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बलिया एक्सप्रेस की खबर का हुआ असर : बंधे पर नदी का दबाव बढ़ने की सूचना पर पहुँचे डीएम , कटानरोधी कार्यों की तकनीकी टीम करेगी जांच : डीएम बलिया, अंधेरे में जानवर संग सड़क पर बैठे है लोग

बंधे पर नदी का दबाव बढ़ने की सूचना पर पहुँचे डीएम

कटानरोधी कार्यों की तकनीकी टीम करेगी जांच : डीएम
धूप अंधेरे में अपने जानवरो संग दुबेछपरा ढाले पर रहने को मजबूर लोग
प्रशासन उजाला भी दे पाने में असफल
डॉ सुनील ओझा की रिपोर्ट
बलिया 12 सितम्बर 2018 :  कुल 39 करोड़ रुपये  खर्च करके भी जो जिला प्रशासन क्षेत्रीय लोगो के घरों को सुरक्षित नही कर पाया , वह प्रशासन आज कटान के खौफ से अपने जानवरो और सामानों के साथ दुबेछपरा ढाले पर मजबूरन आसरा लिये लोगो को प्रकाश भी नही दे पाया है । लोग मजबूरन अंधेरे में बैठे है , अंधेरे में इनके साथ कुछ भी घटित होता है तो कौन जिम्मेदार होगा यह जिम्मेदार अधिकारी , राजनेता बखूबी जानते है । यह भी दुर्भाग्य का ही विषय है कि इन लोगो को कम से कम प्रकाश की ही व्यवस्था कोई समाजसेवी ही करा देता जो नही हुआ है ।वर्ष 2016 में कुल 10 करोड़ के खर्च से हुए मरम्मत कार्य ने जहां गंगा नदी के प्रचंड प्रलयकारी वेग को लगभग 12 दिनों तक झेलकर टूटने वाला दुबेछपरा टेंगरही रिंग बंधा इस बार 2016 के मुकाबले प्रभावहीन बाढ़ आने और 29 करोड़ खर्च होने के वावजूद लगता है एक सप्ताह भी अपनी सुरक्षा नही कर पायेगा । बंधे पर गंगा नदी के लगातार बढ़ रहे दबाव और कटान की सूचना पर पहुंचे जिलाधिकारी ने इसके मरम्मत में हुए घोटाले की उच्च स्तरीय जांच का आदेश देकर बलिया एक्सप्रेस द्वारा साया की गयी मरम्मत में घोटालेबाजी की खबर को प्रमाणित करने का काम किये है ।दुबेछपरा रिंग बंधा पर नदी का दबाव बढ़ने की सूचना मिलते ही जिलाधिकारी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने प्रशासनिक अमले के साथ बाढ़ विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि बंधे को बचाने के लिए एड़ी-चोटी एक कर दें। किसी भी हाल में बंधा टूटना नहीं चाहिए। उन्होंने करोड़ों रुपए की लागत से हुए मरम्मत कार्य की जांच कराने का भी आदेश दिया। जिलाधिकारी ने कहा कि करोड़ों रुपए खर्च होने के बावजूद इस कदर खतरे की संभावित स्थिति दुखद है। इस कार्य की तकनीकी टीम द्वारा जांच कराई जाएगी। जिस स्तर पर पर लापरवाही पाई जाएगी, कड़ी कार्रवाई होगी।
जिलाधिकारी ने मौके पर चल रहे बचाव कार्यों को भी अपनी देखरेख में कराते रहे। किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए वहां एनडीआरएफ की टुकड़ी तैनात कर दी गई है। हालांकि अभी तक खतरे जैसी कोई स्थिति नहीं है। बाढ़ विभाग से लेकर पूरा प्रशासनिक अमला मौके पर डटा हुआ है। कटान को रोकने की पुरजोर कोशिश की जा रही है।