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आंध्र के बाद बंगाल में भी सीबीआई पर रोक , बिना अनुमति नही मार पाएगी अब छापे

आंध्र के बाद बंगाल में भी नहीं घुस पाएगी CBI, ममता ने कहा- मुझसे लेनी होगी परमिशन


17 नवम्बर 2018 ।।

लोक सभा चुनाव ज्योज्यो नजदीक आता जा रहा विपक्षी दलों का रुख भी केंद्र सरकार के प्रति कठोर होता जा रहा है । विपक्ष शासित राज्यो में केंद्र सरकार के तोता के रूप में चर्चित सीबीआई को लेकर गहरी नाराजगी दिख रही है । विपक्ष का मानना है कि सरकार इससे अपने विरोधियों को परेशान कर रही है । इस लिये पहले आंध्र की चन्द्र बाबू नायडू सरकार और अब बंगाल की ममता सरकार ने अपने अपने राज्यो में सीबीआई द्वारा मारे जाने वाले छापो पर रोक लगाकर केंद्र सरकार से दो दो हाथ करने का ऐलान कर दिया है । बता दे कि पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई को राज्य में छापे मारने या जांच करने के लिए दी गयी ‘सामान्य रजामंदी’ शुक्रवार को वापस ले ली. राज्य सचिवालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी. पश्चिम बंगाल सरकार के फैसले से ठीक पहले आंध्र प्रदेश सरकार ने भी यही कदम उठाया.


आंध्र प्रदेश सरकार की घोषणा के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस मुद्दे पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को अपना समर्थन जताया. उन्होंने कहा, ‘चंद्रबाबू नायडू ने बिल्कुल सही किया. भाजपा अपने राजनीतिक हितों और प्रतिशोध के लिए सीबीआई तथा अन्य एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है.’


पश्चिम बंगाल में 1989 में तत्कालीन वाम मोर्चा सरकार ने सीबीआई को सामान्य रजामंदी दी थी. अधिकारी ने नाम नहीं जाहिर होने की शर्त पर कहा कि शुक्रवार की अधिसूचना के बाद सीबीआई को अब से अदालत के आदेश के अलावा अन्य मामलों में किसी तरह की जांच करने के लिए राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी. सीबीआई दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून के तहत काम करती है. (एजेंसी)