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कुरीतियों की जकड़न : 11 साल की उम्र में तलाक मांग रही है बच्ची ,क्योंकि वो फिर स्कूल जाना चाहती है


भवेश सक्सेना
    30 जुलाई 2018 ।।
    घर की हलचलों और तैयारियों को देखकर 11 साल की नूही सोच रही थी कि कोई त्योहार या समारोह है. नूही खुश थी क्योंकि उसके हाथों पर मेंहदी लगाई जा रही थी, उसके लिए नये कपड़े आए थे और परिवार के सब लोग खुश दिख रहे थे. शाम को जब नूही को पता चला कि यह सब उसकी शादी की तैयारी के तौर पर हो रहा है तो उसके मन में बहुत से सवाल थे. सवालों के जवाब तो मिल रहे थे लेकिन नूही और उसके परिवार को यह अंदेशा तक नहीं था कि यह शादी नहीं नूही की बर्बादी का उत्सव चल रहा है ।

    शाम ढल चुकी थी और 11 साल की नूही को तैयार करने जब उसकी मां अमीरा पहुंची तो नूही ने पूछा कि शादी हो जाएगी तो वह स्कूल कैसे जाएगी? अमीरा ने कहा कि उसका पति उसे स्कूल जाने देगा. फिर नूही ने पूछा कि वह अपनी मां और परिवार के बगैर कैसे रहेगी तो उसकी मां ने कहा कि बेटियों को तो एक दिन शादी करके चले ही जाना होता है. नन्ही नूही को मन ही मन डर लग रहा था लेकिन वह समझने की एक्टिंग कर रही थी ।
    दुल्हन के रूप में तैयार हो जाने के बाद नूही रोते हुए अमीरा के गले से लगी और उसने कहा कि वह शादी नहीं करेगी. तब अमीरा ने उसे समझाते हुए कहा कि अगर वह शादी नहीं करेगी तो सब उसे बायरा और अगिर कहेंगे. नूही के लिए ये शब्द नये थे इसलिए उसने मतलब पूछा तो अमीरा ने समझाया कि समाज में जिन लड़कियों की शादी जल्दी नहीं होती, उन्हें बांझ या अनचाही माना जाता है. ऐसी लड़कियों को बायरा कहकर ताने दिये जाते हैं. अमीरा ने यह भी कहा कि नूही तो खुशनसीब है क्योंकि अदम ने खुद उसका हाथ मांगा ।

    अदम 38 साल का आदमी था जो नूही का दूल्हा बनने वाला था. जैसे ही नूही ने अपने दूल्हे को देखा तो वह इतने बड़े आदमी को देखकर डर गई और फिर अपनी मां से लिपटकर रोने लगी. नूही के लाख मना करने पर भी उसकी शादी कर दी गई और अगले दिन वह अदम के घर में थी. यहां उसने एक लड़की मीज़न को देखा जो उसका ध्यान रख रही थी. मीज़न ने बातों बातों में नूही को बताया कि वह अदम की पहली पत्नी है और वह भी नूही की तरह ही कम उम्र में ब्याह दी गई थी.

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    मीज़न को एक दो दिनों में ही नूही के साथ हमदर्दी हो गई थी क्योंकि नूही में उसे अपना बचपन भी दिखता था जो उससे इसी तरह छीन लिया गया था. अब अदम की ज़्यादतियों का सिलसिला शुरू हुआ. वह नूही के साथ यौन संबंध बनाने की कोशिश करता और नन्ही सी बच्ची नूही विरोध में रोती, चीखती. नूही के इस बर्ताव से अदम को गुस्सा आने लगता. अब नूही उसके लिए एक गुलाम, सेक्स गुलाम बनकर रह गई थी ।
    अदम कभी सिगरेट से दाग देता तो कभी नूही को बुरी तरह पीटता. बेहद डरी, सहमी रहने लगी नूही एक दो बार अपने पिता और मां से मिली और उन्हें अपना दुख सुनाया भी लेकिन उसके पिता ने हर बार नूही को किसी तरह समझा बुझाकर अदम के पास छोड़ दिया. नूही का दुख कम होने का नाम नहीं ले रहा था. अदम उस पर उसी तरह ज़ुल्म करता और नूही बिलखती रहती क्योंकि उसके पिता में उसे कोई सहारा नज़र नही आता ।

    नूही की इस हालत पर मीज़न को तरस आने लगा था. जब भी नूही को अदम अपने ज़ुल्म का शिकार बनाता तो मीज़न कुछ बीच बचाव की कोशिश करती लेकिन अदम के सामने उसकी भी एक न चलती. इसके बाद मीज़न ज़ख्मी नूही की देखभाल करती और उसे दिलासे देती. इस प्रताड़ना के समय में नूही को कभी अपना स्कूल याद आता और कभी मां का चेहरा. लेकिन अब नूही का एक ही सहारा थी मीज़न. इस दुख के कारण नूही और मीज़न का रिश्ता गहरा होता चला गया ।

    'लेकिन भागकर तू जाएगी कहां?' जब नूही ने मीज़न से मदद मांगी तब मीज़न ने यह सवाल किया. नूही क्रूरता के इस दलदल से निकल जाना चाहती थी. लेकिन 11 साल की बच्ची जाती कहां इसलिए मीज़न उससे सवाल करती रही. एक दिन मीज़न को तरस आ ही गया और उसने नूही के यहां से भागने का इंतज़ाम किया क्योंकि एक वक्त था जब वह खुद भी इस दलदल से निकलने की हसरत पाल बैठी थी लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली थी. मीज़न ने नूही को तमाम हिदायतें दीं और पुलिस व चाइल्ड हेल्पलाइन के पते भी बताए ।

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    नूही जैसे उस कैद से छूटी और सीधे पुलिस के पास पहुंची. रोती बिलखती नूही ने किसी तरह पुलिस को आपबीती सुनाई तो पुलिस ने उसकी मेडिकल जांच करवाई. मेडिकल जांच में पता चला कि नूही को बांधकर उसके साथ अत्याचार किए जाते रहे. इसके बाद नूही के पिता को पुलिस ने तलब किया और बातचीत हुई. अब हाल यह है कि जबरन ब्याह दी गई 11 साल की यह लड़की अपने पति से तलाक चाहती है और उसकी ख्वाहिश है कि पहले की तरह वह स्कूल जाकर पढ़ाई पूरी सके ।
    यह अफ्रीका के सूडान की कहानी है जहां बच्चियों को 10 साल की उम्र के बाद ब्याह देने की व्यवस्था को कानूनी मान्यता प्राप्त है. समाज और संस्कृति के दबाव के चलते ऐसा प्रचलन में भी है. इस कहानी में किरदारों की असली पहचान ज़ाहिर नहीं की गई है लेकिन घटनाएं पूरी तरह वास्तविक हैं और खिलौनों से खेलने की उम्र में एक लड़की तलाक की जंग लड़ रही है. इससे पहले सूडान में नॉरा का केस सामने आया था. 15 साल की उम्र में एक अधेड़ के साथ ब्याही गई नॉरा ने अत्याचारों से तंग आकर अपने पति को मार डाला था ।
    (साभार न्यूज 18)