सीएम योगी ने किया “स्वदेशी मेला” का शुभारंभ, गरीबों को सौंपी घर की चाबी — बोले, उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं, देश का है ग्रोथ इंजन
दीपावली की सच्ची रोशनी तभी जब हर गरीब के घर जले स्वदेशी
गोरखपुर।। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को गोरखपुर की जनता को विकास और आत्मनिर्भरता की दोहरी सौगात दी। उन्होंने चंपा देवी पार्क, तारामंडल में “यूपी ट्रेड शो – स्वदेशी मेला” का शुभारंभ किया और देवरिया बाईपास स्थित पाम पैराडाइज हाउसिंग स्कीम में गरीब परिवारों को घर की चाबियाँ सौंपीं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली से पहले यह मेला और आवास वितरण आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में बड़ा कदम है। उन्होंने कहा कि “भारत का पैसा भारत में रहेगा तभी देश आत्मनिर्भर बनेगा। अगर यह पैसा विदेशों में गया तो यही धन अलगाववाद और नक्सलवाद को बढ़ावा देगा। इसलिए हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह स्वदेशी उत्पाद खरीदे, स्वदेशी उपहार दे और भारत के श्रम को सम्मान दे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली से पहले हर भारतीय कुछ न कुछ खरीदारी करता है। इस भावना को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने तय किया है कि इस बार प्रदेश के सभी 75 जनपदों में “स्वदेशी ट्रेड फेयर” आयोजित किया जाएगा, ताकि स्थानीय कारीगरों, उद्यमियों और हस्तशिल्पियों को मंच मिल सके। उन्होंने अपील की कि “दीपावली पर स्वदेशी खरीदें, स्वदेशी गिफ्ट दें — यही सच्ची देशभक्ति है।” उन्होंने मजाकिया लहजे में कहा, “ऐसा नहीं होना चाहिए कि रवि किशन स्वदेशी की बात करें और घड़ी विदेशी पहनें। जो बोला है वही करें और जो करें वही बोलें।”
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं, बल्कि देश का ग्रोथ इंजन बन चुका है। “2017 से पहले यहां उद्योग लगाना कठिन था, लेकिन बेहतर कानून-व्यवस्था और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस ने तस्वीर बदल दी है। आज प्रदेश में 96 लाख एमएसएमई इकाइयां सक्रिय हैं, जिनसे 2 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।” उन्होंने बताया कि यूपी अब देश के 55 प्रतिशत मोबाइल फोन का निर्माण करता है और जल्द ही इलेक्ट्रिक बसों का निर्माण भी शुरू होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेशी मेला न केवल आत्मनिर्भरता का प्रतीक है, बल्कि उत्तर प्रदेश के हुनर और उद्यमिता की झलक भी है। उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा में हाल ही में हुए यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में 500 से अधिक विदेशी खरीदार आए, जिससे प्रदेश के उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।
इस अवसर पर सीएम ने “सीएम युवा उद्यमी विकास अभियान” और “उत्तर प्रदेश वस्त्र एवं गारमेंटिंग नीति 2022” के अंतर्गत लाभार्थियों को चेक और प्रमाण पत्र वितरित किए। गोरखपुर की हिमांशी जैसी युवतियों और रमेश यादव जैसे उद्यमियों ने बताया कि इस योजना से मिली आर्थिक सहायता ने उनके जीवन की दिशा बदल दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि “गोरखपुर की बेटियां और युवा अब स्वदेशी के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार कर रहे हैं।”
इसी दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गरीबों के लिए “घर का सपना” भी साकार किया। पाम पैराडाइज हाउसिंग स्कीम में उन्होंने 160 परिवारों को ईडब्ल्यूएस और एलआईजी श्रेणी के फ्लैट्स की चाबियाँ सौंपीं। यह फ्लैट्स 35 से 41 वर्ग मीटर के हैं, जिनकी बाजार कीमत 13 से 20 लाख रुपये तक है, लेकिन सरकार की सब्सिडी से इन्हें मात्र 5.40 लाख और 10.80 लाख रुपये में उपलब्ध कराया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि “यह सिर्फ घर नहीं, बल्कि सम्मानजनक जीवन की शुरुआत है। एक परिवार में औसतन पांच से छह सदस्य हैं, यानी करीब 800 लोगों को दीपावली से पहले यह खुशी मिली है।”
उन्होंने कहा कि आवास वितरण पूरी पारदर्शिता से हुआ है। जीडीए की स्कीम में 40 विस्थापित परिवारों को प्राथमिकता दी गई और बाकी 120 परिवारों का चयन लॉटरी से किया गया। मुख्यमंत्री ने लोकेशन की सराहना करते हुए कहा कि “रामगढ़ ताल, जू और खोराबार जैसे विकसित क्षेत्रों के पास स्थित यह आवास हाई-राइज बिल्डिंग में सभी आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं। इनके रखरखाव के लिए आवासीय समितियाँ बनाई जाएँ, ताकि साफ-सफाई और लिफ्ट जैसी सुविधाएँ नियमित रूप से चलती रहें।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 11 वर्षों में देशभर में 4 करोड़ गरीबों को आवास मिल चुके हैं, जिनमें से 60 लाख घर उत्तर प्रदेश में बने हैं। उन्होंने कहा, “जब सरकार की नीयत साफ होती है तो गरीब का हक कोई नहीं छीन सकता। अब प्रदेश में माफियाओं की हवेलियाँ नहीं, गरीबों के मकान खड़े होंगे। प्रयागराज और लखनऊ में पहले ही माफियाओं से कब्जाई गई जमीन पर गरीबों के लिए मकान बन चुके हैं।”
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने लघु उद्योग मंत्री राकेश सचान और केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान के साथ प्रदेश की औद्योगिक प्रगति और आत्मनिर्भरता की दिशा में हो रहे कार्यों की जानकारी साझा की। सचान ने बताया कि 100 एकड़ में “सरदार वल्लभभाई पटेल औद्योगिक जोन” बनाने का प्रस्ताव कैबिनेट में पारित हुआ है, जिससे छोटे उद्यमियों को सस्ती जमीन मिलेगी।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने कहा कि “दीपावली की सच्ची रोशनी तभी होगी जब हर गरीब के घर का दीया जले और हर परिवार स्वदेशी की लौ जलाए। आत्मनिर्भरता का मंत्र केवल नीति नहीं, यह हर भारतीय का संकल्प है।”
गोरखपुर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का यह दौरा विकास, स्वदेशी और आत्मनिर्भरता के समन्वय का प्रतीक बन गया — जहाँ एक ओर गरीबों के घर में उजाला हुआ, वहीं दूसरी ओर स्वदेशी उत्पादों की रोशनी से प्रदेश आत्मनिर्भर भारत की दिशा में और प्रखर हुआ।