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प्रथम राष्ट्रपति के जन्मदिन पर विशेष : ‘खुद पर उम्र को कभी हावी नहीं होने देना चाहिए’ - डॉ राजेन्द्र प्रसाद
प्रथम राष्ट्रपति के जन्मदिन पर विशेष : ‘खुद पर उम्र को कभी हावी नहीं होने देना चाहिए’ - डॉ राजेन्द्र प्रसाद

3 दिसम्बर 2018 ।।
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 में बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव में जन्म हुआ था. ये भारतीय लोकतंत्र के पहले राष्ट्रपति थे. एक भारतीय राजनीती के सफल नेता और प्रशिक्षक वकील थे. भारतीय स्वतंत्रता अभियान के दौरान ये भारतीय राष्ट्रिय कांग्रेस में शामिल हुए थे. साथ ही बिहार क्षेत्र के ये एक बड़े नेता भी बने थे. इन्होंने 1934-35 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में भारत की सेवा की. 1950 में भारत जब स्वतंत्र गणतंत्र बना, तब इन्हें भारत का पहला राष्ट्रपति चुना गया.
राष्ट्रपति बनने के बाद राजेंद्र प्रसाद ने कई सामाजिक कार्य किए. सरकारी दफ्तरों की स्थापना की. इसी के चलते उन्होंने एक और अहम कदम उठाया. वो था कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने का. जिसके बाद उन्होंने राज्य सरकार के मुख्य होने के कारण शिक्षण क्षेत्र के विकास पर ज्यादा ध्यान देने शुरू किया.
राष्ट्रपति बनने के बाद राजेंद्र प्रसाद ने कई सामाजिक कार्य किए. सरकारी दफ्तरों की स्थापना की. इसी के चलते उन्होंने एक और अहम कदम उठाया. वो था कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने का. जिसके बाद उन्होंने राज्य सरकार के मुख्य होने के कारण शिक्षण क्षेत्र के विकास पर ज्यादा ध्यान देने शुरू किया.
इन सभी कार्यों को देखते हुए 1957 के चुनावों में चुनाव समिति द्वारा उन्हें फिर से राष्ट्रपति घोषित किया गया. वे अकेले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें लगातार दो बार भारत का राष्ट्रपति चुना गया.
डॉ. राजेंद्र प्रसाद की कही गई 8 बातें जो हर इंसान को जीवन में उतारने का प्रयास करना चाहिए --
1. मैं जानता हूं, 10 साल पहले किए गए काम दोबारा उसी शिद्दत नहीं कर पाउंगा.
2. आजकल का सिनेमा तड़क-भड़क और भावनाओं पर ज्यादा ध्यान केंद्रित करता है.
3. मंजिल को पाने की दिशा में आगे बढ़ते हुए याद रहे कि मंजिल की ओर बढ़ता रास्ता भी उतना ही नेक हो.
4. जो मैं करता हूं, उन सभी भूमिकाओं के बारे में सावधान रहता हूं.
5. खुद पर उम्र को कभी हावी नहीं होने देना चाहिए.
6. मैं एक ऐसे पड़ाव पर हूं, जहां खुद की उम्र को बेहद अच्छी तरह समझता हूं.
7. पेड़ों के आसपास चलने वाला अभिनेता कभी आगे नहीं बढ़ सकता.
8. किसी की गलत मंशाएं आपको किनारे नहीं लगा सकतीं.
प्रथम राष्ट्रपति के जन्मदिन पर विशेष : ‘खुद पर उम्र को कभी हावी नहीं होने देना चाहिए’ - डॉ राजेन्द्र प्रसाद
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
December 03, 2018
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