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विपक्षी दलों ने लोकसभा अध्यक्ष की चिट्ठी का दिया जबाब - BJP शुरू कर रही 'लोकतंत्र के लिए घातक' नए-नए ट्रेंड

विपक्षी दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष से किया सवाल - क्या उन्होंने सदन के नेता को भी पत्र लिखकर कहा है ऐसी ‘‘प्रवृत्ति’’ पर पूर्ण रोक लगाने को ?

    नईदिल्ली 17 जुलाई 2018 ।।
    सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन को एक पत्र लिख कर कहा कि संसद के बजट सत्र के दौरान उभरी प्रवृत्ति पर काबू नहीं पाया गया तो यह देश के संवैधानिक लोकतंत्र के लिए घातक साबित हो सकता है ।
    सत्तारूढ़ पार्टी पर आरोप लगाते हुए पत्र में कहा गया है कि उसने संविधान तथा नियमों की गरिमा को कम किया । विपक्षी दलों के नेताओं ने लोकसभा अध्यक्ष से पूछा कि क्या उन्होंने सदन के नेता को भी पत्र लिखकर ऐसी ‘‘प्रवृत्ति’’ पर पूर्ण रोक लगाने को कहा है , प्रधानमंत्री सदन के नेता हैं ।
    सुमित्रा महाजन ने पिछले हफ्ते विपक्षी दलों को पत्र लिखकर संसद में लगातार व्यवधान पर चिंता व्यक्त की थी । उन्होंने विपक्ष से सहयोग की भी अपील की थी ।
    विपक्षी नेताओं ने दावा किया कि बजट सत्र के दौरान संविधान और नियमों के प्रति ‘‘पूरा अनादर’’ देखा गया ।उन्होंने कहा कि सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से जिस तरह से निपटा गया, वह चिंताजनक है ।
    उन्होंने कहा, ‘‘ बजट सत्र एक और प्रवृत्ति का गवाह था, अगर इस पर काबू नहीं पाया गया तो यह हमारे संवैधानिक लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगा.’’।
    इस पत्र पर लोकसभा की विभिन्न विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं. इनमें कांग्रेस, माकपा, समाजवादी पार्टी, राकांपा, आईयूएमएल, भाकपा, राजद आदि शामिल हैं ।
    हस्ताक्षर करने वालों में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और ज्योतिरादित्य सिंधिया, भाकपा के मोहम्मद सलीम, सपा के धर्मेंद्र यादव, राकांपा नेता तारिक अनवर, आप नेता भगवंत मान और भाकपा के सी एन जयदेवन शामिल हैं ।

    उन्होंने बजट पारित कराने के तरीके पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि यह "बिना किसी बहस या चर्चा के" पारित किया गया था ।

    विपक्ष ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ पक्ष द्वारा नियमों और संविधान की पूरी तरह से उपेक्षा से अध्यक्ष और सदन की गरिमा में वृद्धि नहीं हुई ।एक के बाद एक तेरह दिनों तक सदन को अविश्वास प्रस्ताव की स्वीकार्यता पर निर्णय नहीं लेने दिया गया ।