बलिया : सीएचसी पीएचसी पर तैनात डॉक्टरों पर मंत्री की टेढ़ी हुई नजर , 5 दिनों में सामूहिक स्थानांतरण करके सीएमओ से मांगी रिपोर्ट, मचा हड़कंप
बहुत हुई लापरवाही, अब नहीं सुधरे तो होगी बड़ी कार्रवाई : उपेन्द्र
लापरवाही पर कार्रवाई होगी तो काम नहीं आएगी कोई सिफारिश
स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा में मंत्री के दिखे कड़े तेवर
बलिया 16 नवम्बर 2018 ।। स्वास्थ्य सेवाओं की सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओ की समीक्षा के दौरान अपेक्षित परिणाम न मिलने से मंत्री उपेंद्र तिवारी इतने नाराज हुए कि सीएमओ बलिया डॉ एसपी राय को कड़े शब्दों में आदेश किया कि सीएचसी /पीएचसी पर एक वर्ष से अधिक समय से तैनात डॉक्टरों की सामूहिक रूप से तबादला करके मुझे 5 दिनों में सूची उपलब्ध कराए । अगर कोई सिफारिश लगाता है तो उसकी सूचना तत्काल मुझको दे । किसी भी सूरत में डॉक्टरों की मनमानी बर्दाश्त नही की जाएगी । साथ ही कहा कि डॉक्टरों को अपने तैनाती वाले अस्पतालों में प्रतिदिन ड्यूटी करनी होगी , ऐसा न करने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जाएगी । मंत्री के इस आदेश से स्वस्थ्य विभाग में हड़कम्प मच गया है । आज कलेक्ट्रेट सभागार में समीक्षा के दौरान राज्यमंत्री (स्वतन्त्र प्रभार) उपेन्द्र तिवारी ने कहा कि सरकार की प्राथमिकताओं में स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारना भी एक है। इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही अक्षम्य होगी। समय रहते सभी चिकित्साधिकारी सचेत हो जाए और ईमानदारी से दायित्वों का निर्वहन करें। अन्यथा लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई होगी तो वहां कोई सिफारिस काम नहीं आएगी। गुरुवार की देर शाम कलेक्ट्रेट सभागार में स्वास्थ्य विभाग की महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा में मंत्री तिवारी ने सपष्ट किया कि योगी सरकार में स्वास्थ्य व्यवस्था के साथ मजाक करने वालों की खैर नहीं है। उन्होंने अस्पतालवार चिकित्सकों से पूछताछ की और जिनके यहां कमी मिली उनके पेंच भी कसे। कहा कि लापरवाही हुई तो सिर्फ कार्रवाई ही नहीं होगी, बल्कि आम जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करने वाले जेल भी जाएंगे। बैठक से गायब डिप्टी सीएमओ आरके सिंह का स्पष्टीकरण तलब किया।
एसीएमओ और डिप्टी सीएमओ के कार्य विभाजन का सीएमओ को दिया निर्देश
सीएमओ डॉ एसपी राय को निर्देश दिया कि सभी चारों डिप्टी सीएमओ के कार्य का विभाजन कर उपलब्ध करा दें। एसीएमओ के स्तर से जो 11 अधिकारी हैं, उनसे भी कार्य सम्बन्धी पूछताछ की। सीयर के प्रभारी पूर्व सूचना के बावजूद जरूरी अभिलेख नहीं लाए थे। उनके अस्पताल की तमाम शिकायतें मिलने और कोई खास सुधार नहीं होने पर मंत्री ने तगड़ी क्लास लगाई। नरहीं के प्रभारी से मंत्री ने सवाल किया कि वहां तैनात चिकित्सकों में कितने डाक्टर ड्यूटी करते है, इस पर प्रभारी ने चुप्पी साध ली। यह सब वहां दुर्व्यस्था बयां करने के लिए काफी थी। सुधार के लिए एक बार फिर हिदायत दी।
बजट के सापेक्ष खर्च की होगी समीक्षा
मंत्री ने योजनाओं से संबंधित पूछताछ की तो कई प्रभारी जवाब नहीं दे पाए। नाराजगी जताई और जल्द ही एक और बैठक करने का संकेत दिया। उस बैठक में पूरी तैयारी के साथ आने की हिदायत दी। कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में आए बजट और उसके मुकाबले हुए खर्च का विवरण सहित सभी प्रभारी चिकित्साधिकारी बैठक में आएंगे।
सरकारी खर्च से पढ़ाई, फिर सरकारी अस्पताल में ड्यूटी में लापरवाही क्यों
सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था में लापरवाही पर मंत्री तिवारी ने डॉक्टरों से दो टूक सवाल किया, सरकारी धन से एमबीबीएस जैसी महंगी पढ़ाई की जाती है, तो फिर सरकारी अस्पताल में इलाज करने में लापरवाही क्यों ? आखिर सरकारी अस्पताल में बेहतर इलाज क्यों नहीं कर पाते। जबकि प्राइवेट में उन्हीं के आवास पर मरीजों की भीड़ लगी रहती है। यानी साफ है कि वहीं डाक्टर रुचि लेकर प्राइवेट में अपना बेहतर कार्य देते हैं। उन्होंने अपील किया कि सरकारी अस्पताल में आने वाले कमजोर वर्ग के लोगों को बेहतर चिकित्सा व्यवस्था मुहैया कराई जाए। यही सरकार की मंशा है।
मच्छरजनित बीमारियों के रोकथाम के हों उपाय
- मच्छरों से बचाव के लिए कोई खास छिड़काव नहीं होने पर नाराजगी जताई। नगर स्वास्थ्य अधिकारी के रूप में तैनात एसीएमओ डॉ सुधीर तिवारी को निर्देश दिया कि मच्छर जनित बीमारियां रोकने के लिए पर्याप्त उपाय किए जाएं। रोस्टर के अनुसार पूरे शहर में छिड़काव होना चाहिए। बांसडीह अस्पताल के प्रभारी को नगर स्वास्थ्य अधिकारी बनाने पर कहा कि शहर के किसी डॉक्टर को यह जिम्मेदारी दी जाए।
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आरबीएसके योजना में लापरवाही पर हुए सख्त
- बैठक में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य गारंटी योजना की समीक्षा के दौरान कई अस्पताल प्रभारियों ने बताया कि उनके यहां गाड़ी नहीं आती है। वाहन के नाम पर कहीं मारुति है तो कहीं छोटी गाड़ी। इस पर मंत्री उपेंद्र तिवारी ने सख्त निर्देश दिया कि मानक के अनुसार गाड़ियों का संचालन हो। अगर कहीं लापरवाही संज्ञान में आए तो तत्काल कार्रवाई कर अवगत करावें। बिना काम के सरकारी धन की बंदरबांट करने वालों को कत्तई नहीं बख्शा जाए।