कवयित्री चित्रा श्रीवास्तव की दो कृतियों - मेरा मन वृंदावन व दुलहिन दूलहु का भव्य लोकार्पण
चित्रा एक अलग अलौकिक दृष्टि एवं कल्पना की रचनाकार- रवीन्द्र कुशवाहा
प्रयागराज।ओहरियो ऑर्गेनाइजेशन के तत्वावधान में कवयित्री चित्रा विशाल श्रीवास्तव की काव्य कृतियों - ‘मेरो मन वृन्दावन’ एवं ‘दुलहिन दूलहु’—का लोकार्पण प्रयागराज स्थित ब्लू बेल स्कूल करेली सभागार में सुप्रसिद्ध अकादमी चित्रकार रवीन्द्र कुशवाहा की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। अध्यक्षीय संबोधन में कुशवाहा ने कहा कि दोनों पुस्तकों में राधा कृष्ण के अलौकिक प्रेम का सजीव चित्रण हुआ है स्वर कोकिला कवित्री चित्रा श्रीवास्तव ने ‘मेरो मन वृन्दावन’ में रसिक भक्त के हृदय में उठते वियोग व संयोग के भावों को गीत-पदों के माध्यम से अभिव्यक्त किया है, वहीं ‘दुलहिन दूलहु’ में श्यामा-श्याम के मध्य घटित सुंदर लीलाओं का काव्यमय चित्रण किया है। दोनों कृतियों की विशेषता यह है कि इनमें भावानुसार उपयुक्त चित्रों का समावेश है। उल्लेखनीय है कि चित्रा जी की यह ग्यारहवीं पुस्तक है। सर्वप्रथम अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर एवं मां सरस्वती पर माल्यार्पण करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात ओहरियो ऑर्गेनाइजेशन ने सभी अतिथियों को अंगवस्त्र, पुष्पदान प्रदान कर सम्मानित किया।
मुख्य अतिथि के रूप में राघवेन्द्र बहादुर सरल व श्रीमती सरला श्रीवास्तव उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथियों में श्रीमती कल्पना वर्मा, श्रीमती जया मोहन शामिल रहीं । मुख्य वक्ता में डॉ भगवान प्रसाद उपाध्याय रहे। संचालन प्रो.रवि कुमार मिश्र ने किया। ब्लू बेल स्कूल के प्रबंधक संदीप कुशवाहा के अतुलनीय सहयोग से यह कार्यक्रम से संपन्न हुआ।
अन्य वक्ताओं में कल्पना वर्मा, जया मोहन, मिली संजय ‘श्री’, इं. रंजन पाण्डेय, पंडित राकेश मालवीय ‘मुस्कान’, अजित श्रीवास्तव , मुक्तक सम्राट पाल प्रयागी डॉ राम सुख यादव एवं अन्नू श्रीवास्तव ने आध्यात्मिक पक्ष एवं चित्रमय प्रस्तुति को विशेष रूप से सराहा।
ओहरिओ की ओर से अदिति श्रीवास्तव एवं चित्रा विशाल श्रीवास्तव ने सभी अतिथियों, साहित्य प्रेमियों एवं उपस्थित जनों का स्वागत एवं आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का समापन प्रभंजन त्रिपाठी द्वारा किया गया।
इस अवसर पर साहित्यकार अनु श्रीवास्तव, डॉ.अरविंद मालवीय, मुक्तक सम्राट पाल प्रयागी, शरद श्रीवास्तव, राघवेन्द्र बहादुर श्रीवास्तव, प्रभंजन त्रिपाठी, मधुरिमा शर्मा, चेतना सिंह चितेरी, डॉ. मंजू प्रकाश, शैलेंद्र जय, ऋतु पाण्डेय, अदिति श्रीवास्तव, सुयश श्रीवास्तव, विवान शिवाय श्रीवास्तव, श्रिया, आदिल खां की गरिमामयी उपस्थिति रही।





