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असम आरएसएस प्रचारक के बोल : भारत धर्मशाला नहीं है, पूरे देश में लागू होने चाहिए NRC
असम आरएसएस प्रचारक के बोल : भारत धर्मशाला नहीं है, पूरे देश में लागू होने चाहिए NRC

31 जुलाई 2018 ।।
(इरम आगा)
असम में आरएसएस प्रचार प्रमुख शंकर दास ने कहा कि एनआरसी का विरोध बेकार में किया जा रहा है. इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, "हम चाहते हैं कि हमारे जैसे आत्म-निर्भर और आत्म-सम्मानित देश के लिए ये पूरे भारत में होना चाहिए. यह जानना बहुत ज़रूरी है कि हमारे वास्तविक नागरिक कौन हैं. हमारी समस्या इतनी बड़ी है कि सिर्फ जनगणना इसके लिए पर्याप्त नहीं है. मैं खुश हूं कि इस काम को असम से शुरू किया गया ।
असम में आरएसएस प्रचार प्रमुख शंकर दास ने कहा कि एनआरसी का विरोध बेकार में किया जा रहा है. इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए. उन्होंने आगे कहा, "हम चाहते हैं कि हमारे जैसे आत्म-निर्भर और आत्म-सम्मानित देश के लिए ये पूरे भारत में होना चाहिए. यह जानना बहुत ज़रूरी है कि हमारे वास्तविक नागरिक कौन हैं. हमारी समस्या इतनी बड़ी है कि सिर्फ जनगणना इसके लिए पर्याप्त नहीं है. मैं खुश हूं कि इस काम को असम से शुरू किया गया ।
शंकरदास ने कहा, "हमारे देश में कुछ लोग वीज़ा एक्सपायर होने के बाद भी रह रहे हैं. हमारा देश धर्मशाला नहीं है. 1971 में शुरू हुई ये समस्या असम में तो और भी बहुत बड़ी है. बांग्लादेश से यहां आकर बस गए ये लोग हमारे देश के लिए बहुत बड़ा खतरा हैं."।
विपक्षी पार्टियां एनआरसी का इसका विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि इससे राज्य के भीतर दरार पैदा हो जाएगी. इस बात का भी डर है कि जो लोग नागरिकता होने की योग्यता पूरी नहीं कर पायेंगे, उनकी वजह से दुनिया की सबसे बड़ी 'स्टेटलेस' आबादी बन सकती है. सोमवार को नागरिकों के लिए पब्लिश किए गए 'ड्राफ्ट नेशनल रजिस्टर' पर चुनाव आयोग ने असम के मुख्य चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है ।
दास ने कहा कि किसी को डरने की ज़रूरत नहीं है, लोगों को
अपनी नागरिकता को सिद्ध करने के लिये काफी मौका मिलेगा ।हम लोग दशकों से इसके लिए कोशिश कर रहे हैं. इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए ।
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि असम समझौते पर 1985 में तत्कालीन पीएम राजीव गांधी द्वारा हस्ताक्षर किया गया था और वो समझौता एनआरसी की आत्मा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इसको मुद्दा बनाया था. नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो बांग्लादेशी इमीग्रेंट्स को वापस भेजा जाएगा ।
विपक्षी पार्टियां एनआरसी का इसका विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि इससे राज्य के भीतर दरार पैदा हो जाएगी. इस बात का भी डर है कि जो लोग नागरिकता होने की योग्यता पूरी नहीं कर पायेंगे, उनकी वजह से दुनिया की सबसे बड़ी 'स्टेटलेस' आबादी बन सकती है. सोमवार को नागरिकों के लिए पब्लिश किए गए 'ड्राफ्ट नेशनल रजिस्टर' पर चुनाव आयोग ने असम के मुख्य चुनाव अधिकारी से रिपोर्ट मांगी है ।
दास ने कहा कि किसी को डरने की ज़रूरत नहीं है, लोगों को
अपनी नागरिकता को सिद्ध करने के लिये काफी मौका मिलेगा ।हम लोग दशकों से इसके लिए कोशिश कर रहे हैं. इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए ।
बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि असम समझौते पर 1985 में तत्कालीन पीएम राजीव गांधी द्वारा हस्ताक्षर किया गया था और वो समझौता एनआरसी की आत्मा है. 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने इसको मुद्दा बनाया था. नरेंद्र मोदी ने कहा था कि अगर बीजेपी सत्ता में आई तो बांग्लादेशी इमीग्रेंट्स को वापस भेजा जाएगा ।
असम आरएसएस प्रचारक के बोल : भारत धर्मशाला नहीं है, पूरे देश में लागू होने चाहिए NRC
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
on
July 31, 2018
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