पन्नेलाल को सर्वोच्च न्यायालय से मिली अंतरिम जमानत, 8 माह से उच्च न्यायालय मे लंबित था बेल एप्लीकेशन
भ्रष्टाचार के मामले मे आरोप सिद्ध करना पुलिस के लिये हो सकता है मुश्किल
मधुसूदन सिंह
बलिया।। वर्ष 2024 के सबसे चर्चित केसों मे से एक थाना नरही वसूली कांड के मुख्य आरोपी बनाये गये तत्कालीन थानाध्यक्ष पन्नेलाल को सर्वोच्च न्यायालय ने राहत देते हुए अंतरिम जमानत दे दी है। अंतरिम जमानत मिलने के बाद पन्नेलाल की शीघ्र रिहाई हो सकती है। बता दे कि अपनी गिरफ्तारी के बाद पन्नेलाल ने माननीय उच्च न्यायालय प्रयागराज मे जमानत याचिका दायर की थी। लेकिन यह याचिका विगत 8 माह से लंबित थी। इसी को आधार बनाकर पन्नेलाल ने माननीय सर्वोच्च न्यायालय मे स्पेशल याचिका दायर कर जमानत देने की गुहार लगायी थी।
माननीय सर्वोच्च न्यायालय मे दायर याचिका मे कहा गया है कि आवेदक के पास से कोई भी वसूली की रकम प्राप्त नहीं हुई है और न ही आवेदक का पिछला इतिहास क्रिमिनल का रहा है। साथ ही यह भी कहा गया है कि आवेदक पर जो आरोप लगाये गये है, उसमे न तो उम्र कैद की और न ही फांसी की सजा हो सकती है और न ही इस केस की सुनवाई एक साल मे संभव है। ऐसे मे लगभग एक साल से बंद आवेदक को जमानत पाने का मौलिक अधिकार है। जबकि सरकार की तरफ से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि आवेदक द्वारा संगठित रूप से बक्सर बलिया सीमा पर आने जाने वाले वाहनों से अवैध वसूली का रैकेट चलाया जा रहा था। ऐसे आरोपी को जमानत नहीं मिलनी चाहिये।
बता दे कि ऐसे मुक़दमों मे सरकारी पक्ष को सैकड़ो गवाहों को प्रस्तुत करना पड़ता है, जिसमे सालों लग जाते है और इसके बाद जीराह और बहस होती है। ऐसे मे आरोपियों को बहुत दिनों तक जेल मे नहीं रखा जा सकता है। इसी का लाभ पन्नेलाल को मिला है। स्पेशल लिव पेटीशन 9438,9439/2025 मे यह आदेश 18 जुलाई 2025 को हुआ है।
ये थी घटना
बता दें कि 24 जुलाई 2024 की रात एडीजी वाराणसी जोन और डीआईजी आजमगढ़ की रेड के बाद कुल 18 लोग गिरफ्तार किए गए थे। ट्रकों से पुलिसकर्मियों द्वारा अवैध वसूली की शिकायत पर सीएम योगी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। शासन ने एसपी देव रंजन वर्मा को हटा दिया था। साथ ही एडिशनल एसपी का भी तबादला कर दिया गया। इसी के साथ सीओ को सस्पेंड किया गया था ।