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मुजफ्फपुर शेल्टर होम केसः सीबीआई आज जमा कर सकती है कोर्ट में चार्जशीट !








                7 दिसम्बर  2018 ।।

बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टरहोम  केस में सीबीआई को शुक्रवार को चार्जशीट दायर करनी है. सीबीआई को चार्जशीट दायर करने के लिए सात दिसंबर तक की मोहलत मिली थी. इस संबंध में हालांकि किसी तरह की आधिकारिक जानकारी नहीं आई है, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि सीबीआई अधिकारी चार्जशीट तैयार कर चुके हैं. शेल्टर होम केस के पांच आरोपियों की जमानत की अर्जी पर आज (शुक्रवार को) विशेष पॉक्सो कोर्ट में सुनवाई होनी है. सूत्रों के मुताबिक जमानत के लिए होने वाली सुनवाई के दौरान सीबीआई चार्जशीट को कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेगी.

मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 30 से अधिक नाबालिग लड़कियों के साथ कथित रूप से बलात्कार और यौन उत्पीड़न किया गया था. यह मामला सबसे पहले तब सामने आया था जब टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस (टीआईएसएस) ने बिहार के सामाजिक कल्याण विभाग को एक आडिट रिपोर्ट सौंपी. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद हड़कंप मच गया. शेल्टर होम में नाबालिग लड़कियों के साथ हुई इस घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. मामले में कई रसूखदारों का नाम सामने आया तो बिहार सरकार पर भी सवाल उठे.

मुजफ्फरनगर शेल्टर होम केस में अबतक 19 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. दस की गिरफ्तारी पुलिस ने जबकि 9 आरोपियों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया. गिरफ्तार लोगों में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) के सदस्य विकास कुमार, निलंबित बाल संरक्षण पदाधिकारी (सीपीओ) रवि रोशन, बाल संरक्षण विभाग के तत्कालीन सहायक निदेशक रोजी रानी सहित बालिका गृह की सात महिला कर्मचारी व अन्य शामिल हैं.


10 के खिलाफ पुलिस दर्ज कर चुकी है चार्जशीट 

मामले की जांच सीबीआई को सौंपे जाने से पहले 26 जुलाई को पुलिस ने दस आरोपियों के खिलाफ विशेष पॉक्सो कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. जिन आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की उनमें मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर, सीपीओ रवि रोशन ,सीडब्ल्यूसी सदस्य विकास कुमार, बालिका गृह की सात महिला कर्मचारी शामिल हैं. बता दें कि आरोपी बनाए गए सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष दिलीप वर्मा को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है.

जानिए मामले में अबतक क्या-क्या हुआ:

जुलाई 2017- बिहार सरकार ने राज्य के सभी बालिका गृह और अल्पावास गृहों के सोशल ऑडिट के लिए टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) के साथ करार किया.

सितंबर 2017-  मार्च 2018– टीआईएसएस ने राज्य भर के बालिका गृह और अल्पावास गृहों में रहने वाली लड़कियों से बातचीत की.

मई 2018-  टीआईएसएस ने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी.

26 मई 2018-  समाज कल्याण विभाग ने मुजफ्फरपुर प्रशासन को रिपोर्ट भेजी.

03 जून 2018- एनजीओ संचालक ब्रजेश ठाकुर समेत आठ आरोपी गिरफ्तार. इनमें ब्रजेश को छोड़ कर बाकी सभी महिलाएं.

26 जून 2018- मुजफ्फरपुर जिला बाल संरक्षण अधिकारी रवि रौशन लापरवाही के आरोप में गिरफ्तार.

28 मई 2018- साहू रोड, मुजफ्फरपुर स्थित बालिका गृह के संचालक एनजीओ के खिलाफ एफआईआर की अनुमति मिली

30 मई 2018- बालिका गृह की सभी 42 लड़कियों को पटना और मधुबनी भेजा गया.

31 मई 2018- जिला बाल सुरक्षा इकाई के सहायक निदेशक देवेश कुमार शर्मा ने मुजफ्फरपुर महिला थाने में एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया.

14 जुलाई 2018- छपरा में बालिका अल्पावास गृह में यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया. एक लड़की के गर्भवती पाए जाने के बाद एनजीओ संचालक गिरफ्तार.

19 जुलाई 2018- पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पीटल (पीएमसीएच) ने पीड़िताओं की मेडिकल रिपोर्ट मुजफ्फरपुर पुलिस को सौंपी. कुल 21 लड़कियों के साथ बलात्कार की पुष्टि हुई.

22 जुलाई 2018- भारी मानसिक सदमे से गुजर रहीं 30 लड़कियों को पटना और मधुबनी से मोकामा के नाजरथ अस्पताल और आश्रय में भेजा गया.

23 जुलाई 2018- एनफोल्ड इंडिया हैदराबाद और एम्स के डॉक्टरों की टीम लड़कियों के इलाज के लिए पटना पहुंची.

23 जुलाई 2018- लड़कियों ने एक साथी की हत्या और बालिका गृह में ही दफनाए जाने का बयान दिया था. इसे देखते हुए मुजफ्फरपुर बालिका गृह परिसर में खुदाई की गई. मिट्टी को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया.

20 नवंबर 2018- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में लड़कियों को नशीला इंजेक्शन लगाने वाला गिरफ्तार.

21 नवंबर 2018- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु को सीबीआई ने किया गिरफ्तार.

23 नवंबर 2018- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम के आर्म्स एक्ट मामले में 1 दिन के लिए पुलिस रिमांड पर भेजी गईं पूर्व मंत्री मंजू वर्मा.

27 नवंबर 2018- सुप्रीम कोर्ट ने नीतीश सरकार को फटकार लगाई. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पूरे मामले में राज्‍य का रवैया बेहद दुर्भाग्‍यपूर्ण, अमानवीय और लापरवाही भरा रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने अदालत में मौजूद मुख्‍य सचिव से पूछा कि अगर अपराध हुआ था तो आरोपी के खिलाफ आईपीसी की धारा 377 और पॉक्‍सो एक्‍ट के तहत अभी तक मामला दर्ज क्‍यों नहीं किया गया.

6 दिसंबर 2018- ब्रजेश ठाकुर की राजदार मधु और अश्विनी कुमार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. दोनों को मुजफ्फरपुर के खुदीराम बोस केंद्रीय कारा में न्यायिक हिरासत में भेजा गया है.
(साभार न्यूज18)