बलिया : प्रतिभा के प्रयाहत प्रभाकर , गौरव के उतूँगमेरूश्रृंग एवं पाण्डित्य के अपार पारावार थे सेक्रेटरी साहब -डॉ गणेश कुमार पाठक
प्रतिभा के प्रयाहत प्रभाकर , गौरव के उतूँगमेरूश्रृंग एवं पाण्डित्य के अपार पारावार थे सेक्रेटरी साहब -डॉ गणेश कुमार पाठक
बलिया के मालवीय थे पंडित श्याम सुंदर उपाध्याय - भरत सिंह
डॉ सुनील ओझा (उप संपादक बलिया एक्सप्रेस) की रिपोर्ट
बलिया 6 दिसम्बर, 2018 ।। बापू भवन , बलिया में पं० श्याय सुन्दर उपाध्याय की 118 वीं जयन्ती समारोह अत्यन्त ही धूम- धाम से मनाया गया। इस समारोह के मुख्य अतिथि जननायक चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय , बलिया के कुलपति प्रो० योगेन्द्र सिंह एवं सांसद भरत सिंह जी थे, जबकि विशिष्ट अतिथि सदर विधायक आनन्द स्वरूप शुक्ल, पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह, पूर्व विधायक भगवान पाठक एवं भाजपा नेत्री केतकी सिंह रहीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी प्रचारिणी सभा के अध्यक्ष डा० रघुबंशमणि पाठक एवं एडवोकेट भोलानाथ मिश्र ने किया, जबकि कार्यक्रम का संचालन डा० शत्रुघ्न पाण्डेय एवं संयोजक श्री ओंकार नाथ उपाध्याय ने किया।
मुख्य अतिथि के रूपमें अपने उद्बोधन में प्रो० योगेन्द्र सिंह ने सर्व प्रथम बलिया की धरती एवं यहां के ऋषि - मुनियों तथा विभिन्न क्षेत्र के मनीषियों को प्रणाम करते हुए कहा कि बलिया में इतने उत्कृष्ट विद्वान हुए हैं एवं अभी भी हैं कि यहां मंच से बोलते हुए सोचना पड़ता है। उन्होंने सेक्रेटरी साहब के कार्यों एवं संकल्पनाओं के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रतिबढ़त जतायी। सांसद भरत सिंह ने कहा कि पं० श्याम सुन्दर उपाध्याय बलिया के मालवीय थे और सत्रह संस्थाओं से सम्बद्ध थे, लेकिन किसी भी संस्था में अपने परिवार या रिश्तेदार को नहीं रखा। यह उनके त्याग को प्रदर्शित करता है।सदर विधायक आनन्द स्वरूप शुक्ल ने विविध पक्षों का उल्लेख करते हुए अपने उद्बोधन को प्राचीन भारतीय विज्ञान के विकास से सम्बद्ध किया और कहा कि हमारा देश सेक्रेटरी साहब जैसे मनीषियों से महान बना है। पूर्व विधायक राम इकबाल सिंह ने वर्तमान राजनीति एवं राजनीतिज्ञों पर कटाक्ष करते एवं वर्तमान शिक्षा व्यवस्था के व्यवसायिक स्वरूप पर कटाक्ष किया। पूर्व विधायक भगवान पाठक ने कहा कि पं० श्याम सुन्दर उपाध्याय जी शिक्षा के साथ साथ अध्यात्म के क्षेत्र में अलख जगाए। आज पुनः इसी की आवश्यकता है।
समारोह को संबोधित करते हुए अमरनाथ मिश्र स्नातकोत्तर महाविद्यालय दूबेछपरा, बलिया के पूर्व प्राचार्य एवं प्रर्यावरणविद् डा० गणेश कुमार पाठक ने कहा कि बलिया में अनेकों शिक्षण संस्थान खुले जिसके बहुत लोग सेक्रेटरी भी रहे, किन्तु सेक्रेटरी शब्द से सम्बोधन सिर्फ पं० श्याम सुन्दर उपाध्याय के लिए ही किया गया। वे सिर्फ सेक्रेटरी साहब के नाम से ही जाने जाते थे। सेक्रेटरी साहब प्रतिभा के प्रयाहत प्रभाकर थे, गौरव के उतूँगमेरूश्रृंग थे एवं पाण्डित्य के अपार पारावार थे। वे एक सहृदय, सरस, सज्जन, सौम्य, सहयोगी, सादगीपूर्ण, समरसता से परिपूर्ण, सदासयी एवं सत्यनिष्ठ मनीषी थे। वे एक तरफ जहां शिक्षा की अलख जगाकर बलिया के मालवीय कहलाए, वहीं दूसरी तरफ वे जनपद में अध्यात्म की भी अलख जगाए एवं सदैव संस्कार एवं भारतीय संस्कृति के रक्षक एवं पोषक के रूप में कार्य करते रहे। समारोह को चन्द्रशेखर उपाध्याय, डा० जनार्दन राय, संतोष पाणँडेय .श्रीकान्त द्विवेदी, बी के उमा बहन, शत्रुघ्न पाण्डेय, डा० रघुवंशमणि पाठक आदि ने भी संबोधित किया। अंत में एडवोकेट भोलानाथ मिश्र ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में सेक्रेटरी साहब के जीवन से जुड़े विविध पक्षों पर प्रकाश डाला। डा० ओंकार नाथ उपाध्याय ने सभी आगंतुकों के प्रति आभार व्यक्त किया।