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बलिया में आईजीआरएस का आदेश ,मतलब नक्कार खाने में तूती बजाना , अधिकारियों में नही है इससे खौफ



बलिया जनपद में मुख्यमंत्री पोर्टल के आदेश भी कार्यवाई कराने के लिये बेअसर
साफ सफाई के लिये तत्काल सफाई कराने का आदेश भी बेअसर
ईओ बलिया डीके विश्वकर्मा के आगे डीएम का आदेश भी भरता है पानी
मधुसूदन सिंह 
बलिया 10 नवम्बर 2018 ।।
जी हां ऐसा ही नजारा और हकीकत है बलिया शहर को साफ सुथरा रखने की जिम्मेदारी रखने वाली नगर पालिका परिषद बलिया और इसके अब तक के सबसे काबिल ईओ डीके विश्वकर्मा जी की । साहब इतने बड़े रसूख वाले है कि इनके ऊपर डीएम बलिया द्वारा साफ सफाई के लिये दिया गया आदेश भी इनके सामने बेअसर और पानी भरता दिखता है । वही आईजीआरएस के आदेश को तो ये अपनी अंगुलियो पर नाचकर जब चाहते है रिपोर्ट भेजकर शिकायतों का निस्तारण करा देते है चाहे इनके द्वारा भेजी गई रिपोर्ट कागजो पर ही क्यो न दिखे । दिसम्बर 2017 से ये पीएम और सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट प्रदूषण मुक्त गंगा को कागजो के द्वारा ही साफ करा रहे है और धन्य है आईजीआरएस को हैंडिल करने वाले लखनऊ में बैठे उच्चाधिकारी जो इनके द्वारा भेजी गई कागजी रिपोर्ट पर ही संतुष्ट होकर अपना पिंड छुड़ा लेते है , धरातल पर कार्य हुआ कि नही यह जानने का भी प्रयास नही करते है । ईओ बलिया की मेहरबानी और उच्चाधिकारियों के इनके ऊपर वरद हस्त ने बलिया में गंगा जी को आज तक प्रदूषणमुक्त नही होने दिया ।

वही नगर में साफसफाई के लिये कुल 25 वार्डो में से 11 वार्डो के लिये प्राइवेट कंपनी आर्यन को ठेका दिया गया है , शेष 14 वार्डो में नगर पालिका के कर्मचारी साफसफाई का जिम्मा उठाते है । पूरे 25 वार्डो में आर्यन कम्पनी को डोर टू डोर कूड़ा उठाने और फॉगिंग करने का ठेका मिला हुआ है । लेकिन सिविल लाइन क्षेत्र के वार्डो में यह सेवा राम भरोसे ही है । कूड़ा के उठान जहां अनियमित है , वही फॉगिंग तो विगत 6 माह में शायद ही कभी हुई हो ।

 वार्ड नम्बर 13 व 15 में एक ही मुख्य नाला है जो महीनों से जाम है । इसको साफ कराने के लिये अक्टूबर माह से प्रयास किया जा रहा है । ईओ चेयरमैन से कई बार शिकायत करने के वावजूद जब सफाई नही हुई तो जिलाधिकारी बलिया से तीन तीन बार मिलकर और 31 अक्टूबर को लिखित शिकायत करने के वावजूद जब सफाई कार्य नही हुआ तो 1 नवंबर और 5 नवम्बर को दो बार आईजीआरएस के माध्यम से शिकायत हुई । 5 नवम्बर की आईजीआरएस की शिकायत अपर प्रमुख सचिव नगर विकास से जिलाधिकारी बलिया को आई, जहां से ईओ नगर पालिका को तत्काल कार्य कराने का निर्देश दिया गया । पर धन्य है लखनऊ से आया हुआ और जिलाधिकारी बलिया द्वारा किया गया आदेश जो आज 10 नवम्बर तक ईओ बलिया के ऊपर कोई प्रभाव ही नही डाल पाया है और लगता है कि लखनऊ से लेकर डीएम बलिया तक का आदेश ईओ बलिया के यहां पानी भर रहा है या ददरी मेला में झाड़ू लगा रहा है ।
स्वच्छ भारत मिशन योजना चलाने वालों की सरकार में सफाई कराने के लिये इतने पापड़ अगर जनता को बेलने पड़ रहे है तो इस योजना को ही बन्द कर देना चाहिये क्योकि कम से कम इस पर प्रतिवर्ष होने वाले लाखों करोड़ों रुपये जो विज्ञापन में खर्च होते है बच जाते । नही तो ईओ बलिया जैसे साफसफाई के प्रति लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाई होनी चाहिये जिससे शासन और आईजीआरएस की हनक बनी रहे । अन्यथा आईजीआरएस बिना विष वाले सर्प की तरह होता जा रहा है जिससे अधिकारियों में कोई खौफ नही है । नीचे आईजीआरएस की सूचना जो सफाई कराने के लिये है , देखिये