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कश्मीर की शक्सगम घाटी में तेजी से सड़क बना रहा है चीन ! : सूत्र

 आर्मी ने किया इनकार
    2 अगस्त 2018 ।।
    (सुहास मुंशी)

    इन दिनों भारत और चीन के बीच बड़े पैमाने पर कूटनीति का दौर चल रहा है. लेकिन इसी बीच चीन दो विवादित जगहों पर सड़कें बनाने में जुटा है । डोकलाम में जहां 73 दिनों तक दोनों देशों के सेनाओं के बीच तनाव का दौर रहा था, वहां सड़क बन ही रही है । इसके अलावा पीओके की शक्सगम घाटी में भी निर्माण कार्य चल रहा है ।
    सूत्रों ने बताया है कि शक्सगम घाटी में ऐसे सड़क का निर्माण किया जा रहा है जो हर मौसम में काम कर सके. दरअसल इन इलाकों में काफी ज़्यादा बर्फबारी होती. यहां काम काफी तेजी से चल रहा है ।शक्सम घाटी सियाचिन के उत्तर में स्थित है ।ये न सिर्फ दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र है बल्कि भारतीय सुरक्षाबलों के लिए ये एक रणनीतिक तौर पर बेहद अहम इलाका है ।


    सूत्रों के मुताबिक, चीन यहां पहले से ही लगभग 75 किलोमीटर की सड़कें तैयार कर चुका है. ये सड़क करीब 10 मीटर चौड़ी है. यहां काम काफी तेज़ी से चल रहा है. बताया जा रहा है कि इस रोड का निर्माण शक्सगम नदी के पूर्वी तट पर किया जा रहा है. इन इलाकों में इन दिनों अस्थायी मकान और गाड़ियां देखी जा रही है. सूत्रों के मुताबिक डोकलाम विवाद के बाद यहां सड़क बनाने का काम शुरू हुआ था ।

    जब सेना प्रमुख जनरल बिपीन रावत को इस साल की शुरुआत में शक्सगम घाटी में चीनी निर्माण गतिविधि के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कहा था, 'ये एक बहुत संकीर्ण घाटी है. वहां कोई निर्माण कार्य नहीं चल रहा है. चीनी सड़क शस्कगम घाटी से नहीं गुज़रती है '।

    इस साल जनवरी में प्रिंट में प्रकाशित एक खबर में दावा किया गया था कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने 36 किलोमीटर का सड़क बनाया है. इसमें लिखा गया था कि "सैटेलाइट इमेज से पता चलता है कि ये नई सड़क शस्कगम घाटी में चीन के दो मिलिट्री पोस्ट को जोड़ता है. इसमें से एक पोस्ट को पीएलए का हेडक्वार्टर माना जाता है."

    ट्रांस काराकोरम ट्रैक्ट यानी शक्सगम घाटी कश्मीर के उत्तरी काराकोरम पर्वतों में शक्सगाम नदी के दोनों ओर फैली हुई है. ये भारत के जम्मू-कश्मीर राज्य का हिस्सा हुआ करता थी जिसे 1948 में पाकिस्तान ने अपने नियंत्रण में ले लिया. 1963 में एक सीमा समझौते के तहत पाकिस्तान ने इस क्षेत्र को चीन को भेंट कर दिया. भारत अभी भी इसे जम्मू-कश्मीर राज्य का हिस्सा मानता है.

    इन दिनों भारत और चीन के बीच कूटनीति का दौर चल रहा है. इसके बावजूद यहां सड़क निर्माण का काम चल रहा है. भारतीय प्रधानमंत्री और चीनी राष्ट्रपति ने जून के अंत में वुहान में अनौपचारिक शिखर सम्मेलन में मुलाकात की और फिर जून में एससीओ शिखर सम्मेलन के दौरान भी दोनों नेता मिले थे. चीनी विदेश मंत्री इस साल के अंत में दिल्ली पहुंचने वाले हैं. इसके अलावा चीनी राष्ट्रपति भी 2019 में भारत आने के लिए अपनी सहमति दे दी है.

    बुधवार को लोकसभा में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि चीन के साथ लंबे वक्त तक चला डोकलाम विवाद कूटनीतिक तरीके से सुलझा लिया गया है ।
    (साभार न्यूज 18)