नगरी के लिए ये महत्वपूर्ण है. कुम्भ में भी ऐसा नहीं है कि सभी सुविधा सरकार दे रही है. लेकिन, इन सबकी चिंता के श्रद्धालु विशिष्ट नक्षत्रीय योग के लिए अपनी गठरी बांध कर कुम्भ के लिए चल देता है. यही तो भारत की संस्कृति और पहचान है. लोग इसको आगे नहीं बढ़ने देना चाहते थे. डेढ़ से दो वर्षों में यूपी 18 से दूसरे नंबर पर आ गया है. राम की नगरी अयोध्या में, कृष्ण की नगरी मथुरा यूपी में है. प्रयागराज में कुंभ का आयोजन होता है. इसे पूरे विश्व और यूनेस्को ने स्वीकार किया है. प्रोत्साहन का अभाव था. लेकिन हमने प्रयास प्रारंभ किये है, डेढ़ वर्ष के अंदर 15 फ्लाईओवर और बाईपास हमने बनाए हैं. अक्षयवट के दर्शन से श्रद्धालुओं को 450 वर्षों से वंचित रखा गया था. हमने किले में इसे लोगों के लिए खोला है. कुम्भ का क्षेत्रफल 1700 से 3200 किया गया है. 6 लाख गांव के हर मत-धर्म से जुड़े शंकराचार्य वहां पर आ रहे हैं. 175 देशों के डेलीगेट्स ने अपने पताका को कुम्भ में लगाया है. गोरखपुर महोत्सव की तरह देश के सांस्कृति कर्मियों को कुम्भ में मौका दिया गया है. सफाई और सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं. एक जगह से बैठकर अराजकता और अव्यवस्था से निपटने के इंतजाम किए गए हैं. ताकि दुनिया के सामने यहां की संस्कृति और लोक कला को प्रस्तुत कर सकें, एक ट्वायलेट बनाने का कार्यक्रम केवल गरीब को देने के लिए बहुत खर्च कर रहे हैं. लेकिन, इसके पीछे महिलाओं का सम्मान और स्वास्थ्य से जुड़े उद्देश्य भी हैं, हमारे कस्बे, जनपद और प्रदेश की सफाई को लेकर हमारी बहुत खराब छवि है. हम खुद पैकेट में करके नालियों में फेंक देते हैं. लेकिन, हमें जागरूक होना होगा, अगर हम शासन की योजना को लोगों तक पहुंचाए तो उन्हें इसका लाभ मिलेगा. पीएम आवास योजना इसका उदहारण है । 14 लाख लोगों को ये सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं.गरीबों के लिए तमाम योजनाएं हैं, कल यहीं पर वन डिस्ट्रिक वन प्रोडक्ट और रोजगार मेला का उद्घाटन करेंगे, जिस गरीब ने बिजली नहीं देखी उन्हें इस योजना के बारे में बताएंगे तो उससे बड़ा उपहार उसके लिए दूसरा नहीं होगा । 2000 करोड़ का लोन रोजगार के लिए बेरोजगारों को देने जा रहे हैं. ये बहुत बड़ी रकम है. इस पर अनुदान भी मिलेगा, महोत्सव में आमजन और हर वर्ग की भागीदारी इस प्रकार के कार्यक्रम से जुड़ना होगा ।