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आरबीआई बोर्ड में बड़ी हिस्सेदारी चाहती है केंद्र सरकार , जाने क्या है कारण ...

RBI द्वारा लिए जाने वाले फैसले में बड़ी भागीदारी चाहती है सरकार





                                   17 नवम्बर 2018 ।।
सरकार चाहती है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जो फैसले लिए जाते हैं उनमें उसकी भागीदारी बढ़े. क्योंकि सरकार का मानना है कि ऐसा न होने से कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर उसकी भूमिका निर्धारित नहीं हो पाती. खासकर ऋण के एनपीए में तब्दील होने जैसे मामलों में. आरबीआई के बोर्ड की होने वाली अहम बैठक से पहले सूत्रों ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि सरकार का मानना है कि जनता की प्रतिनिधि होने के नाते सरकार को आरबीआई के महत्त्वपूर्ण नीतिगत फैसलों में शामिल होना चाहिए.

सूत्रों ने अपनी बात के समर्थन में कहा कि सरकार कहती है कि गवर्नर और चार डिप्टी गवर्नरों की उपस्थिति से कुछ उप-समितियों का कोरम पूरा हो जाता है और किसी भी अन्य निदेशक की उपस्थिति की ज़रूरत नहीं होती.

हालांकि, गर्वनर की अध्यक्षता वाले आरबीआई के केन्द्रीय बोर्ड में दो सरकार नामित निदेशक और 11 स्वतंत्र निदेशक शामिल हैं. इस समय, केन्द्रीय बोर्ड में 18 सदस्य हैं और इसकी अधिकतम संख्या 21 तक हो सकती है.