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दागी नेताओ पर आजीवन चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने किया स्वीकार , 4 दिसंबर से शुरु हो सकती है सुनवाई





नईदिल्ली 2 नवम्बर 2018 ।।

सुप्रीम कोर्ट ने आपराधिक मामलों के दोषी नेताओं पर आजीवन पाबंदी लगाने से जुड़ी जनहित याचिका को
 सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली है. सुप्रीम कोर्ट ने
गुरुवार को कहा कि वह इस तथ्य को नजरअंदाज नहीं
कर सकता कि ऐसे नेताओं पर आजीवन पाबंदी लगाने
 और इनसे जुड़े आपराधिक मामलों की शीघ्र सुनवाई के
लिए विशेष अदालतों का गठन करने की एक जनहित याचिका में मांग की गई है ।दरअसल सुप्रीम कोर्ट की
बेंच भाजपा नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय की
 ओर से दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही
 थी. उपाध्याय की अर्जी में कहा गया है कि जैसे ही
 नेता को आपराधिक मामले में दोषी करार दिया जाता
 है उसे उम्रभर के लिए चुनाव लड़ने पर बैन किया जाना चाहिए. उन्होंने तर्क दिया कि सरकारी अधिकारी को
 सजा होने के बाद उम्रभर के लिए नौकरी खत्म हो
 जाती है तो फिर नेताओं को ज्यादा तरजीह क्यों
 दी जाए?
इस पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस यू यू
ललित और जस्टिस केएम जोसफ की बेंच ने कहा कि
वह दोषी निर्वाचित जन प्रतिनिधियों पर आजीवन पाबंदी
 लगाने के पहलू पर चार दिसंबर को विचार कर सकती है ।
वहीं इस मामले में केंद्र की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर
जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार को निर्वाचित जनप्रतिनिधियों से जुड़े आपराधिक मामलों की विशेष
रूप से सुनवाई करने के लिए विशेष अदालतें गठित
करने पर कोई आपत्ति नहीं है ।