शिवसेना की योजना : हम तो डूबेंगे सनम(बीजेपी) ,पर तुमको भी नही छोड़ेंगे सनम

- मुम्बई 31 जुलाई 2018 ।।
भाजपा की रणनीति से उद्धव ठाकरे इतने परेशान हो गए हैं कि अपने विधायकों को यह साफ कर दिया कि शिवसेना भले सत्ता में ना आए लेकिन भाजपा नहीं आनी चाहिए । उद्धव ने यह भी साफ कर दिया कि पार्टी केवल 120 सीटों पर फोकस करेगी और जिसमें 70 से 75 सीट हर हाल में हासिल करनी होगी । जाहिर है बीजेपी के लिए यह अच्छी खबर नहीं है ।
शिव सेना के नेताओ के अनुसार बीजेपी ने पिछले बीएमसी चुनाव के बाद से ही संबंध बिगाड़ लिए हैं । अब तक महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले 30 सालों से चाहे कांग्रेस हो या भाजपा यहां तक कि शरद पवार सब की सोच यही रही कि मुंबई और ठाणे को शिवसेना के लिए छोड़ दिया जाए, भले ही बाकी राज्य में विस्तार किया जाए लेकिन बीजेपी ने मुंबई और ठाणे में भी शिवसेना के किले में सेंध लगा दी । 36 में से बीजेपी के 15 विधायक चुनकर आ गए हैं । साथ ही महानगरपालिका में भी शिवसेना के 84 कॉरपोरेटर हैं तो बीजेपी के 82 ।
शिव सेना के नेताओ के अनुसार बीजेपी ने पिछले बीएमसी चुनाव के बाद से ही संबंध बिगाड़ लिए हैं । अब तक महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले 30 सालों से चाहे कांग्रेस हो या भाजपा यहां तक कि शरद पवार सब की सोच यही रही कि मुंबई और ठाणे को शिवसेना के लिए छोड़ दिया जाए, भले ही बाकी राज्य में विस्तार किया जाए लेकिन बीजेपी ने मुंबई और ठाणे में भी शिवसेना के किले में सेंध लगा दी । 36 में से बीजेपी के 15 विधायक चुनकर आ गए हैं । साथ ही महानगरपालिका में भी शिवसेना के 84 कॉरपोरेटर हैं तो बीजेपी के 82 ।
जाहिर है अब शिवसेना को अपने अस्तित्व पर संकट नजर आने लगा है । ऐसे में उद्धव की रणनीति साफ है कि पहले बीजेपी को रोकना जरूरी है क्योंकि कांग्रेस और एनसीपी उसका वोट नहीं लेते. उद्धव ने अपने बेटे आदित्य के साथ मिलकर रणनीति बना ली है कि दिसंबर में सरकार से हाथ खींच लिए जाएंगे ताकि चुनाव अगर लोकसभा के साथ भी हो तो उनकी तैयारी पूरी रहे ।
बीजेपी भी अब शिव सेना से बराबरी का रिश्ता चाहती है । सन 2009 तक शिवसेना राज्य की 288 सीटो में से 171 सीटों पर चुनाव लड़ती थी और बीजेपी 117 पर लेकिन 2014 के चुनाव में दोनों अलग-अलग लडे़ क्योंकि बीजेपी आधी-आधी सीट का फॉर्मूला चाह रही थी । मोदी लहर के कारण बीजेपी को कामयाबी मिली और उसकी सबसे ज्यादा 122 सीट आ गई ।
अब बीजेपी फिर से आधी सीटों से चुनाव लड़ना चाह रही है, इससे कम पर राजी नहीं है. शिवसेना जानती है कि ऐसा किया तो राज्य की आधी सीटों से उसका जनाधार हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा. शिवसेना इसके लिए तैयार नहीं ।
शिवसेना के संगठन मंत्री अनिल देसाई के अनुुुसार उद्धव ठाकरे पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी और अमित शाह से मुलाकात के बाद भी कह चुके हैं कि अब अकेले लड़ेंगे । ऐसे में वापस जाना संभव नहीं है ।
वैसे भी शिव सेना की नज़र विधान सभा चुनाव पर है लोकसभा की उसे चिंता नहीं है । पिछली बार मोदी लहर में उसके 18 सांसद चुनकर आए थे लेकिन अलग-अलग लड़ने पर यह संख्या दहाई से नीचे आ सकती है । उद्धव की पहली प्राथमिकता मुंबई और राज्य में शिवसेना को बचाने की है. शिवसेना के रणनीतिज्ञ इस बात के लिए भी तैयार है कि जरूरत पड़ने पर एनसीपी, कांग्रेस के उम्मीदवार को भी मदद दे सकते हैं ।
शिवसेना के संगठन मंत्री अनिल देसाई के अनुुुसार उद्धव ठाकरे पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी और अमित शाह से मुलाकात के बाद भी कह चुके हैं कि अब अकेले लड़ेंगे । ऐसे में वापस जाना संभव नहीं है ।
वैसे भी शिव सेना की नज़र विधान सभा चुनाव पर है लोकसभा की उसे चिंता नहीं है । पिछली बार मोदी लहर में उसके 18 सांसद चुनकर आए थे लेकिन अलग-अलग लड़ने पर यह संख्या दहाई से नीचे आ सकती है । उद्धव की पहली प्राथमिकता मुंबई और राज्य में शिवसेना को बचाने की है. शिवसेना के रणनीतिज्ञ इस बात के लिए भी तैयार है कि जरूरत पड़ने पर एनसीपी, कांग्रेस के उम्मीदवार को भी मदद दे सकते हैं ।
शिवसेना की योजना : हम तो डूबेंगे सनम(बीजेपी) ,पर तुमको भी नही छोड़ेंगे सनम
Reviewed by बलिया एक्सप्रेस
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July 31, 2018
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